Inspirational Story For Students In Hindi | Bear Grylls

दोस्तों आज हम Inspirational Story For Students In Hindi के इस लेख में Bear Grylls की लाइफ के बारे में जानेंगे, बेयर ग्रिल्स यह वो रियल लाइफ हीरो है जिसने हम सबने बचपन में ऐसे-ऐसे कारनामे करते हुए देखा है जो हमारे रंग टे खड़े कर देते हैं जो करने का हम कभी सपने में भी नहीं सोच सकते वो यह बंदा सच में करके दिखा देता था अपने स्ट्रांग माइंडसेट के बदौलत लेकिन क्या आपको पता है बेयर ग्रिल्स हमेशा से ऐसे नहीं थे

Inspirational Story For Students In Hindi | Bear Grylls

Bear Grylls Motivation In Hindi 

यह बंदा जो फीयरलेस और स्ट्रांग मैन की तरह दिखता है वो अंदर से कभी कमजोर, डरा हुआ, एंजियस और डिप्रेशन में रह चुका है बेयर गल्स अपनी ऑटोबायोग्राफी मड स्वेट एंड टयर्स में लिखते हैं डर आप को बाहर से सख्त दिखने पर मजबूर करता है लेकिन अंदर से आपको कमजोर और वीक बना देता है बेय ग्रिल्स को सबसे बड़ा डर था, हाइट्स यानी ऊंचाई का जिसे एक्रोफोबिया कहा जाता है लेकिन देखो ना मिरेकल यह है कि कुछ साल बाद अपने शो के हर एपिसोड की स्टार्टिंग में ऊंचाई से हेलीकॉप्टर से उतरते थे और बेयर गल्स यूके की स्पेशल फोर्सेस एस एएस का पार्ट रह चुके हैं

जहां उन्हें पैराशूटिंग का खूब एक्सपीरियंस था वो कई बार प्लेन से छलांग लगा चुके हैं 21 साल के बेयर ग्रिल्स ने 1996 में जांबिया के एक मिशन के दौरान 16000 फीट की ऊंचाई से छलांग लगाई थी लेकिन इस बार उनका पैराशूट नहीं खुला जैसे ही वो आसमान में कूदे सही टाइम देख के उन्होंने पैराशूट को खोल दिया था लेकिन फिर भी वो तेजी से नीचे गिरते जा रहे थे जब उन्होंने ऊपर की ओर देखा तो उन्हें पता चला कि पैराशूट पूरी तरह नहीं खुला है

वो हड़बड़ी में पैराशूट के कॉर्ड्स खींचने लगे कि किसी तरह पैराशूट पूरी तरह खुल जाए ये सब करते-करते वो पेड़ों से टकराते हुए जमीन पे आ गिरे और एक झटके में अंधेरा छा गया वो जमीन प अपनी पीठ के बल गिरे थे और गिरते ही उन्हें भयानक दर्द महसूस हुआ और बुरा तो यह हुआ कि इतनी ऊंचाई से गिरने के बाद भी वो होश में थे वो हिल डुल भी नहीं पा रहे थे बस वहीं लेटे-लेटे जोर जोर से रो रहे थे

वो इस उम्मीद में थे कि उनके साथी उन्हें बचाने आते ही होंगे दर्द इतना ज्यादा खतरनाक था कि उन्हें सहन नहीं हो रहा था वो कहते हैं कि इस दर्द को झेलने से अच्छा तो मौत थी लेकिन मौत भी नहीं मिल रही थी वो कई देर तक वहीं दर्द में गिड़गिड़ा रहे जैसे ही उनके साथी उन्हें फौरन अफ्रीका के एक हॉस्पिटल में लेकर गए उन्हें याद है कि डॉक्टर ने उनकी पीठ में इंजेक्शन लगाया और धीरे-धीरे उनका दर्द कम होने लगा वो सोचने लगे कि वो ठीक हो रहे हैं वो उठने की कोशिश करने लगे तभी डॉक्टर ने उन्हें आके कहा कि वो अब चल नहीं सकते

Inspirational Story For Students In Hindi

ये सुनके यंग 21 साल के बेयर ग्रिल्स की जैसे दुनिया ही खत्म हो गई जब उन्होंने एक्सरे देखा तो उन्हें साफ-साफ दिख रहा था कि उनकी रीढ की तीन हड्डियां t8 t10 और t12 टूट चुकी थी ये इंसान के पीठ की सबसे मजबूत हड्डियां होती हैं जो एकदम चकनाचूर हो चुकी थी पहाड़ चढ़ने वाला नौजवान अब चल के बाथरूम तक नहीं जा सकता था वो कहते हैं पैराशूट से गिर के इतनी हड्डियां तोड़ने में इतना दर्द नहीं हुआ जितना एक साल हॉस्पिटल में रह के इन हड्डियों को जोड़ने में उन्हें सहन करना पड़ा हॉस्पिटल में बेड प पड़े हुए वो सोचते थे

