How Be Mentally Strong-मेंटली स्ट्रोंग कैसे बनें।  

 How Be Mentally Strong (मानसिक रूप से मजबूत कैसे बने)  

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1 How Be Mentally Strong (मानसिक रूप से मजबूत कैसे बने)

How Be Mentally Strong- दोस्तों हम सब कभी न कभी अपनी लाइफ में मुश्किल और बुरी परिस्थिति को अनुभव करते ही हैं लेकिन ऐसी सिचुएशन से जल्द बाहर वही लोग निकल पाते हैं, जो लोग मेंटली स्ट्रोंग होते हैं। साइकोलॉजी और शोधकर्ता कहते हैं कि लोग मेंटली स्ट्रोंग पैदा नही होते बल्कि मेंटली स्ट्रोंग होना एक चॉइस है और एक व्यक्तित्व का रूप है।

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जो कि लोग टाइम, आदतें, सीखने और अनुभवों के बाद विकसित करते हैं। तो आइये जानते हैं मेंटली स्ट्रोंग लोगों के वो 11 आदतें जो शायद आपके अन्दर अभी आलरेडी हैं और अगर आपके अन्दर नही हैं तो आप इस आर्टिकल को पढ़ कर mentally strong व्यक्ति बन सकते हैं।

1. They Can’t Be Taken Advantage Of (उनका फायदा नहीं उठाया जा सकता)

Mentally Strong लोग दुसरो को अपना फायदा नही उठाने देते। मानवीय समाज में रहने का मतलब है, दुसरो के साथ रिश्ते बनाना और एक दुसरे कि वक्त आने पे मदद करना लेकिन मानसिक रूप से मजबूत लोगो को ये पता होता है कि कौन कब उनका फायदा उठाने कि कोशिश कर रहा है या उनका यूज करना चाहता है। उन्हें पता लग जाता है कि कब उनकी रिलेशनशिप अतिभावुक या काबू से बाहर हो रही है

और फिर वो परिस्थिति और लोगो को उसी हिसाब से नियंत्रण भी करते हैं। वो नादान बनके दुसरो को ये हक़ नही देते के सामने वाला उन्हें कुछ भी कह सकता है या लाइन क्रॉस कर सकता है बल्कि वो एक सीमा बनाकर रखते है जिसको क्रॉस करना वो हर किसी को allow नही करते। इसका मतलब ये नही के मेंटली स्ट्रोंग लोग attitude वाले होते हैं या वो आलोचना सुनना ही नही चाहते बल्कि वो ऐसा इसलिए करते हैं

क्यूंकि उन्हें अपनी ताकत और कमजोरियों का आलरेडी पता होता है और उन्हें रचनात्मक आलोचना पसंद होता है, न कि गलत और घृणित (hateful) ओपिनियन उन्हें बिलकुल भी पसंद नहीं होता।

2. They Know How To Say No (वे जानते हैं कि कैसे ना कहना है)

उन्हें पता होता है कि नही (No) कैसे बोला जाता है। कई बार हमारा न बोलना ही जरुरी होता है और मेंटली स्टोंग लोग बहुत ही स्पष्ट होने के साथ ही रूचिकर भी होते हैं यानि को वो दुसरो को ना बोलने के साथ ही इस बात का भी ध्यान रखते हैं कि वो ना बोलते समय अशिष्ट शब्द न उपयोग करें और वो ऐसे वाक्यांशों का उसे नही करते, मुझे नही लगता कि में ऐसा कर सकता हूँ , ओ! मुझे यकीन नहीं है, बल्कि वो स्पष्ट नो (no) बोलते हैं।

और कुछ इस तरीके से के वो असभ्य साउंड न करें। ऐसे फैसले लेना जो दुसरो को हार्ट कर सकते हैं, इसके लिए साहस चाहिए लेकिन एक ऑथेंटिक और अच्छी लाइफ जीने के लिए नो बोलना जरुरी होता है।

3. They Like To Ask And Give Constructive Criticism (वे रचनात्मक आलोचना पूछना और देना पसंद करते हैं)  

 एक mentally strong person देखने में बहुत ही सुलझा और शांत लग सकता है लेकिन मेंटली स्ट्रोंग लोगो को ये पता होता के उनकी अन्दर भी कुछ कमजोरियों और कमियां हैं, जिनपे काम करके वो ओर बेतर हो सकते हैं इसीलिए वो लोग सराहना करते हैं जब लोग उन्हें सही सलहा और सही criticism देते हैं उसी प्रकार जब वो देखते है के किसी विशेष लाइफ के एरिया में उनके फ्रेंड या नोन person को कुछ सुधार करने कि जरुरत है तो वो उस person के साथ उसे डिस्कस करके उसे constructive criticism देते हैं और साथ ही सलूशन भी देते हैं ताकि वो person भी उन्ही की तरह सुधार कर सके।

