Goal Setting In Hindi | How to Set Goals and Achieve Them |
दोस्तों आज हम आपको गोल सेटिंग (Goal Setting In Hindi) की बेस्ट टेक्निक्स और मेथड बताने वाले हैं जो एलॉन मुस्क, बिल गेट्स और Cal Newport जैसे दुनिया भर के काफी सक्सेसफुल लोग अचीवर्स फॉलो करते हैं। अगर आप भी एक स्टूडेंट, एम्पलाई या बिजनेसमैन हो तो आप भी वह सब अचीव कर पाओ जो आप चाहते हो हम सिर्फ गोल सेटिंग कि नहीं बल्कि आपको यह भी बताएंगे की गोल को अचीव कैसे किया जाता है।
इसीलिए इस लेख में दो सेक्शंस है पहले है गोल सेटिंग और दूसरा एक गोल अचिविंग और आप जानोगे की टाइम ब्लॉकिंग क्या है? अगर आपके पैरेंट्स या आसपास के लोग आपको और आपके गोल को सपोर्ट नहीं कर तो आपको क्या करना चाहिए? कैसे हम अपने goals के लिए हमेशा मोटिवेटेड रहे? कैसे हम डिस्ट्रेक्शंस को अवॉयड कर सकते हैं, क्यों हम अपने गोल सेट करने के बाद भूल जाते हैं?
तो आइये जानते हैं कि (Goal Setting In Hindi) लक्ष्य कैसे निर्धारित करें
1. Follow 5 Levels Of Goal Setting Technique
दोस्तों आपको फाइव लेवल्स आफ गोल सेटिंग तकनीक का इस्तेमाल करके अपने गोल को 5 लेवल्स में बाटना है यानी कि आपको सबसे पहले अपने ईयरली गोल्स, क्वार्टरली,, मंथली वीकली और फिर डेली गोल सेट करने हैं आइये इसे एक सिंपल एग्जांपल से समझते हैं सपोज आप एक राइटर हो और आपका में गोली एक साल में एक 12 चैप्टर वाली बुक लिखना तो यह आपका main इयरली गोल हुआ एक साल में एक 12 चैप्टर वाले बुक कंप्लीट करना है।
जिसको पूरा करने के लिए आपको हर महीने कम से कम एक चैप्टर कंप्लीट करना पड़ेगा तभी आप 12 महीना में 12 चैप्टर से लिख पाओगे तो यहां एक चैप्टर हर महीने लिखना आपका मंथली गोल हुआ लेकिन आपको हर महीना जरूरी नहीं की एक जैसा ही जाएगा कभी किसी month आप अपना मंथली गोला अचीव करोगे और कभी नहीं कभी आप सोचोगे चलो इस मंथ नहीं नेक्स्ट मंथ एक साथ दो चैप्टर लिख लूंगा तो आप भी यही गलती ना करें।
इसलिए आपको क्वार्टरली goals सेट करना जरूरी है यानी की 1 साल का एक क्वार्टर होता है 3 महीने तो आपको यह goal सेट करके रखना है कि मेरे 3 महीने में तीन चैप्टर कंप्लीट हो जाने चाहिए अगर ऐसा नहीं होता है तो मैं गलत और स्लो जा रहा हूं यह सिर्फ एक एग्जांपल था लेकिन हम आपको सजेस्ट करेंगे कि आप सिर्फ वही गोल सेट करें जो इंपॉर्टेंट हो और जो परपजफुल हो जो आपकी लाइफ में इंपॉर्टेंस रखते हैं तो अब आती है बारी अपने वीकली और डेली गोल सेट करने की ।
2. Win Your Days With Time Blocking
तो दोस्तों अब हमें टाइम ब्लॉकिंग की मदद से अपने हर वीक और देखो प्लेन करना है टाइम ब्लॉकिंग एक टाइम मैनेजमेंट मेथड है जिसे एलॉन मुस्क बिल गेट्स और कान न्यूपोर्ट जैसे काफी सक्सेसफुल लोग USE करते हैं इस मेथड के लिए आपको दिन को डिफरेंट टाइम ब्लॉक में बांटना है और हर एक लिमिटेड टाइम ब्लॉक के अंदर आपको अपना एक टास्क कंप्लीट करना है फॉर एग्जांपल आप मल्टी टास्किंग औरफॉर एग्जांपल ऑफ़ मल्टीटास्किंग और काफी सारी चीजों को एक साथ करने के जगह हर एक काम के लिए एक सेपरेट लिमिटेड टाइम रखो।
अगर आपके एनर्जी मॉर्निंग में ज्यादा रहती है और शाम ढलते-डालते काम हो जाती है तो आप वह काम सुबह करो जो सबसे ज्यादा जरूरी है और जिन में आपकी मेंटल और फिजिकल पावर एंड एनर्जी ज्यादा लगती है उस main और इंर्पोटेंट वर्क को आप एक बड़ा टाइम ब्लॉक दो जैसे की स्टडी रिसर्च या बिजनेस वर्क।
और दोपहर में आप लंच और थोड़े रेस्ट को अपने टाइम ब्लॉक में शामिल कर सकते हो फिर शाम को आपको अपने कुछ इंपोर्टेंट चीज़ करनी है और रात को या जब भी आपको सही लगे आपको डिसाइड करना है कि आप कितने बजे तक सब कुछ निपट चुके होंगे।
“Work expands so as to fill the time available for its completion” –Parkinson’s law.
