Gujarati Business Tricks – गुजराती लोग व्यापार में अच्छे क्यों होते हैं?

Gujarati Business Tricks – गुजराती लोग धंधे में इतने सफल कैसे हो जाते हैं?

इंडिया की 140 करोड़ की पापुलेशन में से गुजराती और मारवाड़ी लोगों की पापुलेशन सिर्फ 5% है लेकिन इस कंट्री के 50% वेल्थ इन्हीं 5% लोगों के पास है। मुकेश अंबानी एक गुजराती है। लक्ष्मी मित्तल एक मारवाड़ी है। गौतम अडानी एक गुजराती हैं। बी के बिरला मारवाड़ी, अजीम प्रेमजी, कलौंजी मिस्त्री, उदय कोटक यह सभी गुजराती है आपको हर 5 बिजनेसमैन में से 3 बिजनेस मैन गुजराती और मारवाड़ी ही मिलेंगे और बात सिर्फ हमारे इंडिया तक की सीमित नहीं है गुजराती और मारवाड़ी लोग जहां जाते हैं वहां अपनी वेल्थ बना लेते हैं। 

Gujarati Business Tricks

अमेरिका की ही बात करें तो USA की 1% पापुलेशन इंडियन है जिनमें से थोड़े से गुजराती पटेल ने अमेरिका के 50% से ज्यादा Motels बिज़नेस के मालिक है पर ऐसा कैसे हैं इन गुजराती और मारवाड़ी लोगों को ऐसा क्या पता है जिससे हम जैसे आम लोग अनजान है यह ऐसा क्या करते हैं जो बाकी लोग अच्छे से नहीं कर पाते। 

इसका जवाब है धनदो यानि बिजनेस, बाकी लोग जब बिजनेस में फेल हो जाते हैं तो वह जॉब करते हैं गुजराती लोग इसका उल्टा करते हैं उन लोगों से जब जॉब नहीं होती तो वह बिजनेस करते हैं जैसे बिजनेस करना है इनके खून में है अगर आप गुजराती और मारवाड़ी लोगों के माइंडसेट को समझ के उनके जैसा बिजनेस I.Q और नॉलेज सीखना चाहते हो तो इस लेख को एंड तक जरूर पढ़िए। जहां आप Monish Pabrai की बुक द धन दो इन्वेस्टर से धंधों के पांच गोल्डन रूल्स के बारे में जानोगे जो आपका दिमाग खोल कर रख देंगे तो सबसे पहला रूल है। 

1. Invest In Simple Buisnesses

गुजराती पेटल्स अमेरिका आने से पहले युगांडा में अपना धंधा चलाते थे लेकिन वियतनाम वॉर  के दौरान उन्हें युगांडा छोड़कर अमेरिका आना पड़ा अब इस नए देश में जहां उन्हें इंग्लिश तक बोलते नहीं आता वहां कोई अच्छी जॉब ढूंढ के काम करना बहुत ही मुश्किल था और दूसरे कोई काम देख तो अमेरिका में कोरियन लोग ग्रोसरीज बिजनेस में थे चाइनीस लोग लॉन्ड्री बिजनेस चल रहे थे। इंडियन और पाकिस्तानी लोग ज्यादातर टैक्स या कैब चलाते थे ऐसे में पटेल को एक ऑपच्यरुनिटी दिखाई दी उनमें से एक पटेल ने देखा कि एक मोटेल के भारी साइन लगा हुआ था। 

जहां बैंक की तरफ से लिखा हुआ था फॉर साले $50000 उन्होंने अपना गुजराती दिमाग चलाया और सोचा कि वार की वजह से कोई बाहर तो निकल नहीं रहा और मोटेल्स सारे लॉस में चल रहे हैं लेकिन जब सब चीज ठीक हो जाएगी तो यह मोटेल बिजनेस वापस से प्रॉफिटेबल हो जाएगा यह बिजनेस भी कोई रॉकेट साइंस नहीं है। Motels का काम कई सालों से चला आ रहा है। ना ही इसमें टेक्नोलॉजी का कोई खतरा है ना ही इस बिजनेस के बंद हो जाने का कोई रिस्क है और सबसे इंपोर्टेंट इस बिजनेस को समझने के लिएउन्हें कोई ज्यादा दिमाग लगाने की भी जरूरत नहीं है। 

तो फिर क्या था उन्होंने जैसे तैसे $5000 की डाउन पेमेंट पर उसे 30 रूम के Motels को खरीद लिया। सभी पेटल्स उसे 30 रूम के मॉडल में खुद तीन-चार रूम लेकर रहने लगे। जिससे उनका रेंट बचता था और साथी उसे होटल में काम कर रहे सभी स्टाफ को नौकरी से निकलकर खुद सारा काम करने लगे सैलरी के पैसे भी बच गए। धीरे-धीरे जब सिचुएशन नॉर्मल होने लगी तो वह कम से कम दाम पर कस्टमर को रूम देने लगे उनका प्राइस इतना काम था

