भारत के उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बसा राम मंदिर, एक ऐसा मंदिर जहां पर एक सुई के नोंक जितने लोहे का भी use नहीं किया गया है एक ऐसा मंदिर जहां पर अंटार्कटिका के बर्फ के पानी का इस्तेमाल किया गया है एक ऐसा मंदिर जिसके नीवं में अयोध्या की शुद्ध मिट्टी तो है ही ऑफ कोर्स उसके साथ साथ एक नहीं 100 नहीं हजार नहीं बल्कि 2587 अलग-अलग जगह की मिट्टी मौजूद है। आज इस लेख में हम Shree Ram Mandir Ayodhya के बारे में विस्तार से जानेगे।
Shree Ram Mandir Ayodhya – Amazing Facts About Ayodhya Ram Mandir
ये सिर्फ एक मंदिर नहीं करोड़ों लोगों के दिल में बसा हजारों साल पुराना आस्था है जो की एक मंदिर के रूप में है बिल्डिंग के मजबूती के हिसाब से यह पूरे भारत की सबसे मजबूत मंदिर है फिजिकली अयोध्या राम मंदिर का टोटल साइट एरिया यानी कंपलेक्स एरिया 70 एकड़ का है और 70 एकड़ के साइड में से 2.7 एकड़ में यह मंदिर स्थित है यह मंदिर 380 फीट लंबा है चौड़ाई 250 फिट है और ऊंचाई 161 फिट है कुल मिलाकर 392 पिलर्स है और 44 दरवाजे हैं यह सब तो आम बातें हो गई जो आपने सुना है
THE ENIGMA OF BRICKS USED IN SHREE RAM MANDIR AYODHYA
आप जानते हैं कुछ अमेजिंग फैक्ट्स दी एनिग्मा ऑफ़ ब्रिक्स यानी स्पेशल ईंट राम मंदिर के निर्माण में जितने भी ईंट का इस्तेमाल किया गया है उन हर एक एट परश्री राम लिखा हुआ है श्री राम और उसके बाद ईंट के साल का मैन्युफैक्चर साल, कहा जाता है कि रामसेतु बनाने वक्त भी हर एक पत्थर पर श्री राम लिखा गया था इसी भावना को यहां भी कंटिन्यू किया गया है
ईंट पर श्री राम लिखा हुआ यह तो आस्था का एंगल हो गया लेकिन इन्हीं का टेक्नोलॉजिकल एंगल भी है इस मंदिर में जितने भी एट का इस्तेमाल हुआ है वह रोज जो आप सामान्य ईंट देखते हो वह ईंट नहीं है बल्कि की स्पेशल फार्मूले से बना ईंट है जो की सामान्य ईंट से 4 से 5 गुना ज्यादा मजबूत है वह कहते हैं ना बेस्ट आफ टेक्नोलॉजी यानी हाईएस्ट लेवल ऑफ BRICK जो हमारे दुनिया में एक्जिस्ट करती है वह इस्तेमाल हुआ है यानी अभी के समय में जो इंसान के पास बेस्ट अवेलेबल और रियलिस्टिक पॉसिबल टेक्नोलॉजी है उसका इस्तेमाल किया गया है इन ईंट को बनाने में
राम मंदिर में लोहे का इस्तेमाल 0% हुआ है राम मंदिर के निर्माण में जानबूझकर लोहे का use नहीं किया गया है लोहे का उसे नहीं किया गया भारत का सबसे टेक्नोलॉजी के लिए एडवांस मंदिर है इस मंदिर को ट्रेडिशनल रूप में मॉडर्न टेक्नोलॉजी से बनाया गया है ओल्ड स्टाइल में बनाया गया है क्योंकि लोगो को OLD VIBE ही चाहिए था OLD DESIGN using the best of टेक्नोलॉजी इस मंदिर में PINK SANDSTONE नामक पत्थर का use किया गया है
