Karma Meaning In Hindi | Karma के पीछे का असल विज्ञान

दोस्तों आपने यह लाइन तो सुनी होगी कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन यह भागवत गीता में से एक पंक्ति है जो कहती है कि हमें सिर्फ अच्छे कर्म करते जाना है और फल की आशा नहीं करनी है वह अपने आप ही हमें मिलेगा कर्म (Karma Meaning In Hindi) के सिद्धांत के जरिए अब यह बात तो हिंदू धार्मिक किताब में कही गई है और सभी लोग इसे आंखें बंद करके मानते हैं कर्म ही शायद एक ऐसी चीज है जिसे सभी धर्म ने माना है और अपनाया भी है लेकिन आप सभी के दिमाग में यह ख्याल अक्सर आता होगा कि क्या इस विज्ञान भी प्रूफ कर सकता है?

Karma Meaning In Hindi

Karma Meaning In Hindi | कर्मा कैसे काम करता है?

एक वर्किंग मॉडल के जरिए की ऐसी सच में कोई शक्ति है जो आपकी हर क्रिया का हिसाब रख रही है और आपको आगे अपनी जिंदगी में इस क्रिया की प्रतिक्रिया भुगतनी पड़ेगी खेर अब इसका जवाब इतना आसान नहीं है लेकिन मैं गारंटी देता हूं कि अगर आपने आज इस लेख को अंत तक पढ़ लिया तो मैं आपके साथ कुछ ऐसी साइंटिफिक फैक्ट्स शेयर करूंगा जिससे आप बिल्कुल इस कांसेप्ट को पूरी तरहसमझ जाएंगे और जान जाएंगे कि आपको अपनी जिंदगी किस दिशा ले जानी है। 

तो चलिए शुरू किया जाए इमेजिन कीजिए एक बच्चा है जिसे हम राहुल कहेंगे उसका जन्म एक बहुत ही करीब से घर में हुआ है भूख से बेहाल राहुल खाने की तलाश करता है जगह-जगह काम और नौकरी ढूंढता है पर उसे वह मिलती नहीं और अंत में उसके पास और कोई भी उपाय नहीं बचता पर सामने की दुकान से चोरी करें उसे दिन के डिनर का इंतजाम करने करने के लिए । 

अब वह अपना पेट भरने के लिए चोरी करेगा पर गौर कीजिए क्या होता है जब वह चोरी करता है दुनिया में किसी इंसान का तो नुकसान होता है जो इस केस में है वह दुकानदार तो कर्म की थ्योरी के अनुसार राहुल को यह नुकसान की भरपाई करनी होगी क्योंकि क्रिया तो हो चुकी है पर देखा जाए तो राहुल के पास दूसरी तरफ और कोई ऑप्शन नहीं था चोरी करने के सिवाय तो इस केस में कौन भुकतेगा सजा राहुल या फिर वह दुकानदार जिसे शायद पता भी ना हो की चोरी हुई है। 

तो जवाब यह है कि वह यहां डिसाइड नहीं होगा आगे बढ़िये उनकी जिंदगी में और उसे इंसान राहुल जिसने यह चोरी की है उसके दिमाग में यह घटना कहीं ना कहीं चिपक गई है कभी अपने अनुभव किया है कि अगर एक काम जो आपको कुछ पल की खुशी देता है वह आप एक बार करते हो तो आप दूसरी बार इस चीज को दोहराने में वही दिमागी रुकावट नहीं झेलते  इस केस में राहुल के दिमाग में वह न्यूरोप्लास्टिक बदलाव हो गए हैं

और उसे यह नया काम करने में कॉन्फिडेंस आ गया है इंसानों की एक बहुत ही अजीब आदत है कि हम अपने किसी भी गलत काम का जस्टिफिकेशन देकर उसे अपनी नजरों में सही साबित कर लेते हैं और इसीलिए अधिकतर क्रिमिनल्स के इंटरव्यूज में दोषी कभी अपनी गलती नहीं मानता क्योंकि उसके नजरों में उसने जो किया वह सही रहता है लेकिन अब वापस आते हैं राहुल के पास अब अगर उसकी आर्थिक हालत ठीक नहीं हुई तो यह बात तो जाहिर है कि वह वापस चोरी करेगा

