Genius Logo Ki Pehchan | बुद्धिमान लोगों की 7 आदतें

दोस्तों क्या आप भी किसी ऐसे व्यक्ति से मिले हो जो जोर-शोर से यह जताने की कोशिश कर रहा होता है कि वह कितना ज्यादा स्मार्ट या जीनियस है पर उसके बातों और बिहेवियर से साफ-साफ पता चल जाता है कि वह जैसा खुद को दिखा रहा है वह असल में वैसा है नहीं और वहीं कई लोग ऐसे भी होते हैं जिनके काम बहुत बड़े होते हैं पर उन्हें देखकर या उनके बातों से आप पता ही नहीं लगा पाओगे कि वह एक जीनियस है तथा Genius Logo Ki Pehchan ये भी है कि एक जीनियस हमेशा अपने आप को अंडरस्टीमेट करता है यानी वह जितने स्मार्ट और जीनियस होते हैं उस काम ही खुद को समझते हैं। 

Genius Logo Ki Pehchan

Genius Logo Ki Pehchan or 7 Signs You Are Genius And Intelligent |

एवं अगर आप उन्हें कहे भी कि तुम इंटेलिजेंट हो या तुम जीनियस हो तो फिर भी वह आपकी बात नहीं मानेंगे असल में कई बार तो उन्हें खुद को यह पता नहीं होता कि वह बाहर क्यों से अलग है और एक जीनियस है लेकिन कैसे पता चलता है कि कोई परसों जीनियस है या नहीं तो इसीलिए हम आपके साथ कुछ ऐसे साइंस शेयर करेंगे जो यह बताते हैं की एक परसों रियल में जीनियस है हो सकता है यह साइंस आपके अंदर भी हो और आपकी भी जीनियस लेवल की इंटेलीजेंस हो

1 They Like To BE Alone & Quite  

एक्चुअली जो लोग अक्सर दूसरे लोगों से ज्यादा मिलना पसंद नहीं करते लोगों से ज्यादा बात नहीं करते उन्हें अकेले रहना ज्यादा पसंद होता है तो ऐसे लोगों को बाकी लोग सीधा शर्मिला बेवकूफ इंट्रोवर्ट rude या फिर एटीट्यूड वाला व्यक्ति समझने लगते हैं जबकि अल्बर्ट आइंस्टीन बिल गेट्स लैरी पेज वारेन बुफेट इसाक न्यूटन और एलॉन मुस्क जैसे कई जेनेसिस में एक बात बड़ा देखी गई है कि यह सभी अकेले रहना और दूसरों से ज्यादा बात ना करना पसंद करते हैं

एवं एक स्टडी के अकॉर्डिंग जिन लोगों को दूसरों से बात करने में कोई इंटरेस्ट नहीं होता ना ही उन्हें लोगों से मिलना उनके साथ घूमने ज्यादा पसंद नहीं होता उन लोगों का दिमाग दूसरे लोगों के मुकाबले ज्यादा तेज और फॉक्स रहता है अगर आप एक जीनियस परसों हो तो आपको अकेले रहना बहुत ज्यादा पसंद होगा यह सबसे बड़ा साइन है जो एक जीनियस को एक एवरेज पर्सन से अलग बनाता है क्योंकि कई बार लोग अकेले पड़ने पर बहुत अनकंफरटेबल हो जाते हैं उन्हें हमेशा कोई ना कोई अपने साथ चाहिए होता है जिससे वह बात कर सके यह अपना टाइम पास कर सके तो वह अपना टाइम किसी और चीज में लगना शुरू कर देते हैं

वही जीनियस लोगों का फेवरेट टाइम ही वही होता है जब वह अकेले होते हैं जहां वह खुद के साथ टाइम स्पेंड करना पसंद करते हैं जिस टाइम को वो खुद के साथ टाइम स्पेंड करना पसंद करते हैं जिस टाइम को वह अच्छे से use भी करते हैं जहां वह एक्टिव इमेजिनेशन करते हैं प्लानिंग करते हैं या सिंपली लाइफ के बारे में सोचते हैं लेकिन कई लोग इसका गलत मतलब निकाल लेते हैं लोगों को लगता है कि ऐसे लोग बहुत रुड होते हैं या ऐसे लोगों के ज्यादा दोस्त नहीं होते ऐसे लोग जो बाकी लोगों से ज्यादा बात नहीं करते उनके अंदर एटीट्यूट होता है बल्कि ऐसा नहीं है जीनियस लोग दूसरों से ज्यादा खुद पर रेलिय करते हैं  जो कि उनको एक स्ट्रांग एडवांटेज देता है