जो की राजस्थान से मंगवाया गया था इस पिक सेंडस्टोन नामक पत्थर में FELDSPAR और QUARTZ नामक दो मिनरल्स की मात्रा बहुत ज्यादा होती है कंफ्यूज मत हो साफ सीधा मतलब यह है की PINK सेंडस्टोन में इन दोनों मिनरल्स के ज्यादा होने के चलते यह धरती पर मौजूद सबसे वेदर रेजिस्टेंस और सबसे मजबूत पत्थरों में से एक बन जाते हैं बुरे से बुरे वेदर को भी यह मंदिर झेल लेगा और वेदर यानी मौसम झेलना तो कुछ भी नहीं है
राम मंदिर को इस तरह से बनाया गया है कि 8 मेग्नीट्यूड का भूकंप अगर आया है तो भी यह मंदिर ऐसे ही खड़ा रहेगा 8 मेग्नीट्यूड के भूकंप से शहरों का कुछ ऐसा हाल होता है जैसा कि आप अपने स्क्रीन पर देख रहे हो
पर राम मंदिर को वर्स्ट पॉसिबल नेचुरल कैलेमिटी को सहने लायक बनाया गया है और मजबूती यह जो आप शब्द सुनते हो तो कैसे फीलिंग मन में आता है एकदम स्ट्रांग उस स्ट्रांगनेस का डेफिनेशन है यह मंदिर यह मंदिर इतना मजबूत है फिजिकली
विश्व का आज तक का सबसे बड़ा भूकंप साउथ अमेरिका के चिली में आया था इसकी तीव्रता 9.02 थी इससे बड़ा भूकंप आज तक इतिहास में नहीं आया है 9.02 तीव्रता यह हाईएस्ट है जो इंसानों ने महसूस किया है इसके आसपास का तीव्रता भी राम मंदिर सह लेगा
और Architect ने यह भी कहा है कि इस बिल्डिंग की उम्र हजार वर्ष से भी ज्यादा है यानी 2024 में 1000 साल जोड़ दो 3024 इस साल तक यह मंदिर ऐसे ही का ऐसे ही खड़ा रहेगा और उसके बाद ही कभी रिकंस्ट्रक्शन की जरूरत पड़ेगी आपके आगे की हर एक पीढ़ी की उम्र 100 साल माने तो आपकी 10 जेनरेशन पर हो चुकी होगी और मंदिर ऐसे ही का ऐसे ही खड़ा रहेगा
THE BASE, THE DIVINE POWERS OF 2587 PLACES
2587 अलग-अलग जगह की दिव्यता राम मंदिर के जो बसे है यानी नीव वहां 2587 अलग-अलग पवित्र जगह की मिट्टी का इस्तेमाल किया गया है जैसे झांसी, यमुनोत्री, वैष्णो देवी, चित्तौड़गढ़, गोल्डन टेंपल, और भी बहुत सारे, नंबर पर ध्यान देना 2587 तक सब जगह के देवता एक ही जगह लोगों को मिल पाए इसके पीछे का कॉन्सेप्ट यही था
SHRI RAM MANDIR AYODHYA AND ANTARCTICA CONNECTION
श्री राम मंदिर और अंटार्कटिका कनेक्शन राम मंदिर में जब पहली बार जल अभिषेक हुआ था अप्रैल 2023 में तो पूरे विश्व की दिव्यता पूरे विश्व का vibe एक जगह आये इसलिए पूरे विश्व से 155 अलग-अलग नदियों के जल का इस्तेमाल किया गया था अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, यूक्रेन, रूस, कज़ाख़िस्तान, कनाडा, चाइना इन सब देशों से नदियों का जल आया था और यहां तक की अंटार्कटिका के बर्फ का पानी भी लाया गया था
कितना अमेजिंग लग रहा है नहीं जान के की राम मंदिर और अंटार्कटिका कभी कनेक्शन है एक साथ इतने सारे नदियों का पानी किसी भी मंदिर के जल अभिषेक में इतिहास में आज तक कभी इस्तेमाल नहीं किया गया था
THE COMPANY BEHIND