कि आसपास का सारा कंपटीशन ही खत्म हो गया ऐसा करते-करते उनकी सेल्स बढ़ने लगी। और जब सिचुएशन नॉर्मल हुई तो मोर्टल्स का यह डूबता हुआ बिजनेस खूब पैसे कमाने लगा जैसे-जैसे प्रॉफिट बढ़ा  वह अपने बिजनेस को एक्सपेंड करते गए और ऐसा करते-करते आज पेटल्स अमेरिका के 50% से ज्यादा मॉडल के मालिक हैं

हम में से ज्यादातर लोग सोचते हैं कि हमें एक ऐसा बिजनेस करना चाहिए जो सबके बस की बात ना हो जो हर कोई समझ के कॉपी न कर पाए वहीं गुजराती और मारवाड़ी लोग ऐसे ही बिज़नेस को करना पसंद करते हैं जिसे समझना बहुत ही आसान है अगर  चाहे तो हर आदमी उसे बिजनेस को कर सकता है वह इतना आसान जो है क्योंकि वह यह बात जानते हैं इंसान की तीन-चार्ज सिंपल सी नीड्स यानी ज़रूरतें होती हैं उन्हें नीड्स को पूरा करने के लिए सिंपल बिजनेस बनाओगे तो वह ज्यादा लंबे टाइम तक टिकेगा। 

2. Use Arbitrage 

मान लीजिए कोई साड़ी मुंबई में 15000 में मिल रही है लेकिन वहीं same साड़ी सूरत में 10000 की मिलती है तो अगर हम सूरत से 10000 में साड़ी खरीद के मुंबई में 15000 में बेचते हैं और 5000 का प्रॉफिट कमाते हैं तो यह arbitrage  कहलाएगा। अभी हमने जिस  arbitage की बात की वह उसे arbitage of place कहते हैं, यानी एक जगह से सस्ते में सामान उठाना और दूसरी जगह महंगे में भेज देना यह से चीज टाइम के साथ भी हो सकती है। 

फॉर एग्जांपल – गोल्ड की कीमत आज ₹60000 है और एक महीने बाद यह गोल्ड 65000 हो जाता है तो इसे बेचकर आप 5000 कमा लेते हो यह हुआ आर्बिट्राज ऑफ टाइम , इसके साथ एक होता है arbitrage of value जो की सबसे common  है और साथ ही सबसे इंपॉर्टेंट भी, जब भी आप किसी चीज की वैल्यू बढ़ा देते हो तो उसका प्राइस अपने आप बढ़ जाता है। 

फॉर एग्जांपल – मान लो कहीं रास्ते में आपकी गाड़ी खराब होकर बंद पड़ जाती है और आपके सामने ही ऑटोमोबाइल पार्ट्स की एक शॉप है लेकिन आपको नहीं पता है कि आपकी गाड़ी में क्या प्रॉब्लम है कौन सा पाठ खराब हुआ है कौन सा नहीं तो ऐसा नहीं है कि आप उसे दुकान पर जाकर बोलोगे मुझे यह सामान चाहिए और खुद गाड़ी ठीक कर लोगे बल्कि आप एक मैकेनिक को बुलाओगे वह खुद चेक करेगा दुकान से 5000 का सामान लेकर आएगा। 

आपकी गाड़ी ठीक करके देगा और आपसे लेकर ₹6000 उसने सामान खरीद 5000 का लेकिन उसे 5000 के साथ उसने जो वैल्यू दी वह थी 6000 की यह हुआ arbitage of value. तो जब भी आप कहीं अपना पैसा इन्वेस्ट कर रहे हो तो आर्बिट्राज पर जरूर फोकस करो कि कैसे आप टाइम जगह यह वैल्यू का उसे करके उसे इन्वेस्टमेंट से प्रॉफिट बना सकते हो। 

3. Heads I Win Tails I Don’t Lose Much 

धंधो का सबसे इंपॉर्टेंट रूल है, बिजनेस करो तो ऐसा करो जहां रिस्क कम से कम हो और प्रॉफिट ज्यादा से ज्यादा जहां लोग समझते हैं कि हाई रिवॉर्ड के लिए हाई रिस्क लेना जरूरी है वही धन दो फ्रेम वाक्य कहता है की रिपोर्ट तो है चाहिए लेकिन रिस्क कम से कम होना चाहिए इसीलिए पटेल ने जब $5000 के डाउन पेमेंट पर करके उसे मॉडल को खरीदा तो उन्होंने यही सोचा कि अगर यह बिजनेस एक महीने में डूबता भी है तो ज्यादा से ज्यादा 5000 डॉलर्स का ही नुकसान होगा। 

लेकिन अगर यह धंधा चल गया तो फिर कोई और काम करने की जरूरत नहीं पड़ेगी यानी हेड्स आई विल टेल्स आई डोंट लूज मच और सभी गुजराती मारवाड़ी और सिंधी लोग इसे सिंपल अप्रोच को फॉलो करके कोई भी बिजनेस करते हैं और यही रीजन है कि यहलोग अपने काम में एकदम बेस्ट होते हैं जिससे आपको भी फॉलो करना है एक ऐसा बिजनेस करो या ऐसी कंपनी में इन्वेस्ट करो जहां सब कुछ सही रहा तो आपका बहुत फायदा हो और अगर कुछ गलत हो जाए तो आपका ज्यादा नुकसान भी ना हो। 

