Ek Din Me Kitna Pani Pina Chahiye तो दोस्तों पानी एक ऐसी चीज है जिसके बिना ना कभी लाइफ पॉसिबल थी और ना ही आज पॉसिबल है अर्थ के अलावा भी सोलर सिस्टम में बहुत से प्लेनेट हैं लेकिन वहां लाइफ नहीं है क्योंकि वहां पानी नहीं है अब यह मत कहना कि जुपिटर और मार्स पर तो पानी है तो भाई वो पानी बहुत ट्रेस अमाउंट में है और है भी कि नहीं यह भी कंफर्म नहीं है अभी हां एकदम चलो टॉपिक पर वापस आते हैं,
खाने के बिना हम लगभग तीन हफ्तो तक जिंदा रह सकते हैं लेकिन पानी के बिना तीन दिन जिंदा रहना भी बहुत मुश्किल है पर अफसोस की बात बात यह है कि हम इंसान अक्सर सबसे जरूरी चीज को ही सबसे ज्यादा नजरअंदाज कर देते हैं आप यह जानकर हैरान हो जाओगे कि आप कब कैसे और कितना पानी पीते हो केवल इस छोटी सी बात से आपकी सेहत पर कितना बड़ा असर पड़ता है, चाहे हार्ट, लिवर, डाइजेस्टिव सिस्टम,
जैसे- वाइटल ऑर्गन्स की फंक्शनिंग हो या बालों का झड़ना हो या फिर स्किन प्रॉब्लम्स और इनसोम्निया यह सब पानी पीने के तरीके और क्वांटिटी पर निर्भर करता है
पानी पीने का सही तरीका | Ek Din Me Kitna Pani Pina Chahiye
आयुर्वेद की माने तो पानी अगर सही तरीके से पिया जाए तो वो एक दवा है अगर गलत तरीके से पिया जाए तो वो एक जहर है यानी पानी बॉडी में जैसे जाता है वैसा ही असर करता है अब यह आपके हाथ में है कि आप इसे वरदान बना लेते हो या श्राप बना लेते हो इसलिए आज का यह लेख बहुत स्पेशल है इसमें हम बात करेंगे पानी पीने के सही तरीके के बारे में और लास्ट में मैं आपको दूंगा एक बहुत ही यूनिक 21 डेज चैलेंज जिसे फॉलो करके आप अपनी हेल्थ की काया पलट कर सकते हो तो चलिए बिना किसी डिले के हम डायरेक्ट आते हैं काम की बात पर,
दोस्तों पानी पीने के सही तरीके को जानने से पहले हम यह समझ लेते हैं कि पानी हमारी बॉडी में करता क्या है और बॉडी में पानी का मेटाबॉलिज्म कैसा होता है मेटाबॉलिज्म ऑफ वाटर इन बॉडी आपको प्यास क्यों लगती है हमारे ब्रेन के हिपोस्टल होता है जैसे ही हमारे बॉडी फ्लूइड की उस मोलालिटी बढ़ती है तो यह सेंटर एक्टिवेट हो जाता है आम भाषा में कहे तो जैसे ही बॉडी फ्लूइड पानी की कमी के कारण गाढ़े होने लगते हैं तो हमें प्यास लगती है आपको प्यास लगी आपने पानी पिया अब यह पानी आपके मुंह और एसो फेगस तो होता हुआ आपके पेट में जाएगा यहां पानी 15 से 20 मिनट तक रुकता है
और धीरे-धीरे इंटेस्टाइन की ओर बढ़ता है पानी का 90 पर अब्जॉर्प्शन स्मॉल इंटे इंटेस्टाइन में होता है और बाकी का 10 पर लार्ज इंटेस्टाइन से होता हुआ मल के रास्ते से बॉडी से बाहर निकल आता है स्मॉल इंटेस्टाइन में अब्जॉर्ब हुआ पानी ब्लड में मिक्स होकर बॉडी के बाकी हिस्सों में डिस्ट्रीब्यूटर है बॉडी सेल्स में पहुंचकर वो कई इंपॉर्टेंट मेटाबॉलिक रिएक्शंस में पार्टिसिपेट करता है