क्योंकि अब उसे पता चल गया है कि इस क्रिया ने उसकी जरूरत पूरी कीऔर अब तो उसे कॉन्फिडेंस भी आ गया है वह एक बार और चोरी करेगा दो बार चोरी करेगा तीन बार चोरी करेगा और शायद एकआद  बार पकड़ा भी जाए पर कुछ खास सजा ना मिलने के कारण वो इस पर गौर नहीं करेगा और इसके बाद क्या होगा चोरी उसकी पहचान यानी आइडेंटिटी का ही एक हिस्सा बन जाएगी वो राहुल जो एक दिन चोरी के नाम से घिन भी करता होगा

आज अपने आप को चोर स्वीकार करने लगेगा अंदर अपने सबकॉन्शियस माइंड में जिससे कुछ भी नहीं छुपता अब इस सफर में राहुल नए दोस्त बनाएगा जो खुद भी चोर होंगे दूसरे दोस्तों को चोरी सिखाएगा और बेसिकली अपने आप को एक ऐसी नेगेटिव माहौल से भर देगा कि उसे एक प्रतिशत का भी डाउट नहीं रहेगा अपने बारे में कि वह एक चोर नहीं है उसकी जिंदगी ही उसके दिमाग को रिप्रोग्राम कर देगी उसकी एक नई पहचान बनाकर

तो इसीलिए अब राहुल सिर्फ छोटी-मोटी चोरी नहीं करेगा उसने पूरी तरह अपने आप को स्वीकार कर लिया है कि वह एक कॉन्फिडेंट और एक्सपीरियंस चोर है अब वह बड़ी चोरियों करेगा अब वह डकैती करेगा, ज्वैलरी शॉप्स लूटेगा बैंक्स लूटेगा और फिर अंत में क्या होगा वह एक न एक दिन पकड़ा जाएगा और जिस दिन वह पकड़ा गया उसे दिन उसे उसकी पहले चोरी और सभी छोरियों की सजा मिलेगी

एक भयानक रूप में कर्म और कुछ भी नहीं बल्कि लॉ आफ एग्रीगेट्स है मैं जनता हूं की लाइफ में आपके च्वाइस डिसीजंस हैबिट्स और इन्फ्लुएंस आपकी जिंदगी या तो बनाते हैं या फिर बिगड़ते हैं और यह सभी चीज सिर्फ और सिर्फ आपके कर्म की ही रचना करते हैं भले ही आपको ऐसा लगे कि एक बार चोरी या गलत काम कर लेने से क्या हो जाएगा मैं सुधर जाऊंगा लेकिन आप अपने आप को असल में रिस्क में डाल रहे हो

हां आप में भी सुधार भी जाओगे लेकिन जिंदगी बहुत बड़ी है कभी ना कभी वह थॉट और वह क्रिया आपके अच्छे या बुरे वक्त में आप जरूर दौर आओगे क्योंकि आप उसे कंफर्टेबल हो गए हो वह कहीं ना कहीं आपकी पहचान का ही एक हिस्सा बनने लग गई है और वह कहा की पहचान का ही एक हिस्सा बनने लग गई है। और आपने सुना होगी कि आपकी अपनी नजरों में खुद की पहचान आपका बाहरी बर्ताव बनेगा और फिर शुरू हो जाएगा

आपका कर्म के जाल में फंसाना इंपॉर्टेंट बात यह है कि आपको समझना होगा कि THE BORN’S RULE बॉन्ड रूल जो क्वांटम फिजिक्स का बेस बनता है क्वांटम फिजिक्स मतलब हमारी दुनिया एक सूक्ष्म से सूक्ष्म रूप में कैसे काम करती है बोनस रूल यानी नियम कहता है कि ब्रह्मांड में कुछ भी चीज निश्चित नहीं है बल्कि सब रांडोमनेस यानी संभावना पर आधारित है तो अगर सूक्ष्म लेवल पर ब्रह्मांड ऐसे काम करता है तो कर्म को भी इसी रूल का पालन करना होगा क्योंकि यह एक नियम है