Parkinson’s law भी कहता है कि हम किसी भी काम को उतनी देर में खत्म करेंगे जितना टाइम हमें उसे कंप्लीट करने के लिए दिया गया है दोस्तों वैसे तो दो तरीके हैं टाइम ब्लॉकिंग फॉलो करने के पहले है जिसमें आपको रोज सुबह या एक रात पहले अपना टाइम ब्लॉकिंग प्लेन सेट करना है।
और दूसरा तरीका है रोज-रोज सेट करने की जगह आप हर हफ्ते के स्टार्टिंग में ही डिसाइड कर लो कि आपको कौन-कौन सा दिन क्या-क्या करना है और हर काम को कितना समय देना है और हम खुद यही दूसरा मेथड फॉलो करते हैं अपने टाइम ब्लॉकिंग के लिए हम आपको यह है टिप देना चाहेंगे कि आप हर दिन सिर्फ 2 से 3 इंपॉर्टेंट चीज और काम ही करें आप जितनी कम और इंपोर्टेंट चीज़ करोगे उतना ही अच्छा रहेगा। यह नहीं कि आप अपने टाइम ब्लॉकिंग सिस्टम को पूरा भर दो चाहे काम और जरूरी चीज करो लेकिन कंप्लीट करो यही हमारा गोल होना चाहिए।
3. Track Your Goals
तो अपने गोल तो सेट कर लिए हैं और प्लानिंग भी कर ली लेकिन अब आप कौन गोल को ट्रैक करना भी जरूरी है तो इसके लिए आप टूल्स जैसे कि एक जर्नल गूगल कैलेंडर राइट बोर्ड इस स्टिकी नोट्स और हैबिट बिल जैसे टूल्स और एप्स को use कर सकते हो। अब आप चाहे या तो यही टूल्स और अप उसे कर सकते हो या अपने अकॉर्डिंग कोई और भी उसे कर सकते हो जो आपको सूटेबल लगे बस कोशिश हमारी यही होनी चाहिए कि हम अपने कोर्स और प्रोग्रेस को रोज ट्रैक कर सके।
और रोज अपने सबकॉन्शियस माइंड को याद दिला सके कि हमने कहां से शुरू किया था अभी हम कहां है और हमें कहां जाना है हमने दोस्तों यहां तक गोल सेटिंग और प्लानिंग का सही तरीका तो सीख लिया है लेकिन गोल को अचीव करना आसान नहीं होता और इस सफर में आपको काफी परेशानियां रुकावटें और प्रॉब्लम्स आएंगे तो लिए आप जानते हैं कि हम अपने गोल को कैसे अचीव कर सकते हैं।
4. Your Phone Is Becoming Your Biggest Enemy
जी हां आपका फोन आपका सबसे बड़ा दुश्मन बनता जा रहा है और आप में से कुछ लोगों को यह बात पता भी है लेकिन अफसोस आप यह जान के भी और ना जान के भी कुछ नहीं कर पा रहे यह घंटे तक सोशल मीडिया उसे करना और गेम्स खेलने आपको एक आर्टिफिशियल दुनिया को दिखा रहा है लेकिन रियालिटी में और रियल लाइफ में आपको अपने goals और सपनों से दूर ले जाता जा रहा है।
इसी एक वजह से आप अब अपने फोन को नहीं बल्कि आपका फोन आपके दिमाग और आपको कंट्रोल कर रहा है। स्मार्ट पर्सन वही होते हैं जो चीजों और टूल्स को अपनी ग्रोथ के लिए उसे कर सके तो आप अपने फोन का अपने फायदे के लिए उसे करो जैसे की स्टडी के लिए रिसर्च के लिए कुछ नया सीखने के लिए, बजाय अपनी लाइफ वेस्ट करने के।
5 Dont Search For Support And Help
अगर आपकी फैमिली फ्रेंड्स रिलेटिव या आसपास के लोग आपके गोल को और आपके सपोर्ट नहीं कर रहे हैं तो इसका एक सिंपल और थोड़ा कड़वा जवाब है कि अगर आप एक बारी ठान लो और यह खुद से वादा करके जिद पकड़ लो के चाहे जो हो जाए कितने भी मुश्किलें आए कोई मेरा साथ दे या ना दे मैं अपना सपना पूरा करके ही रहूंगा।
तो दोस्त आपको इस दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती अपने गोल और सपनों को अचीव करने से नाही आपके पैरेंट्स और ना ही फैलियर्स लोगों का सपोर्ट होना अच्छी चीज है लेकिन अगर कोई सपोर्ट ना करें तो इसका मतलब यह तो नहीं कि आप अपने गोल को ही छोड़ दोगे या तब स्टार्ट करोगे जब सब सपोर्ट करने लगेंगे।