2 They Take Cautious and Calculated Risk

दोस्तों हमारे फेवरेट क्रिकेटर एमएस धोनी की एक बात हमें हमेशा याद रहती है जो उन्होंने अपने इंटरव्यू में कही थी क्या लाइफ में रिस्क लेना जरूरी होता है लेकिन सिर्फ रिस्क लेने के लिए यूं ही कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहिए बल्कि आपको हमेशा प्रैक्टिकल कैलकुलेटर रिस्क लेना चाहिए

उनकी यही बात हम खुद अपनी लाइफ में भी हमेशा अप्लाई करते हैं अब देखो वैसे तो बिल गेट्स जिसे वन ऑफ द ग्रेटेस्ट रिस्क देकर भी माना जाता है क्योंकि लोगों को ऐसा लगता है कि बिल गेट्स ने माइक्रोसॉफ्ट क्रिएट करने के लिए हावर्ड से ड्रॉप आउट कर दिया था इसीलिए वह एक जीनियस और risktaker हैं जबकि सच तो यह है कि वह एक जीनियस इसलिए है क्योंकि उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट स्टार्ट करने के बाद भी कुछ समय तक हावर्ड से ड्रॉप आउट नहीं करा था

यह जानते हुए भी कि उनका आइडिया बहुत यूनिक है उन्होंने इम्मीडिएटली अपना कॉलेज छोड़कर उसे पर फुल टाइम काम नहीं कर बाकी उन्होंने पेशेंटली वेट कर और जब उन्हें लगने लगा कि वह इसे अपनी लिविंग मेंटेन कर सकते हैं तब जाकर उन्हें हार्वर्ड से ड्रॉप आउट कर और ज्यादातर जेनेसिस में यह क्वालिटी देखी जाती है कि उनका राशनल मन बहुत एक्टिव होता है वह हर डिसीजन को बहुत सोच समझ कर लेते हैं इसीलिए वह यूं ही सिर्फ अपनी इंस्टेंट के अकॉर्डिंगरिस्क नहीं ले लेते बल्कि वह अपने राशनल माइंड का use करके कैलकुलेटर रिस्क लेने का ही ट्राई करते हैं

3 They Talk To Themselves A Lot 

काफी रिसर्च के बाद देखा गया है कि जीनियस लोग सबसे ज्यादा खुद से बात करते हैं क्योंकि एक सीरीज आफ एक्सपेरीमेंट्स में उस बेस्ड साइकोलॉजिस्ट डेनियल स्विंगली एंड कैरी लूपिन ने देखा कि सेल्फ टोक से तीन मेजर कॉग्निटिव बेनिफिट्स होते हैं

फर्स्ट बेनिफिट है कि उस मेमोरी बहुत अच्छी हो जाती है वह परसों ज्यादा चीज याद रखना लगता है वह परसों ज्यादा चीज याद रखना लगता है और साथी इससे वह रेजर कर फॉक्स डेवलप करने लगता है कई बार आपने भी नोटिस कर होगा कि आप खुद से बात करने में इतना बिजी हो जाते हो कि आप आसपास की चीजों से डिस्टर्ब ही नहीं होते आप उसे एक मोमेंट में थाम से जाते हो

आपके आसपास क्या चल रहा होता है उसे आप कट होकर सिर्फ उसे एक थॉट में डूब जाते हो जिससे आप उसे एक थॉट पर पूरा फोकस करके क्लेरिटी मिलती है और यही से प्रक्रिया अगर हम हर रोज बार-बार करते रहते हैं तो हम अपने एनवायरमेंट और किसी भी चीज से distract नहीं होते हमारा फोकस और क्लेरिटी हमारे लाइफ के खुद के और हर चीज के प्रति बढ़ता रहता है सो अगर आप भी खुद को अक्सर अपने आप से बात करते हुए पाए हो और आपका ज्यादातर टाइम अपने ही दिमाग में खुद से बात करते हुए बिताता है तो उसके बहुत हाई चांसेस हैं कि आपकी जीनियस लेवल की इंटेलीजेंस