और बिल्कुल ऐसा होता भी है इसीलिए कर्म और कुछ भी नहीं बल्कि आपकी जिंदगी में आपके द्वारा लिए गए च्वाइस आपके एक्शंस आपके हैबिट्स और डिसीजंस का आपकी जिंदगी में पड़ने वाला परिणाम है लेकिन एक छोटे स्तर पर नहीं बल्कि एक बड़े पिक्चर में यह बिल्कुल ऐसा ब्लैक एंड व्हाइट नहीं है कि अगर आपने किसी को गुस्से में एक चांटा मार दिया तो कोई इंसान एक दिन आपको भी उसी तरह चांटा मार देगा

बट यह यह है कि अगर आपने किसी को स्लैप किया तो वह एक्शन आपके दिमाग के न्यूरोप्लास्टिक फोल्ड्स में बस गई है और अब बोनस रूल के जरिए आपकी उसे या उसी की तरह कोई बदतमीज काम दोबारा दोहराने की संभावना ज्यादा हो गई है जैसे-जैसे यह आदत बनते जाएगी आपके दिमाग में वह सारे चेंज आते रहेंगे जो आपकी नई पर्सनालिटी को एक्सेप्ट करते रहेंगे

Karma Meaning In Hindi

और अंत में आपको इसकी सजा किसी भी रूप में मिल सकती है जैसे की कोई इंसान आपसे रिश्ता ही बनाना नहीं चाहे या फिर आप अपने हाथों से ऑपच्यरुनिटीज गवा बैठे हो इसी सिलसिले में और अपना नुकसान कर दो यह है सजा जो आपको आपका कर्म दे रहा है आपको खुद इसकी भनक तक नहीं होगी क्योंकि आपकी मेमोरी भी भूल चुकी होगी इन फैक्ट आपको तो ऐसा भी लगे कि मैंने कर्म को ही चकमा दे दिया है पर जिंदगी बहुत लंबी होती है दोस्त

अच्छे और बुरे कामों की क्रिया प्रतिक्रिया होती है और वह सभी इनफॉरमेशन आपके दिमाग में स्टोर्ड है आपका दिमाग ही आपकी जिंदगी बनाता हैं बस कर्म को समय चाहिए होता है मेनिफेस्टो होने के लिए लेकिन क्योंकि कर्म बोनस रूल पर आधारित है और बोर्न्स रूल हमें एक्जेक्टली बताता है कि हम किसी पार्टिकल या घटना की संभावना को कैसे प्रिडिक्ट कर सके तो आप अपनी लाइफ के सही चॉइस के जरिए अपनी पॉजिटिव संभावनाएं दोबारा सही कर सकते हो

और ऐसे में वो किए गए बुरे कर्मों की सजा अपने आप को सुधारने में मेहनत करके गुजारनी होगी अपने दिमाग को रिप्रोग्राम करने में और फिर वह कर्म की सजा में भी आपको इतनी ज्यादा ना मिले लेकिन इसकी कोई गारंटी नहीं है किसी भी चीज की कोई गारंटी नहीं है क्योंकि ब्रह्मांड काम ही ऐसे करता है सूक्ष्म रूप में तो अच्छी और सुखी जिंदगी के लिए जितना हो सके अच्छे कर्म करें अच्छाई की संभावना बढ़ाने ताकि आपकी जिंदगी में अगर एक सिक्का भी उजाला जाए और आप हेड्स बोले तो दोनों बाजू हेड्स ही हो। 

FAQS

कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन Meaning In Hindi

“कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन” श्रीमद्भगवद्गीता का एक प्रसिद्ध श्लोक है जो जीवन में सही मार्गदर्शन प्रदान करता है। जिसका हिंदी में अर्थ होता है, “तुम्हारा कर्तव्य केवल कर्म में है, फलों में कभी नहीं”। यह श्लोक भगवान कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया उपदेश है, जिसमें स्पष्ट रूप से बताया गया है कि हमें कर्म करने का अधिकार है, लेकिन फल की चिंता में मग्न नहीं होना चाहिए। यह सिखाता है कि हमें अपने कर्मों का निष्काम भाव से पूर्णता के साथ पालन करना चाहिए, फलों की चिंता न करें। क्यूंकि फलों का चिंतन करना हमारी जिम्मेदारी नहीं है। इस प्रेरणादायक श्लोक ने जीवन को सफलता और सुख की दिशा में मार्गदर्शन करने का महत्वपूर्ण तरीका बताया है।

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