कंपनी बिहाइंड यानी राम मंदिर बनाने वाली कंपनी राम मंदिर के कंस्ट्रक्शन के लिए कोई भी पदार्थ भारत के बाहर से नहीं मंगाई गई थी और राम मंदिर को L&T एलएनटी यानी LARSEN & TOURBO कंपनी और TATA GROUP टाटा ग्रुप ने मिलकर बनाया है और भी बहुत सारी छोटी कंपनी साथ में है बहुत सारे लोग यह सोच रहे होंगे कि टाटा तो भारतीय कंपनी है लेकिन एलएनटी लार्सन ऐंड टुब्रो यह तो बाहर की है ना ऐसा लोगों के मन में एलएनटी के फुल फॉर्म से आता है
एलएनटी कंपनी को डेनमार्क देश के दो भाई जो Holck-Larsen और Soren Toubro ने बनाया था इसके नाम में दोनों का टाइटल कांबिनेशन है लार्सन ऐंड टुब्रो लेकिन इस कंपनी का शुरुआत 1938 में उन्होंने मुंबई में किया था सिर्फ फाउंड उन्होंने किया था कंपनी भारतीय ही थी उन दोनों के बाद कंपनी के टॉप ऑफिशल्स भारतीय ही बने और आज तक भारतीय ही है इसे एक सवाल मन में आता है कि वह दोनों अपने देश डेनमार्क में कंपनी शुरू क्यों नहीं किया भारत में ही क्यों किया
क्योंकि 1945 में वर्ल्ड वॉर 2 चल रहा था और वह लोग इंडिया में रहकर इंडियन लोगों से ही फंडिंग लेकर बिजनेस करने का तय किया और कई भारतीय बिजनेसमैन ने उनको फंड भी किया मुंबई में और लकिली कंपनी सक्सेसफुल होने में कामयाब हो गई और यह भारतीय बिजनेसमैन के पैसों के चलते ही हो पाया नाम तो अंग्रेजी अभी तक है लार्सन ऐंड टुब्रो लेकिन यह कंपनी भारतीय है यानी एलएनटी एक भारतीय मल्टीनेशनल कंपनी है और यह लगभग 50000 लोगों को जॉब प्रोवाइड करती है और इसका करंट हेडक्वार्टर चेन्नई में मौजूद है
यह कंपनी भारत के बाहर भी काम करती है और विदेशों में भी अपना नाम बना रही है और क्योंकि राम मंदिर के कंस्ट्रक्शन में लीड कंपनी एलएनटी ही थी तो इसका असर इस कंपनी पर भी दिखा है यानी ग्रोथ एलएनटी का शेयर पिछले दो सालों में ही डबल से ज्यादा हो चुका है।
COMPARISION WITH THE TOP TEMPLES OF THE WORLD
दुनिया के सबसे बड़े हिंदू मंदिरों से तुलना दुनिया से बड़ा मंदिर कंबोडिया देश में है जो की वर्ल्ड मैप के इस जगह पर मौजूद है इसका नाम है अंकोरवाट और यह भगवान विष्णु का मंदिर है और यह इनक्रेडिबल 402 एकड़ में फैला हुआ है
दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मंदिर अमेरिका वाला अक्षरधाम है जो की न्यू जर्सी में मौजूद है और यह 183 एकड़ में फैला हुआ है
3. रैंक पर है श्री रंगनाथ स्वामी टेंपल तमिलनाडु में और यह मंदिर का साइट एरिया है 155 एकड़
4 पर है श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर जो की अगेन तमिलनाडु में स्थित है और यह 100 एकड़ में फैला हुआ है इसके बाद आता है
5 .अयोध्या का राम मंदिर जो की 70 एकड़ में फैला हुआ है उसके बाद आता है