देखो बाकी लोग आपके बारे में क्या सोचते हैं इस बात से आपको फर्क नहीं पढ़ना चाहिए लेकिन हमारे पेरेंट्स एंड ऑफ द डे हमारा भलाई चाहते हैं वह बस यह नहीं चाहते कि आप आगे चलकर दर-दर धक्के खाओ उन्हें आपकी फिक्र है लेकिन आपको थोड़ा समझदार बनना पड़ेगा उनसे लड़ाई करने की जगह आप बस वही करो जो आप करना चाहते हो।
जब आप उसे चीज में सक्सेसफुल हो जाओगे तो आपके पैरेंट्स खुद ही समझ जाएंगे कि मेरा बच्चा आप सेटल हो गया है चलो इन केस आज सभी आपको सपोर्ट कर देंगे लेकिन कब तक कभी ना कभी तो आपको अकेले चलना ही पड़ेगा एक ही लाइफ है या तो हेल्प और सपोर्ट के भरोसे गुर्जर दो क्या ऐसा बनो कि लोग आपके पास सपोर्ट और हेल्प मांगने आए।
अगर महेंद्र सिंह धोनी ने भी आपकी तरह ही सोचा होता तो आज वह अपना क्रिकेट खेलने का सपना पूरा नहीं कर रहा होता बल्कि अपनी फैमिली की बातें सुनकर रेलवे की जॉब में फंसा होता।
6. Don’t Wait For Mottivation
आपने भी यह प्रॉब्लम फेस करी होगी कि आपका काफी सारी मोटिवेशनल वीडियो और मूवीस तो देखते होंगे और फिर बहुत मोटिवेटेड होकर कुछ देर या दिनों तक काम भी करते होंगे लेकिन फिर कुछ दिन बाद आप अपने वही सेम रूटीन में आ जाते हो जहां से अपने शुरुआत की थी और यह एक बार नहीं बल्कि कई सालों से होता आ रहा है तो आपको मोटिवेशन का एक सीक्रेट बताते हैं और वह है डोंट वेट फॉर मोटिवेशन जी हां सही सुना आपने मोटिवेशन के आने का इंतजार मत करो जी हां के लिए प्रेक्टिस करने के लिए या एवं कुछ सीखने के लिए मोटिवेशन की जरूरत होती है
इस बात को हमेशा याद रखना है की लाइफ में आपको अचीवमेंट मोटिवेशन की वजह से नहीं बल्कि आपके डिसिप्लिन पैशन और लगातार हार्ड वर्क एंड स्मार्ट वर्क की वजह से मिलती हैमोटिवेशन पेट्रोल की तरह है जो हर कुछ समय बाद खत्म हो जाती है । लेकिन अगर आप फिर भी खुद से कहें कि आज जो मुझे पेन तकलीफ और दर्द हो रहा है,
लेकिन इसके बाद फिर में अपनी पूरी जिंदगी एक चैंपियन की तरह जियूँगा। तो प्रैक्टिस के लिए मोटिवेशन हो या नहीं आप अपने एक गोल को दिमाग में रखकर प्रैक्टिस करते रहो। तो दोस्तों मोटिवेशन का वेट मत करो मेच्योर बनो और समझदार बनो वह करो जो जरूरी है।
7. Don’t Give Up On Your Goals
दोस्तों आपको अपने गोल को अचीव करने के सफर में काफी डिस्ट्रेक्शंस और शाइनी चीज दिखेंगे जो आपको आपके गोल से डिस्ट्रक्ट करके दूर ले जाएंगे और आपको इस चीज का एहसास काफी लेट होगा जब आप ऑलमोस्ट चाहते भी कुछ नहीं कर पाओगे इसी वजह से लोग अपने छोटे या बड़े गोल को बीच में छोड़ देते हैं क्योंकि उन्हें कोई रिजल्ट जल्दी नहीं देखा तो वह शॉर्टकट ढूंढने लगते हैं अगर आपने कोई डिसीजन लिया है और गोल सेट किया है तो पेशंस रखो रोज मेहनत करते जाओ हां माना कि इतना आसान भी नहीं है।
अगर आसान होता तो वह आपका गोल ही क्यों होता लोग की आप इसलिए कर देते हैं क्योंकि उन्हें कोई रिजल्ट नहीं देखा लेकिन अगर इंस्टेंट रिजल्ट देख लेते हैं तो हमें इन्हें वह और मोटिवेशन मिल जाती है काम करने की अब आपका जितना बड़ा गोल होगा रिजल्ट मिलने में भी उतना ही टाइम लगेगा तो बेस्ट होगा कि आप रिजल्ट पर नहीं बल्कि प्रक्रिया में फोकस करो और गिव अप करने से आपका गोल पूरा नहीं होगा लेकिन अगर आप उसके लिए मेहनत करते रहोगे तो आप एक दिन अपना गोल जरूर पूरा कर लोगे।