4 Buy Businesses With Moat

आप किसी भी बिजनेस में अपना पैसा लगा रहे हो तो आपको यह पता होना चाहिए कि आपका बिजनेस में वह कौन सी खास बात है जो उसको अपने कंपीटीटर से बेटर बनती है जिससे moat कहते हैं जैसे किले के आसपास एक खाई होती है जो दुश्मन को उसे किले में घुसने से रोकते हैं ऐसे ही बिज़नेस में भी कुछ moats होते हैं। 

फॉर एग्जांपल मान लो आपके एरिया में एक ही जूस की दुकान है जहां हर कोई जूस पीता है अब अगर इस एरिया में एक और जूस की दुकान खुल जाए तो आपको अपना प्राइस कम करना पड़ेगा वरना लोग वहीं से जूस पंगे जो सस्ता देगा लेकिन अगर आपने अपने बिजनेस में moats बिल्ड कर रखें  तो आपको प्राइस कम करने की जरूरत नहीं है

जैसे आप same प्राइस में जूस की quantity थोड़ी सी ज्यादा देते हो आपके यहां सिर्फ फ्रूट से नहीं वेजिटेबल जूस भी मिलते हैं। आप अपनी दुकान पर अच्छे से हाइजीन मेंटेन रखते हो हाई क्वालिटी के cup और स्ट्रॉस use करते हो यह सभी चीज आपके लिए moat का काम करेंगे। फिर चाहे इलाके में कितनी भी दुकान खुल जाए लोग आपकी दुकान से ही जूस पीना पसंद करेंगे वह moats ही होते हैं जो एक बिजनेस को  अलग बनाते हैं।  अगर आप चाहते हो कि आपका धंधा बरकरार रहे तो उन सभी छोटी-छोटी चीजों को अच्छा करने पर ध्यान दो जिससे आपके कंपीटीटर्स इग्नोर कर रहे हैं। 

5. Buy Distressed Buisness In Distressed Industries

इस रूल के हिसाब से हमें किसी भी बिजनेस में तब इन्वेस्ट करना चाहिए बिजनेस ज्यादा अच्छे से चल नहीं रहा हो क्योंकि जब भी कोई बिजनेस प्रॉब्लम में होता है तो जरूरी नहीं है कि वह हमेशा ही इस प्रॉब्लम में रहे और ऐसे टाइम पर बिजनेस की मार्केट वैल्यू बहुत कम हो जाती है जिनके शेयर्स को आप बहुत ही कम प्राइस में खरीद सकते हो। 

इसी रूल को फॉलो करके गुजराती पटेल ने मोटेल बिजनेस में इन्वेस्ट कर क्योंकि उसे टाइम की सिचुएशन की वजह से कोई इतना ट्रैवलिंग नहीं कर रहा था जिसकी वजह से हॉस्पिटैलिटी और टूरिज्म इंडस्ट्री ही घाटे में चल रही थी और मोटल का बिजनेस तो एकदम सॉलिड था उन्हें वह बिजनेस सेल पर मिल रहा था इस अपॉर्चुनिटी को देखते हुए उन्होंने एक distressed बिजनेस को कम प्राइस पर खरीद लिया इस रूल को खुद वारेन बुफेट भी फॉलो करते हैं। 

अमेरिकन एक्सप्रेस ईयर 1963 में एक salad or  scandal घोटाले में फंस गई थी जहां उसे कंपनी के स्टॉक प्राइस बहुत ज्यादा काम हो गए थे और वह कर्ज में आ गई थी Warren Buffett बहुत टाइमसे इस कंपनी के बारे में रिसर्च कर रहे थे जहां उन्होंने देखा कि इस कंपनी के फंडामेंटल्स बहुत स्ट्रॉन्ग है कंपनी का बिजनेस मॉडल बहुत सॉलिड है कंपनी के पास रिकॉर्ड्स एकदम क्लियर है पर इस घोटाले की वजह से मार्केट में कंपनी की रेपुटेशन थोड़ी सी डाउन हो गई जो कि कुछ टाइम बाद सब भूल जाएंगे

उन्होंने देखा कि यह एक टेंपरेरी लॉस है जो मार्केट के सेंटीमेंट की वजह से हुई है जिसकी वजह से यह कंपनी बहुत ज्यादा डिस्काउंटेड प्राइस में मिल रही है और यह देखकर वारेन बफे ने टोटल कंपनी के 5% हिस्से को सिर्फ 20 मिलीयन डॉलर्स में खरीद लिया और आज वारेन बुफेट अपनी कंपनी berkshire hathaway के जरिए अमेरिकन एक्सप्रेस के टोटल 19.57% स्टेक होल्ड करते हैं जिसकी वैल्यू अराउंड 24.92 बिलियन से इसीलिए किसी भी बिजनेस को खरीदने टाइम आपको उसके price प् पर बहुत ज्यादा ध्यान देना चाहिए और हमेशा उन बिज़नेस पर फोकस करना चाहिए जिनकी मार्केट वैल्यू बहुत कम है।  

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