कि शायद अब वो कभी नहीं चल पाएंगे उनकी जिंदगी जीने का रीजन मीनिंग और पर्पस ही एडवेंचर था घूमना फिरना नई जगह एक्सप्लोर करना इस चोट ने उनसे उनके जीने की वजह ही छीन ली थी ये सोच सोच के उन्हें रातों को नींद नहीं आती थी एंजाइटी से वो पसीने में लथपथ हो जाते थे उनकी सांसें फूलने लगती थी उन्हें हर रात बस अफसोस होता था खुद पे दया आती थी खुद से नफरत भी होती थी दो महीने बीत चुके थे पर उनकी सेहत में कोई सुधार आने के बजाय उनकी हालत बद से बदतर होती जा रही थी

दर्द बढ़ता जा रहा था और शरीर अकता जा रहा था अपने हाल को देख के वह और नेगेटिव होते गए उन्हें कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा था बाद बात पे गुस्सा और रोना आता था धीरे-धीरे वह डिप्रेशन में और गहरे फिसलने लगे जो लोग उन्हें जानते हैं उन्हें लगता था कि बेयर ग्रिल्स तो बहुत पॉजिटिव बंदा है वो मेंटली बहुत टफ है वो बहुत हिम्मत और पॉजिटिविटी के साथ इस परेशानी का सामना कर ही लेगा लेकिन ऐसा नहीं था वो 21 साल के थे और बहुत डरे हुए थे उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि आगे की जिंदगी कैसे बीतेगी

वो क्या करेंगे उनके सारे सपने खुद खत्म होते हुए उन्हें दिखाई दे रहे थे आधी रात को अपने बेड पे लेटे-लेटे उनकी नजर दूर रखे एक फोटो फ्रेम पर पड़ी वो फोटो थी माउंट एवरेस्ट की बचपन से बेयर ग्रिल्स और उनके फादर का यह सपना था कि वो एक दिन माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई चढ़ उस फोटो फ्रेम पे धूल चढ़ी देख उन्हें ऐसे लगने लगा जैसे उनके सपनों पर भी धूल चढ़ गई है जो उनसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था उस रात कोई उनके साथ नहीं था वो अकेले थे वो हिम्मत करके खड़े होते हैं

और बैसाख यों के सहारे उस फोटो फ्रेम तक जाते हैं और धूल साफ करते हैं और बस यही सोचते-सोचते सो जाते हैं कि कैसे वह अपने आप को जीने की हिम्मत दे सकते हैं उनके सबकॉन्शियस माइंड में यह बात बहुत गहराई से जम गई इस बात ने उन्हें हौसला दिया और जीने की एक उम्मीद दी अगले दिन जब वह सोकर उठे तो उन्हें अपनी दादी मां की एक बात याद आई जो हमेशा कहती थी बेयर बेटे लाइफ में जो कुछ भी होता है अच्छा ही होता है

वो इंसानी ही है जो जो खुद को दुखी करने के और परेशान करने के बहाने ढूंढ लेता है जब भी तुम किसी मुसीबत में पड़ो तो हमेशा खुद को याद दिलाओ कि जो कुछ भी हो रहा है गॉड की मर्जी से हो रहा है जो कभी कुछ गलत नहीं होने देता इस टाइम उन्होंने इस बात की गहराई को समझा और इस सच को फील करा कि वो चाहते तो इस एक्सीडेंट में इस इंजरी और चोट से मर भी सकते थे लेकिन क्योंकि वो जिंदा है इसका मतलब गॉड ने उनके लिए कुछ बेहतर प्लान करके रखा है इसके बाद उन्हें इस बात की चिंता खत्म हो गई कि उनकी लाइफ में आगे

क्या होगा क्या वो चल पाएंगे या नहीं वापस स्पेशल फोर्स में काम कर पाएंगे उन्हें अब इन सब की फिक्र और चिंता ने सताना बंद कर दिया जब उनकी ओवरथिंकिंग कम हुई तो मन को शांति मिली फिर उनका स्ट्रेस और नेगेटिविटी भी कम होने लगी अपनी बॉडी से पहले उन्होंने अपने माइंड को रिपेयर करना शुरू कर दिया माइंड स्ट्रांग हुआ तो बॉडी भी अपने आप हील होने लगी उनके जख्म बढ़ने लगे हड्डियों के जुड़ने की स्पीड तेज हो गई उन्हें अपने सबसे करीबी दोस्त

एड एमस की एक बात याद आई जिन्होंने एक बार बेयर गिल से कहा था अक्सर भगवान की बुला हात में जन्म मृत्यु और फिर पुनर्जीवन होता है और इस इंजरी से तुम्हारा पुनर्जन्म हुआ है अब मैं ऐसा ही हूं जैसा एक नया बच्चा होता है किसी चीज की कोई चिंता नहीं ना अपने पास्ट की ना ही फ्यूचर की बस ग्रेटफुल हूं तो अपने प्रेजेंट के लिए बेयर ग्रिल्स कहते हैं जिंदगी अक्सर हमें दूसरा मौका नहीं देती लेकिन अगर ऐसा होता है तो बहुत ज्यादा ग्रेटफुल रहे वो ग्रेटफुल थे अपनी लाइफ के लिए अपनी टूटी हुई कमर के लिए अपने सपनों के लिए

उन्होंने जाके उस माउंट एवरेस्ट की पिक्चर को हाथ में लिया और जोर से बोले जैसे ही मैं ठीक हो जाऊंगा मैं माउंट एवरेस्ट उसकी चोटी को छू के आऊंगा उन्हें इस डिप्रेशन से किसी एक चीज ने सबसे ज्यादा मदद करी तो वो था उनका लक्ष्य उनका एम और गोल उनके पास अब तक जीने का कोई रीजन नहीं था लेकिन उस हालत में जब वोह चल नहीं पाते उन्होंने खुद से यह वादा कर दिया कि वो माउंट एवरेस्ट चढ़े जब वो अपने आसपास के लोगों से कहते कि वो ठीक होकर माउंट एवरेस्ट चढ़ना चाहते हैं तो लोग उनकी बातों को इग्नोर कर देते थे लेकिन उनका गोल एकदम क्लियर था

अब उन्हें जल्दी से जल्दी ठीक होना था उनकी बॉडी और माइंड दोनों को एक गोल मिल गया था जिसपे वो मिलकर काम कर सकते थे एक्सीडेंट के तीसरे महीने के बाद दर्द कम होना शुरू हो गया 8 महीने बाद उन्हें हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया 1 साल में पूरी तरह वह ठीक हो गए पर डॉक्टर्स ने उन्हें मना करा था कि वह स्पेशल फोर्सेस में वापस ट्रेनिंग नहीं कर सकते कोई जॉब नहीं थी तो पैसा भी नहीं था पर अपने सपनों को पूरा करने के लिए उन्हें 25 लाख की जरूरत थी

जहां उन्हें माउंट एवरेस्ट चढ़ने की ट्रेनिंग करी उसके लिए इक्विपमेंट खरीदे थे जिसके लिए उन्होंने करीब 250 कंपनीज को स्पंस परशिप के लिए प्रपोजल्स लिखे और सारी कंपनीज से वो रिजेक्ट हो गए 250 बार रिजेक्शन फेस करने के बाद भी वो नहीं रुके बहुत लोगों के दरवाजे खटखटा आए लेकिन बार-बार निराशा ही हाथ लगी फिर एसएस एएफए फोर्सेस हेल्प ऑर्गेनाइजेशन ने उनके इस सपने को साकार करने में उनकी मदद करी

पैराशूटिंग एक्सीडेंट के 18 महीने बाद 16 में 1998 उन्होंने अपने बचपन के सपने को सच करा उनकी माउंट एवरेस्ट चढ़ने की जर्नी अपने आप में ही अलग कहानी है यह सफर इतना भी आसान नहीं था उनके साथ के चार लोगों ने अपनी जान खो दी और उन्होंने दो बार नियर डेथ एक्सपीरियंस फेस करा जहां वो मरते-मरते बचे पर जैसे-तैसे वो 23 साल की एज में माउंट एवरेस्ट की समिट तक पहुंचने वाले ब्रिटेन के यंगेस्ट पर्सन बन गए

इसके बाद उनकी कहानी बहुत फेमस होने लगी लोग उन्हें सेमिनार्स में एज ए स्पीकर इनवाइट करने लगे उनके ऊपर कई डॉक्युमेंट्रीज बनी और फाइनली डिस्कवरी से उन्हें वो अपॉर्चुनिटी मिली जिसने उन्हें एक वर्ल्ड वाइड फेम दिया जिसके बाद सब उन्हें मैन वर्सेस वाइल्ड से जानने लगे और शायद आप भी उन्हीं में से एक हो

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दोस्तों यह आर्टिकल Inspirational Story For Students In Hindi पढने का बहुत शुक्रिया उम्मीद है आपको यह पसंद आया और इससे नया कुछ सिखने मिला तो दोस्तों यदि यह हिंदी लेख आपको अच्छा लगा तो आप इस लेख को शेयर कर सकते हैं। इसके अतरिक्त आप हमें comment लिखकर जरुर बताएं। 

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