जैसे टेंपरेचर रेगुलेशन एनर्जी प्रोडक्शन और वेस्ट एलिमिनेशन इसी के साथ वो सेल्स का ऑस्मोटिक प्रेशर भी मेंटेन करता है जिसके कारण सेल्स एक पर्टिकुलर शेप में रहते हैं यह ऑस्मोटिक प्रेशर इतना इंपॉर्टेंट है कि इसके गड़बड़ होने से सेल बर्स्ट हो सकते हैं या श्रिंक हो सकते हैं बॉडी के सभी ऑर्गन्स तक न्यूट्रिएंट्स और ऑक्सीजन भी इसी पानी में डिसोल्व होकर ही पहुंचते हैं और साथ ही बॉडी में बनने वाला टॉक्सिन भी इसी पानी में घुल कर किडनी से या फिर पसीने के थ्रू बॉडी से बाहर निकलते हैं
21 दिन इस तरह पानी पियो शरीर में जो होगा हैरान रह जाओगे How to Drink Water
यानी पानी एक और काम अनेक पानी के बारे में इतना कुछ जानने के बाद अब शायद आप समझ गए होंगे कि पानी को सही तरीके से पीना कितना जरूरी है तो आइए जानते हैं इस तरीके के बारे में इसे आसान बनाने के लिए मैंने चार पार्ट्स में डिवाइड किया है पानी कितना पिए कैसे पिएं कब पिएं और किस तरह पिए आते हैं पानी कितना पिए पे य तो आपकी वाटर रिक्वायरमेंट आपकी लाइफस्टाइल आपके आसपास का मौसम आपकी उम्र और आपकी डाइट जैसे कई फैक्टर्स पर डिपेंड करती है
बट ऑन एन एवरेज एक मॉडरेटली एक्टिव मैन को दिन में 3 से 4 लीटर पानी पीना जरूरी है वहीं विमेन को 2 से 3 लीटर यानी लगभग 8से 12 ग्लासेस बेसिकली अपनी वाटर रिक्वायरमेंट का अंदाजा लगाने के लिए एक सीधा सा फंडा है हमारी बॉडी से पानी तीन तरीके से बाहर जाता है यूरीन पसीना और मल इन तीनों में से किसी सोर्स से पानी की आउटगोइंग बढ़ गई है तो डिहाइड्रेशन से बचने के लिए इनकमिंग भी आपको बढ़ानी होगी जैसे अगर आप ज्यादा वर्कआउट करते हो या मौसम गर्म है
और आपको ज्यादा पसीना आ रहा है या फिर आपको बार-बार पेशाब आ रहा है या फिर डायरिया की प्रॉब्लम है तो ये हुई रिक्वायरमेंट की बात अब बात करते हैं कि अगर आपने रिक्वायरमेंट से कम या ज्यादा पानी पिया तो क्या होगा अगर आपने रिक्वायरमेंट से कम पानी पिया तो आप डिहाइड्रेट हो सकते हैं जिसका असर आपको शायद एकदम से ना दिखे लेकिन धीरे-धीरे इससे आपको ड्राई स्किन किडनी ब्लेडर में स्टोंस कॉन्स्टिपेशन गैस और थकान जैसी कई प्रॉब्लम्स हो सकती हैं
एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में लगभग 40 पर लोग ऐसे हैं जो अपने रिक्वायरमेंट से कम पानी पीते हैं और इनमें से ज्यादातर लोग माइल्ड डिहाइड्रेशन का शिकार हैं बॉडी में पानी की कमी का पता लगाने का सबसे आसान तरीका है आपके यूरिन का कलर अगर आपका यूरिन गहरा पीला है तो इसका मतलब है आपके शरीर में पानी की कमी है नॉर्मल यूरिन एकदम हल्का पीला होना चाहिए
तो अगर आपका यूरिन गहरा पीला है जैसे ही आपको यह साइन दिखे आप अपना वाटर इंटेक बढ़ा दो जिस तरह कुछ लोग कम पानी पीते हैं उसी तरह कुछ लोग सोशल मीडिया स सिटी के ज्ञान से एक्स्ट्रा मोटिवेट होकर दे हराधन पानी पीने लगते हैं लेकिन भाई अति सर्वत्र वर्जे यानी एक्सेस ऑफ एवरीथिंग इज बैड कुछ ऐसा ही पानी के साथ भी है ज्यादा पानी पीने से किडनी को ज्यादा काम करना पड़ता है