6. दिल्ली का छतरपुर मंदिर जो की 60 एकड़ में फैला हुआ है पर दिल की रैंकिंग की बात करें तो क्योंकि राम मंदिर इतना अवेटेड था इसलिए एक्साइटमेंट के मामले में राम मंदिर टॉप पर ऐसा नहीं कि मैं मंदिरों को एक दूसरे से कंपेयर कर रहा हूं मैं बस एरिया बता रहा हूँ आपको क्योंकि मुझे लगा कि आपको यह पता होना चाहिए की 402 एकड़ में भी कंबोडिया में एक मंदिर है आपका जनरल नॉलेज के लिए
THE MIND BEHIND THE DESIGN
श्री राम मंदिर के डिजाइन के पीछे का दिमाग राम मंदिर के चीफ आर्किटेक्ट है चंद्रकांत सोमपुरा इनका परिवार पिछले 15 पीढीयों से मंदिर के डिजाइन में ही काम करता आ रहा है सोमपुरा परिवार ने पूरे विश्व में 100 से भी ज्यादा मंदिरों को डिजाइन करवाया है गुजरात का सोमनाथ मंदिर भी उनमें से एक है और चंद्रकांत सोमपुरा ने यहां भी एक अद्भुत मंदिर बनाकर अपना कमाल दिखा दिया एक अति सुंदर डिजाइन बिल्डर को दिया।
MYTHS ABOUT SHRI RAM MANDIR
राम मंदिर के बारे में फैलाए गए कुछ झूठ इसके बारे में आपको पता होनी चाहिए राम मंदिर के बारे में सबसे बड़ा झूठ है टाइम कैप्सूल इंडियन मीडिया ने भर भर के टाइम कैप्सूल के बारे में पोस्ट किया है कि राम मंदिर के 200 फीट नीचे टाइम कैप्सूल रखा हुआ है गूगल पर सर्च करने पर भी टॉप में बड़े-बड़े कंपनी के रिजल्ट्स आते हैं और यह इस बात को दिखाता है कि यह बिना जानकारी को कंफर्म किया कैसे आर्टिकल्स छाप देते हैं लेकिन मैं यह चाहता हूं कि राम मंदिर के बारे में एक भी गलत जानकारी ना फैले है।
पहली बात तो यह की किसी आर्टिकल में इन्होंने 200 फीट लिखा है और किसी में 2000 फीट तक लिख डाला है तो यह सुनो श्री चंपक राय जनरल सेक्रेटरीश्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर वीडियो पोस्ट किया और मतलब खुद ऑफिशल्स को आकर दुनिया को कहना पड़ा की टाइम कैप्सूल वाली बात फेक है और देखो कितने ब्रांडेड कंपनी ने रिपोर्ट कर रखा है कि टाइम कैप्सूल वाले न्यूज़ तो फेक है।
लेकिन मैं यह मानता हूं कि राम मंदिर के नीचे टाइम कैप्सूल का इस्तेमाल होता तो यह अच्छी बात होती बताता हूं क्यों टाइम कैप्सूल एक बॉक्स होता है जिसमें वह जानकारी रखी जाती है जो कि अभी के लोग चाहते हैं कि आने वाली पीढियां को भी पता हो क्या होता अगर राम मंदिर के नीचे एक्चुअल में टाइम कैप्सूल रखा जाता एक ऐसा टाइम कैप्सूल जिसमें श्री राम की कहानी और मंदिर बनने तक का सफर के बारे में सब कुछ लिखा होता टाइम कैप्सूल बनाया ही जाता है इसलिए ताकि वर्स्ट केस में भी आने वाली पीढ़ी को अभी की जानकारी मिल पाए।
ध्यान देना मैं वर्स्ट केस कहा यानी सबसे बड़ा कुछ हुआ तब भी इतिहास लुप्त ना हो इसके लिए टाइम लुप्त ना हो इसके लिए टाइम कैप्सूल होता है यह दिव्या इतिहास यह दिव्या लिगसी आगे वाली जनरेशन को भी पता चले यह मकसद होता है अगर टाइम कैप्सूल सच में डाला जाता तो धरती पर कितना भी बड़ा डिस्ट्रक्शन क्यों ना हो जाए एटॉमिक बम क्यों ना गिर जाए 90% लोग विलुप्त क्यों ना हो जाए वो टाइम कैप्सूल बॉक्स तभी सेफ रहता है।