4. They Say Exactly What They Mean (वे वही कहते हैं जो उनका मतलब होता है)

वो वही कहते हैं जो ठीक-ठीक कहना चाहते हैं। मेंटली स्टोंग लोगो को ये पता होता है कि जो शब्द वो बोल रहे हैं वो उनपे खुदपे रिफ्लेक्ट होते हैं या उलटा भी पड़ सकते हैं तो इसीलिए वो वही कहते हैं जो एक्साक्ट्ली कहना चाहते हैं और अपने बोले जाने वाले शब्दों पे गोर करके बोलने से आप अपनी बात को सही तरीके से रख पाते हैं

और साथ ही सामने वाले person को भी कोई उलझन नही रहती ऐसा करके मेंटली स्ट्रोंग लोग उन सिचुएशन से दूर रहते पते हैं जहाँ बातचीत में कोई confusion उत्पन्न हो रही हो या सामने वाला person उनकी बात को बिलकुल उल्टा ले जाये क्यूंकि वो हमेशा aware रहने कि कोशिश करते हैं कि वो क्या बोल रहे हैं।

5. They Are Very Flexible And Adaptable (वे बहुत लचीले और अनुकूलनीय हैं)

वो बहुत ही फ्लेक्सिबल और adaptable होते हैं। मेंटली स्ट्रोंग लोग लाइफ कि हर सिचुएशन में फ्लेक्सिबल एक्ट कर सकते हैं। क्यूंकि उन्हें पता होता है, कि बदलना या बदलाव का डर एक बहुत बड़ा रिकॉर्ड बन सकता है। उनकी सक्सेस और हैप्पीनेस के बीच में। एक ओपन mind रखना हेल्प करता वो मौका और रस्ते देखने में जहाँ बाकियों को डर और असफलता दिखते हैं

और सिचुएशन एंड स्थिति के अनुसार खुद को बदलना और बदलाव को अनुकूल बनाना एक लगातार पॉवर प्रदान करता है। मुश्किल सिचुएशन में भी तो जितना जल्दी हम सिचुएशन के अनुसार खुद को बदल लेते हैं, उतने ही हम मेंटली स्मार्ट और स्ट्रोंग बनते जाते हैं।  

6. They Mostly Focus On Solutions (वे ज्यादातर समाधान पर ध्यान केंद्रित करते हैं)

प्रॉब्लम और सिचुएशन के लिए बैठ के पछताने की जगह मेंटली स्ट्रोंग लोग सोचते हैं, कि आखिर ऐसा क्यूँ हुआ कैसे हुआ मुझे इससे क्या सिखने को मिला और अब जो हो गया है, उसका सलूशन क्या है?  देखो हम लाइफ में प्रोब्लेम्स को अनदेखा करना या उनसे भाग नही सकते और उनको लेकर बेठे रहना भी सही नही है। तो प्रोब्लेम्स का सलूशन निकाल  के लाइफ में आगे बढ़ते जाना इस आजीवन यात्रा के लिए अच्छा है। 

और मेंटली स्ट्रोंग लोग प्रोग्रेस पर ज्यादा फोकस करते है, न कि एक ही जगह थमे रहने कि इसीलिए वो सामान्य समस्या पर अपनी एनर्जी और टाइम waste करने के जगह सलूशन पे ज्यादा फोकस करते हैं।

7. They Know They Can Be Wrong (वे जानते हैं कि वे गलत हो सकते हैं)

उन्हें पता होता है कि वो भी गलत हो सकतें है। कई लोगो को हमेशा सही बने रहने का ही शोक होता है। वो अपने बारे में दुसरो को ये दिखाते हैं कि वो कितने परफेक्ट है। सारी गलती तो बस सामने वाले व्यक्ति की ही है। या कभी उन्हें लगता है वो गलत प्रूफ होने वाले हैं, तो वो सामने वाले व्यक्ति को ही जिम्मेदार ठहरा देते हैं, लेकिन फिर भी Sorry नही कहते

और अपनी गलती नही मानते, लेकिन वही मेंटली स्ट्रोंग लोग अपनी गलती मानने या सॉरी बोलने में कमजोर फील नहीं  करते।  जब उन्हें लगता है कि गलती उनकी है क्यूंकि गलती होने पर सॉरी बोलना या माफ़ी मांगना weakness का sign नही होता, बल्कि ये sign होता है मेंटल और इमोशनल maturity का और ये तभी हो सकता है जब कोई person mentally strong हो। 

8. Sometime They Like To Be Alone (कभी-कभी वे अकेले रहना पसंद करते हैं) 

आज कि दुनिया में जहाँ हम ऑलमोस्ट 24 घंटे बाकि लोगो से कनेक्टेड हैं वहां से अलग होकर ब्रेक लेना हमारे लिए बहुत जरुरी होता है। और इस बात को वो अच्छे से समझते हैं इसलिए वो सिर्फ सोशल मीडिया कि दुनिया से ही नहीं बल्कि आस पास के लोगो से भी कुछ टाइम के लिए दूर होना जरुरी समझते हैं

और उनके लिए अकेले वक्त बिताना अपनी आत्म जागरूकता को बढ़ाने के जेसा होता है। जहाँ वो कुछ समय अकेले रहते हैं क्यूंकि उहे पता होता है कि अकेले वक्त बिताने का मतलब ये नहीं होता कि वो अकेले हैं।

बल्कि उन्हें अकेले टाइम सिर्फ इसलिए बिताना होता है। ताकि वो खुद को Improve कर सकें वो अपने दिमाग को रिफ्रेश कर के ये पता सकें, कि उनकी लाइफ में exactally चल क्या चल रहा है।  वो इस टाइम का उसे अपने स्वभाव को बिल्ड करने में और अपनी प्राथमिकता को ढूंढने में इस्तेमाल करते हैं।

9. They Can Control Their Emotions (वे अपनी भावनाओं को नियंत्रित कर सकते हैं) 

वो अपनी भावनाओं को अच्छे से कण्ट्रोल कर सकते हैं। हर कोई एक जैसा नहीं होता और हम रोजाना ही अलग-2 तरीके के लोगो से मिलते हैं। ये बात मेंटली स्ट्रोंग लोगो को अच्छे से पता होती है। वो रोज़ नेगेटिव और पॉजिटिव दोनों तरह के लोगो से मिलते हैं लेकिन वो दोने से ही भावनात्मक रूप से प्रभावित नहीं होते, स्वस्थ सीमाएं सेट करना कुछ ऐसा है

जैसे कि अपने think , feel और behave करने कि पॉवर को खुद के हाथ में ले लेना यानी के दुसरो कि बातों और एक्शनस से खुद भावनात्मक रूप से प्रभावित न होना और अपने इमोशन के अनुसार चलना नहीं बल्कि अपने भावनाओं को कण्ट्रोल करके खुद के अनुसार चलना।

10. They Know Their Limits (वे अपनी सीमा जानते हैं) 

उन्हें पता होता है कि उनकी लिमिट्स कहाँ तक हैं। मेंटली स्ट्रोंग लोग सिर्फ दुसरो से ही सीमा बनाके नहीं रखते बल्कि उन्हें पता होता है कि उनकी खुद की लिमिट्स भी कहाँ तक है। यानि कि वो दुसरो को अपनी सेट कि हुई सीमा को क्रॉस तो करने नहीं देते लेकिन वो खुद भी लिमिट्स क्रॉस करके दुसको कि लिमिट्स को डिस्ट्रॉय नहीं करते । उन्हें पता होता कि किसी के साथ कितनी लिमिट में बात कर सकते हैं या मज़ाक का सकते, वे जानते हैं  कि जैसे  उनकी भावनाएं हैं वेसे ही दुसरो की भावनाएँ भी हैं।

अगर वो चाहते हैं कि उनके साथ कोई rude न हो, उनका नुकसान न करे या उन्हें भावनात्मक रूप से हार्ट न करे वेसा ही उन्हें भी दूसरों के साथ behave करना चाहए यानि के मेंटली स्ट्रोंग person अपने आस पास लोगो के साथ मजाक या मुस्ती तो करता है लेकिन एक लिमिट में रहकर, वो 4 लोगो के सामने, सामने वाले person कि व्यक्तिगत लाइफ या भावनाओं को ठेस  नहीं पहुचता सिर्फ खुद को बेहतर दिखने के लिए।  

11. They Don’t Care About What Others Say (वे इस बात की परवाह नहीं करते कि दूसरे क्या कहते हैं)

  उन्हें फरक नहीं पड़ता कि कोई उनके बारे में क्या बोलता है। mentally strong लोग,  लोगों को खुश करने वाले नहीं होते यानि कि वो दुसरो को कुछ देर के लिए इम्प्रेस करने के चक्कर में out of  the way जाकर कुछ नहीं करते।  उन्हें खुद को दूसरों कि नज़र में हमेशा अच्छा शो करने का कोई शोक नहीं होता हाँ लेकिन वो करीबियों को सम्मान से ट्रीट करते तो हैं

लेकिन वो अपनी आवाज उठाने से भी नहीं डरते जब उन्हें जरुरी लगता है, वो इस बात से बिलकुल comfortable होते कि कई बार लोग उनके साथ सहमत होंगे या नहीं लेकिन वो लोगो के ओपिनियन के अनुसार अपने एक्शन नहीं लेते।  

तो दोस्तों ये कुछ आदतें, sign हैं मेंटली स्ट्रोंग लोगो के। जिन्हें follow करके आप भी mentally strong बन सकते हैं।          

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