जिससे किडनी पर प्रेशर पड़ता है हमारी किडनी एक घंटे में ज्यादा से ज्यादा 1 लीटर पानी फिल्टर कर सकती है अगर आप इससे ज्यादा पानी पी रहे हो तो यह पानी फिल्टर नहीं हो पाता और आपके ब्लड में पानी का लेवल बढ़ जाता है जिससे ब्लड में मौजूद सभी माइक्रो न्यूट्रिएंट्स डाइल्यूट हो जाते हैं इन सब में सबसे इंपॉर्टेंट है सोडियम ब्लड में सोडियम का लेवल कम होने से हार्ट और ब्रेन पर नेगेटिव इंपैक्ट पड़ता है
ब्रेन में सिग्नल ट्रांसमिशन प्रॉपर्ली नहीं हो पाता जिससे हेडेक कंफ्यूजन और चक्कर आ सकते हैं इसके अलावा ब्लड प्रेशर का कम होना या हार्ट रेट स्लो होने जैसी प्रॉब्लम भी आ सकती है इसके अलावा भी आपको इनडाइजेशन लूज मोशन फ्रीक्वेंसी इट्स यानी शरीर में पानी
जमा होना और सूजन जैसे कई तकलीफों का सामना केवल इसलिए करना पड़ सकता है कि आपने जरूरत से ज्यादा पानी पीलिया इसलिए एक जनरल रूल याद रखो कि आपको दिन में 5 लीटर से ज्यादा और 1 घंटे में 700 एए से ज्यादा पानी नहीं पीना है एक बार पानी पीने के लगभग 40 से 45 मिनट बाद ही दूसरी बार पानी पीना है पानी कैसे पिए पानी कैसे पिए यह जानने से ज्यादा जरूरी यह है कि पानी कैसे ना पिए
आप कैसे पानी पीते हो बोतल उठाई और गिलास भरा और गटागट पी लिया आधे मिनट से भी कम समय में है ना अरे पानी ही तो है फिर चलते फिरते कभी भी पी लो बिल्कुल नहीं क्योंकि जब आप एकदम से बहुत सारा पानी से पेट भर लेते हो तो तो पेट की इनर लाइनिंग जिसे म्यूकोसा कहते हैं उसे इरिटेट करता है जिसके कारण ज्यादा एसिड बनने लगता है और आगे चलकर आपको एसिडिटी और इंडा सेशन हो सकता है
इसके साथ ही एकदम से ढेर सारा पिया गया पानी ब्लड में अब्जॉर्ब होता है तो ब्लड डाइल्यूट हो जाता है और इसे बाहर निकालने के लिए किडनी को तेजी से काम करना पड़ता है ऐसे में कई बार किडनी बिना प्रॉपर फिल्ट्रेशन के ही पानी बाहर निकाल देती है जिससे पानी में मौजूद बहुत सारे माइक्रो न्यूट्रिएंट्स भी बाहर निकलकर वेस्ट हो जाते हैं और उसकी कमी हमें बाहर
से पूरी करनी पड़ती है आप सोच रहे होंगे कि हम तो सालों से ऐसे ही पानी पी रहे हैं भाई क्या फर्क पड़ता है तो ऐसा है फर्क पड़ता है आपकी वर्किंग कैपेसिटी पर आपकी स्किन के ग्लो पर आपके मूड पर आपके बालों की लंबाई पर और ऐसी ही ना जाने कितनी छोटी-मोटी चीजों पर जिसे मॉडर्नाइजेशन के रेस में दौड़ते हुए आपने ना जाने कब से भुला दिया है
इसलिए पानी को आप जितना धीरे-धीरे घूंट भरते हुए आराम से पियोगे उतना ही एफिशिएंटली वो आपके शरीर में इस्तेमाल होगा आपके मुंह में मौजूद सलाइवेरी एमएलएस नाम का एंजाइम भी इस पानी में घुल करर आपके पेट में पहुंचेगा जो
आपको एसिडिटी खट्टी डकार कॉन्स्टिपेशन और इनडाइजेशन से बचाएगा इस तरह पानी पीने से डाइजेस्टिव प्रोसेस दुरुस्त रहती है और खाने में मौजूद एक-एक न्यूट्रिएंट अब्जॉर्ब होता है तो आपको बाहर से महंगी मल्टीविटामिन की गोलियां नहीं खानी पड़ती हैं एक हेल्दी डाइट ही बहुत है दूसरी इंपॉर्टेंट बात है कि पानी को कभी भी खड़े-खड़े ना पिएं पानी हमेशा बैठकर आराम से पिएं
आयुर्वेद में लिखा है कि खाने को पानी बनाकर यानी कि ज्यादा से ज्यादा चबाकर मुंह में लिक्विड कर कर खाना चाहिए और पानी को खाना समझकर धीरे-धीरे बैठकर आराम से पीना चाहिए जब आप खड़े होकर पानी पीते हो तो पेट में ज्यादा देर तक नहीं रुकता वो सीधा इंटेस्टाइन में अब्जॉर्ब हो जाता है जहां से ब्लड में और ब्लड से फिर किडनी में जाकर उसका लोड बढ़ा देता है जब हम खड़े होते हैं तो बॉडी फाइड और फ्लैट मूड में होती है जिसके कारण कुछ भी प्रॉपर्ली यूटिलाइज नहीं होता बैठकर पानी पीने से बॉडी रेस्ट एंड रिलैक्स मूड में होती है
जिससे पानी प्रॉपर्ली अब्जॉर्ब और यूटिलाइज होता है एक और चीज जो बहुत देखने को मिलती है वो ये कि आजकल लोग सीधा बॉटल से या फिर बॉटल को मुंह ना लगाते हुए ऊपर से पानी पी लेती हैं ऐसा करने से पानी के साथ-साथ एयर भी बॉडी में चली जाती है जिससे बॉडी में वात दो बढ़ता है जैसे जॉइंट पेन अर्थराइटिस इनडाइजेशन ब्लोटिंग ड्राई स्किन पिंपल्स और रशेस जैसी 21 अलग-अलग तरह के हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं अब बात आती है कि पानी कब पिए यह कौन सा सवाल है भाई जब प्यास लगे तब पी लो पानी हमें तब पीना चाहिए
जब बॉडी को इसकी जरूरत हो सुबह जब आप सोकर उठते हो तो बॉडी को पानी की सबसे ज्यादा जरूरत होती है क्योंकि उसे रात भर की डिहाइड्रेशन दूर करनी होती है रात में चले रेस्ट एंड रिपेयर मैके एजम में जो टॉक्सिंस प्रोड्यूस हुए हैं उसे बाहर निकालना होता है और डाइजेस्टिव ट्रैक्ट की भी सफाई करनी होती है इसलिए सुबह आपको सबसे ज्यादा पानी पीना चाहिए इसी तरह दोपहर में बाहर का टेंपरेचर ज्यादा होता है आप एक्टिव होते हो तब भी बॉडी को पानी की रिक्वायरमेंट होती है पर जैसे ही शाम ढलने लगती है बॉडी रेस्ट फेज में जाने के लिए तैयार होने लगती
बहुत से मेटाबॉलिक रिएक्शंस बंद हो जाते हैं इसलिए पानी की रिक्वायरमेंट भी कम हो जाती है आपको भी इसी तरह शाम के बाद कम पानी पीना है और रात में सोते समय तो भूलकर भी ज्यादा पानी नहीं पीना चाहिए इससे सबसे पहला फायदा तो यह होगा कि कि आपको बार-बार नींद से उठकर सुसू करने नहीं
जाना पड़ेगा और दूसरा कि आपको बहुत सारे डाइजेस्टिव इश्यूज से भी छुटकारा मिलेगा नेक्स्ट इंपॉर्टेंट बात आती है कि आपको कभी भी खाना खाने के तुरंत बाद या पहले पानी नहीं पीना चाहिए दरअसल जैसे ही हमें भूख लगती है बॉडी खाना पचाने के लिए तैयार होने लगती है सभी डाइजेस्टिव जूसेक्स होने लगते हैं ऐसे में जब आप पानी पी लेते हो तो ये जूसेयो हो जाते हैं और खाना प्रॉपर्ली डाइजेस्ट होने के बजाय सड़ने लगता है जिसे बहुत से टॉक्सिंस बनते हैं बहुत से लोग कहते हैं ना कि खाते तो हम बहुत हैं लेकिन शरीर को नहीं लगता वही इसलिए क्योंकि आप खाने के बाद पानी जो पी
लेते हो ना डाइजेशन होता है ना ही न्यूट्रिएंट का अब्जॉर्प्शन उल्टा टॉक्सिंस और बन जाते हैं तो कैसे बढ़ेगा भाई शरीर हां अगर कभी ज्यादा ही जरूरत लगे तो एक दो घूंट पानी पी सकते हो लेकिन उससे ज्यादा नहीं इसके अलावा किसी फ्रूट को खाने के तुरंत बाद या किसी गर्म चीज को खाने या पीने के तुरंत बाद भी पानी नहीं पीना चाहिए क्योंकि फ्रूट्स में ऑलरेडी बहुत पानी होता है ऐसे में और पानी आपके बॉडी के वाटर बैलेंस को बिगाड़ सकता है वहीं गर्म चीज के बाद पानी पीने से गर्म सर्द के कारण आपका गला खराब हो सकता है और इससे ही दांतों में मौजूद एनामेल भी डैमेज
होता है अचानक खेलने दौड़ने या किसी तरह के वर्कआउट जिससे आपका शरीर गर्म हो गया हो उसके तुरंत बाद भी पानी नहीं पीना चाहिए क्योंकि इससे बॉडी के टेंपरेचर में एकदम बदलाव आता है और आपको इनडाइजेशन गला खराब होना या फीवर जैसी प्रॉब्लम्स आ सकती है इसलिए पहले आराम से बैठ जाओ शरीर को ठंडा होने दो उसके बाद ही पानी पियो अब आखिरी में बात आती है कि पानी हम किस टेंपरेचर का प ज्यादातर लोग क्या करते हैं गर्मियों में फ्रिज का पानी पीते हैं और सर्दियों में गर्म पानी पीते हैं पर सच तो यह है कि पानी ना तो ज्यादा ठंडा ना ज्यादा गर्म होना चाहिए क्योंकि दोनों
केसेस में बॉडी को पहले पानी को नॉर्मल टेंपरेचर पर लाना पड़ता है उसके बाद ही शरीर उसे इस्तेमाल करता है इस प्रोसेस में बहुत सारी प्रेशियस एनर्जी कंज्यूम होती है जिसे आप किसी और जरूरी काम में इस्तेमाल कर सकते थे इसलिए आपने अक्सर देखा होगा कि फ्रिज के पानी पीने वालों को सुस्ती महसूस होती है क्योंकि बॉडी की बहुत सारी एनर्जी तो पानी को नॉर्मल टेंपरेचर पर लाने में ही वेस्ट हो जाती है इसलिए सबसे बेहतर है कि आप नॉर्मल टेंपरेचर का पानी पियो या ज्यादा से ज्यादा हल्का गुनगुना खासकर अगर आप वजन कम करना चाहते हो और सारा दिन फुर्तीला
महसूस करना चाहते हो तो यह बहुत जरूरी है कि आप सही टेंपरेचर का ही पानी पियो अब जब आप पानी पीने का सही तरीका सीख गए हो तो बात करते हैं 21 डेज चैलेंज के बारे में चैलेंज कुछ ऐसा है कि आपको 21 दिन तक मेरे बताए गए तरीके से पानी पीना है और फिर कमेंट में आकर बताना है कि आपको कैसा महसूस हुआ और ये चैलेंज 21 दिन का इसलिए है क्योंकि किसी भी काम को हैबिट में बदलने के लिए 21 दिन लगते हैं और अगर आप पानी पीने का सही तरीका 21 दिन तक फॉलो कर लेते हो,
तो फिर यह आपकी आदत बन जाएगी और फिर इसे फॉलो करने में कोई दिक्कत नहीं आएगी और जिन लोगों को यह काम मुश्किल लग रहा है उन्हें मैं यह बता दूं कि भाई हॉस्पिटल का बिल भरने और मेडिकल स्टोर पर जेब खाली करने में इससे ज्यादा मुश्किल होती है किसी ने यूं ही नहीं कहा है कि हेल्थ इज वेल्थ अगर हेल्थ नहीं रहेगी तो ना तो वेल्थ कमा पाओगे और जो है वह भी खर्च हो जाएगी।
दोस्तों यह आर्टिकल Ek Din Me Kitna Pani Pina Chahiye पढने का बहुत शुक्रिया उम्मीद है आपको यह पसंद आया और इससे नया कुछ सिखने मिला तो दोस्तों यदि यह हिंदी लेख आपको अच्छा लगा तो आप इस लेख को शेयर कर सकते हैं। इसके अतरिक्त आप हमें comment लिखकर जरुर बताएं।
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