कैसे टाइम कैप्सूल जमीन के अंदर इसलिए रखा जाता है ताकि अगर न्यूक्लियर वर भी हो जाए यानि परमाणु युद्ध भी हो जाए तो यह कैप्सूल सुरक्षित रहे क्योंकि जमीन के सतह के 200 फीट या उससे दूर डाला जाता है क्या आपको पता है जितने भी लोग यह मानते हैं कि भविष्य में न्यूक्लियर वर होगा वह लोग आज से ही अंडरग्राउंड बैंकर्स बनाना शुरू कर दिया है।
और आपके मन में यह सवाल आ सकता है कि न्यूक्लियर वर के स्थिति में जमीन के सतह से कितने फीट नीचे अगर बनाकर हो तो इंसान बच जाएगा रेडिएशन उसको प्रभावित नहीं कर पाएगा कितने फिट रिसर्च नहीं है बताया है कि एक सामान्य न्यूक्लियर अटैक में धरती के सतह से डेढ़ सौ फीट नीचे अगर आप होंगे तभी आप सेफ होंगे।
और वैसे भी श्री राम के इतिहास को जिंदा रखने के लिए लोग ही काफी है किसी टाइम कैप्सूल की जरूरत नहीं है वैसे लेकिन टाइम कैप्सूल का जो कांसेप्ट है वह बहुत इंटरेस्टिंग है मंदिर की बात करें तो यह मंदिर इतना खूबसूरत है कि आर्ट यानी कला यह जो शब्द है यह भी शर्मा जाए राम मंदिर के सामने।
SHRI RAM’S AGE
यानि भगवान राम की उम्र अपने ही कई बार सुना होगा कि प्रभु श्री राम 11000 साल तक अयोध्या पर राज किए थे कहा जाता है कि त्रेता युग में इंसान 10000 साल से भी ज्यादा जीता था लेकिन 11000 साल जीना मॉडर्न साइंस के हिसाब से सेंस नहीं बना रहा है और राम सेतु के कार्बन डेटिंग से यही पता चला है की रामायण 7000 साल पहले हुआ था तब इसे 11000 साल जीने वाले बात के हिसाब से तो राम जी को आज तक होना चाहिए
तो सही बात क्या है वह आपको जानना चाहिए कन्फ्यूजन क्लियर करता हूं मैं असल में कहा जाता है कि जब प्रभु श्री राम 25 साल के थे तब वह वनवास में गए और 14 साल बाद यानी 25+14 =39 साल के तब वापस आए थे और राजा बने थे और 70 साल के उम्र में राज स्थल त्यागे थे यानी 31 साल तक राज किए थे तो 11000 साल तक राज करने वाली बात कहां से आई तो बात यह है कि जो राजा धर्म के मार्ग पर चलता है उनका हर एक दिन एक साल के बराबर माना जाता है
जी हां कई पुरानी किताबों में आपको इस बात का जिक्र मिल जाएगा एक राजा का हर एक दिन इक्वल टू वन इयर तो अगर 39 के उम्र से 70 तक देखोगे तो टोटल 31 साल हो रहा है यानी 31 * 1 साल में 365 दिन यानी 11000 साल तो इसलिए यह कहा जाता है कि श्री राम अयोध्या को 11000 साल तक रूल किए थे तो ये था 11000 साल के पीछे का गहरा मतलब 11000 साल मतलब राजा का 11000 दिन।
SOUTH KOREA COUNTRY AND AYODHYA CONNECTION