4 Quantity Over Quality 

दोस्तों बहुत से लोगों का मानना है कि सिर्फ क्वालिटी इंपॉर्टेंट होती है क्वांटिटी नहीं लेकिन जो लोग एक्सपीरियंस और थोड़े ज्यादा स्मार्ट होते हैं वह क्वालिटी और क्वांटिटी दोनों की इंपोर्टेंस समझते हैं क्योंकि असल में आपके एक्शंस की ज्यादा से ज्यादा क्वांटिटी ही आपको क्वालिटी की तरफ ले जाती है आप सीधा ही सिर्फ कुछ एफर्ट्स में क्वालिटी प्रोड्यूस नहीं कर सकते

फॉर एग्जांपल शेक्सपियर ने दो डॉकेट में 37 प्लेस और 154 सोनट्स लिखे थे आइंस्टीन को उनकी थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी के लिए जाना जाता है लेकिन साइंस की फील्ड में उनके नाम के एप्लीकेशंस भी रजिस्टर्ड है टाइम को उनकी थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी के लिए जाना जाता है लेकिन साइंस की फील्ड में उनके नाम के 248 पब्लिकेशंस भी रजिस्टर्ड है

एवं Dean Simonton की एक रिसर्च के अकॉर्डिंग हाली क्रिएटिव लोग हर बार बेटर ओर क्वालिटी आइडिया जनरेट नहीं करते बल्कि वह बस बाकी लोगों से ज्यादा ideas जनरेट करते हैं जिसमें से एक सक्सेसफुल या बेस्ट क्वालिटी वाला आईडिया बन जाता है

इससे रिलेटेड एक स्टडी भी करी गई थी जिसमें दो ग्रुप को एक पॉट बनाने को कहा गया एक ग्रुप को बोला गया कि आपको मिल्क जितने ज्यादा हो सके उतने पोट्स बनाने हैं वहीं दूसरे ग्रुप को कहा गया कि आपको एक ही पार्ट बनाना है जो की बहुत ही हाई क्वालिटी का हो

जिसके रिजल्ट में यह देखा गया कि जिन्हें ज्यादा क्वांटिटी में पोट्स बनाने के लिए बोला गया था उसमें कुछ पार्ट्स की क्वालिटी उन पार्ट्स से बहुत ज्यादा अच्छी थी जिन्हें सिर्फ एक ही हाई क्वालिटी पार्ट बनाने को कहा गया था

तो इन शॉर्ट जीनियस लोग बेस्ट क्वालिटी या बेस्ट Ideas का वेट नहीं करते बल्कि वह अपने ideas एफर्ट्स और एक्शंस के क्वांटिटी ज्यादा रखते हैं जिसमें से उनका कोई एक आईडिया बेस्ट क्वालिटी लाकर सक्सेसफुल हो जाता है रिमेंबर क्वालिटी लाने के लिए पहले क्वांटिटी जरूरी है

5 They Overthink A Lot

दोस्तों जीनियस लोगों का मन बहुत ही ज्यादा तेज काम करता है जो आसानी से रिलैक्स नहीं कर पाता हमेशा किसी प्रॉब्लम या सॉल्यूशन में उलझाई रहता है इसी वजह से उनमें ओवरथिंकिंग एंजायटी और स्ट्रेस के साइंस भी देखे जाते हैं और इसी और थिंकिंग और स्ट्रेस के कारण उनमें बैठे-बैठे पैर हिलाने से रात तक जागने या नाखून चबाने जैसी कई डिफरेंट आदत है देखी गई है

एवं जर्नल ऑफ़ बिहेवियर थेरेपी एंड एक्सपेरिमेंटल सायकेट्री में पब्लिश्ड हुई एक रिसर्च में एक साल तक कुछ पार्टिसिपेंट्स को ट्रैक कर गया और पता चला कि जिन लोगों को नाखून चबाने की आदत थी उनका आईक्यू लेवल बाकी लोगों से ज्यादा देखा गया था ऐसी कई veard हैबिट जीनियस लोगों के अंदर होती है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब इंसान ज्यादा सोच में पड़ जाता है तो कई लोगों में नल बैटिंग जैसी कई वेट हैबिट्स इंवॉलंटरी एक्शन बन जाती हैं जो उनके लिए स्ट्रेस बस्टर की तरह भी काम करती हैं

क्योंकि कई बार जीनियस इंटेलिजेंस वाले लोग चीजों के बारे में इतना डीप लेवल पर सोचते हैं या और थिक करते हैं कि जिससे फिर उनमें स्ट्रास और एंजाइटी के सिम्टम्स बिल्ड हो जाते हैं

6 They Procastinate For Their Own Benefit 

अमेरिकन साइंस ऑथर एंड प्रोफेसर एडम एंड ग्रैंड कहते हैं कि माना प्रोक्रेस्टिनेशन आपकी प्रोडक्टिविटी का दुश्मन हो सकता है लेकिन यही प्रोक्रेस्टिनेशन आपकी क्रिएटिविटी का भी रिसोर्स हो सकता है अब अगर आपको नहीं पता तो हम बता दें कि प्रोटेस्टिनेशन का मतलब टालम-टोली करना किसी काम को अभी ना करना और उससे बात के लिए टालना होता है

लेकिन हमें तो अक्सर यह कहा जाता है कि प्रोक्रेस्टिनेशन बहुत बुरा होता है कई सेल्फ बुक्स में यह बात लिखी गई है कि सक्सेसफुल होने के लिए आपको प्रोक्रेस्टिनेशन को बीट करना ही होगा जो की बिल्कुल सच है

लेकिन कभी कभार कुछ टाइम के लिए किसी चीज को टालना और फिर कुछ टाइम बाद उसे पर फिर से काम करना यह आपकी आदत आपकी क्रिएटिविटी को और इंक्रीज करती है जिससे अच्छा प्रोक्रेस्टिनेशन भी कहा जा सकता है तभी कई जेनेसिस का बेस्ट वर्क प्रोक्रेस्टिनेशन का ही रिजल्ट है

लियोनार्डो दा विंची ने वर्ल्ड की मोस्ट फेमस पेंटिंग मोनालिसा को ईयर 1503 में बनाना शुरू किया था जिसे फिनिश करने में उन्हें 16 साल लग गए और जब वह ऑलमोस्ट अपनी डेथ के क्लोज आ गए थे तब तक वह इस पेंटिंग पर काम करते रहे बट ऐसा नहीं था कि उन्होंने अपना सारा काम छोड़कर वह बस इसी पेंटिंग को बना रहे थे बल्कि वह एक पेंट और के साथ इंजीनियर साइंटिस्ट थियेरिस्ट स्कल्पचर और आर्किटेक्ट भी थे और कई हिस्टोरियन ने यह कंफर्म कर है कि वॉइस पेंटिंग पर ऑन ऑफ कम कर रहे थे एवं लियोनार्दो डा विंची को इस वर्ल्ड के कुछ सबसे बड़े जीनियस और प्रोक्रेस्टीनेटर्स में भी गिना जाता है

7 They Usually Have Higher Self Control

दोस्तों आपने अभी तक जान लिया होगा कि जीनियस इंटेलिजेंस वाले लोगों के अंदर कुछ अच्छी आदत भी होती है और कुछ बुरे भी लेकिन उन्हें आदतों में से उनके एक अच्छी आदत यह भी होती है कि वह अपने सभी आदतों को अपने हाई सेल्फ कंट्रोल की वजह से कंट्रोल भी कर लेते हैं सेल्फ कंट्रोल इंटेलिजेंस का एक बहुत इंपॉर्टेंट साइन है और अगर आपका अपने ऊपर बहुत हाई सेल्फ कंट्रोल है तो आप एक जीनियस पर्सन हो  क्योंकि आप अच्छी तरह से सेल्फ अवेयर ही नहीं हो कि आपके लिए क्या सही है और क्या गलत बल्कि उसे कंट्रोल भी कर सकते हो

2009 की यह स्टडी में एक्सपट्र्स ने कनक्लूड करा की जो लोग इंपलसिव डिसीजंस को रिजल्ट यानी कंट्रोल करते हैं और खुद के इमोशंस और एक्शंस पर अच्छे से कंट्रोल रखते हैं वह लोग ज्यादा इंटेलिजेंट और जीनियस होते हैं

 

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