यानी साउथ कोरिया देश और अयोध्या का कनेक्शन दक्षिण कोरिया के बहुत सारे लोग अयोध्या को अपना नानी घर मानते हैं नानी घर आपने सही सुना रामायण तो आज से 7000 साल पहले हुआ था उसके बाद टाइम आगे बढ़ा और आज से 2000 साल पहले अयोध्या की राजकुमारी सूर्य रत्ना का विवाह अयोध्या से हजारों किलोमीटर दूर KARAK किंगडम में हुआ था करेक्ट किंगडम यानी उसे समय का साउथ कोरिया राजकुमारी सूर्य रत्ना का विवाह कोरियन राजा किम सोरों से हुआ था
और उनकी 129 थी और उनके 12 बच्चों के फिर आगे बच्चे हुए उसके बाद उन बच्चों के और बच्चे हुए और ऐसे ही 2000 सालों में लाखों लोग जन्म लिए कोरिया में और पूरे कोरिया का एक परसेंट पापुलेशन यानी 5 करोड लोगों में से 5 लाख लोग आज भी यह मानते हैं कि वह सूर्य रत्ना के पीढ़ी के हैं दक्षिण कोरिया के 5 लाख लोग यह मानते हैं कि उनके ऐतिहासिक नानी घर अयोध्या में है और कोरियंस के नानी घर यानी अयोध्या में उनके स्वागत के लिए मेमोरियल भी बनाया गया था
अयोध्या में मौजूद है HEO HWANG-OK MEMORIAL इस मेमोरियल का नाम यू हवन हो इसलिए है क्योंकि राजकुमारी सूर्य रत्ना का नाम शादी के बाद HEO HWANG-OK में बदल गया था और इसलिए हर साल हजारों साउथ कोरियन लोग भारत के अयोध्या आना पसंद करते हैं
THE MYSTERY OF YUG
सतयुग त्रेता युग द्वापर युग कलयुग की चार युग का जो उम्र होता है। सतयुग 17 लाख सालों के लिए था, त्रेता युग यानि भगवान श्री राम वाला युग 12 लाख सालों तक था, द्वापर युग आठ लाख सालों तक था, कलयुग 4 लाख सालों तक रहेगा और 5000 साल बीत चुके हैं ऑलरेडी युग लेंथ कम होना पाप से रिलेटेड है जैसे ऐसे पाप बढ़ा युग कम होते गए लेकिन अगर लोगों को मन में आस्था बने रहे तो पाप कम रहेगा तो पॉइंट यह है कि जो लोग भगवान पर नहीं मानते हैं जो लोग बहुत ज्यादासाइंटिफिक है तो यह जन लो की पूरा सिस्टम क्यों बना हुआ है।
सिस्टम इसलिए बना हुआ है ताकि लोग ऑलमाइटी को माने लोगों को यह आभास हो कि कोई है जो उनको ऊपर से देख रहा है और उनके गलत कामों को भी देख रहा है इस कॉन्सेप्ट से इस बात से लोगों का दिमाग शांत रहे ऑलमाइटी के प्रसेंस में पाप और वायलेंस कम हो तभी यह धरती अच्छे से चल सकेगा।
धार्मिक स्थल लोगों के दिमाग को शांत करता है जाकर लोग धार्मिक स्थल इसलिए जाते हैं क्योंकि उनको शांति महसूस होता है लोगों का मन पीसफुल होता है तो इनडायरेक्ट इस दुनिया को ही फायदा पहुंचता है बहुत गहरी बात है इसलिए धार्मिक स्थलों का होना जरूरी है नहीं तो अगर नहीं मानेंगे उनको तो लोग तो अपना एनिमल स्टिक कैरेक्टर में आ जाएंगे बहुत दीप बात है आई होप इसको आप समझ रहे होंगे तो ये था श्री राम मंदिर के बारे में कुछ अमेजिंग फैक्ट्स।
दोस्तों! यह लेख Shree Ram Mandir Ayodhya आपको कैसा लगा? यदि यह हिंदी लेख आपको अच्छा लगा तो आप इस लेख को शेयर कर सकते हैं। इसके अतरिक्त आप हमें comment लिखकर जरुर बताएं।
You May Also Like: