Steve Jobs Stanford Speech In Hindi | हर दिन को ऐसे जियो जैसे कि यह आपका आखिरी दिन हो |
इस सदी के सबसे महान लोगों में से एक एप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब्स की 2005 में स्टैंड फिट यूनिवर्सिटी में दी गई स्पीच अब तक दुनिया की मोस्ट पॉवरफुल मोटिवेशनल और लाइफ चेंजिंग स्पीचशीज में से एक मानी जाती है जिससे शाहरुख खान से लेकर संदीप महेश्वरी तक जिंदगी में एक बार एक बार सुनना तो जरूर रिकमेंड करते हैं। क्योंकि इस स्पीच में स्टीव जॉब्स ने अपनी पूरी लाइफ को सिर्फ तीन कहानियों के जरिए बहुत खूबसूरती से बताया है।
ताकि आप हम और हमारे जैसे कई करोड़ लोग उन्ही की तरह असल माईनो में एक सक्सेसफुल और फुलफीलिंग लाइफ जी सके। तो इस लेख में मै आपको Steve Jobs Speech In Hindi के बारे में विस्सेतार से बताऊंगा और हम स्टीव जॉब्स की लाइफ के 50 साल के एक्सपीरियंस और नॉलेज को शेयर करने वाले हैं।
स्टीव जॉब्स की स्पीच और उन्हीं के शब्दों में तो स्टीव जॉब्स कहते हैं मेरी पहली कहानी कनेक्टिंग The डॉट से है जो कि मेरे जन्म से ही शुरू होती है। फरवरी 24 1955 को Joanne Schieble और उनके बॉयफ्रेंड Abdulfattah Jandali एक बेबी बॉय के पेरेंट्स बने, लेकिन स्टीव जॉब्स की मां जॉइन के पिता ने उनके इस रिलेशनशिप को कभी एक्सेप्ट नहीं करा। जिस वजह से स्टीव जॉब्स के दोनों पेरेंट्स को एक दूसरे से अलग होना पड़ा और अपने न्यूबॉर्न बेबी यानी स्टीव जॉब्स को एडॉप्शन के लिए छोड़ दिया।
जॉइन खुद कॉलेज ग्रैजुएट थी वह चाहती थी कि उनके बेटे को अडॉप्ट करने वाले यानी गोद देने वाले पेरेंट्स भी पढ़े लिखे कॉलेज ग्रेच्युटी हो और इसीलिए स्टीव के पैदा होने से पहले यह डिसाइड हो गया था कि उन्हें एक लॉयर और उनकी वाइफ गोद लेंगे लेकिन जैसे ही स्टीव जॉब्स का जन्म हुआ और वह इस दुनिया में आए उन लोगों ने स्टीव को अडॉप्ट करने से मना कर दिया क्योंकि वह दोनों एक बेटी को गोद लेने की उम्मीद कर रहे थे।
लेकिन वही एक दूसरा कपल भी था जिसे वेटिंग लिस्ट में डाला गया था तभी कैलिफोर्निया के इस कपल को कॉल आया और उनसे पूछा कि एक लड़का पैदा हुआ है। आप इसे अडॉप्ट करने में इंटरेस्टेड हैं, उन पैरंट्स ने फौरन हां कर दी। लेकिन मदर जॉइन एडॉप्शन पेपर signs करने में थोड़ा संकोच कर रही थी क्योंकि अडॉप्ट करने वाली लेडी clara jobs कभी कॉलेज ग्रैजुएट नहीं हुई थी और उनके हस्बैंड paul jobs ने हाई स्कूल भी पास नहीं करा था।
लेकिन दोनों पैरंट्स ने ज्वाइन को बहुत कन्वेंस करने की कोशिश करी और उनसे प्रॉमिस कर कि वह उनके बेटे को जरूर कॉलेज पढ़ने भेजेंगे। जिस पर ज्वॉइन मान गई पोल और क्लारा जॉब्स ने इस बच्चे को अडॉप्ट कर इसका नाम उन्होंने रखा स्टीवन पॉल जॉब्स और इस तरह स्टीव जॉब्स की कहानी की शुरुआत हुई और 17 साल बाद अपने पेरेंट्स की सारी जन्म पूंजी लगवा के स्टीव फाइनली एक महंगे कॉलेज में गए इतने पैसे लगाने के 6 महीने बाद स्टीव को कॉलेज के पढ़ाई में कोई वैल्यू नजर नहीं आ रही थी।
उन्हें नहीं पता था कि उन्हें जिंदगी में क्या करना है और कॉलेज भी उनकी मदद नहीं कर रहा था जहां बस अपने पेरेंट्स की पूरी जिंदगी की सेविंग्स को खर्च कर रहे हैं और फिर वह एक डिसीजन लेते हैं जो की था कॉलेज क्यूट करने का। वह बस इस होप में कॉलेज छोड़ देंगे कि सब कुछ आगे जाकर ठीक हो ही जाएगा। उसे टाइम यह डिसीजन लेना उनकी जिंदगी की सबसे बड़ी बेवकूफी लग रही थी। उन्हें बहुत डर लग रहा था लेकिन यह उनकी लाइफ का सबसे बेस्ट डिसीजन साबित हुआ।
कॉलेज छोड़ने के साथ ही वह उन क्लासेस को भी छोड़ चुके थे जो उन्हें पसंद नहीं थी और अब वह उन चीजों पर फोकस कर पा रहे थे जिसमें उनका एक्चुअल में इंटरेस्ट था। लेकिन यह सब इतना आसान नहीं था उनके पास खाने को नहीं होता था तो पांच सेंस में को की खाली बोतल बेचा करते थे, हर संडे 7 मिल चलकर हरे कृष्ण मंदिर जाते थे ताकि उन्हें फ्री में खाने को मिल सके।
अपने इनट्यूशन को फॉलो करते-करते वह अपने कॉलेज में कैलीग्राफी से इंट्रोड्यूस हुए जहां पूरी कंट्री में सबसे बेस्ट कैलीग्राफी सिखाई जाती थी। पूरे कैंपस का हर एक पोस्टर हर एक लेवल इतना खूबसूरती से हाथ कैलीग्राफ करा गया था, जिसमें उन्हें इंटरेस्ट आने लगा और उन्होंने कैलीग्राफी की क्लासेस जॉइन करके यह सीखना शुरू कर दिया।
जहां उन्होंने SERIF और SANS SERIF टाइप फेस के बारे में सीखा लेटर्स के बीच में स्पेस कांबिनेशन को समझा टाइपोग्राफी की पूरी आर्ट को अच्छे से मास्टर कर, यह सब करते वक्त उन्हें जरा भी आईडिया नहीं था कि यह उनकी लाइफ में प्रैक्टिकल कैसे काम आने वाला है। लेकिन 10 साल बाद जब वह अपना सबसे पहले मैकिनटोश कंप्यूटर बना रहे थे। तब यह सब फुल सर्किल आने लगा mac दुनिया का सबसे पहला कंप्यूटर था जिसमें बहुत खूबसूरत टाइपोग्राफी उसे use करी गई थी।
अगर उनके पैरेंट्स ने उन्हें एक्सेप्ट ना कर होता, अगर उन्होंने कभी कॉलेज ना छोड़ा होता, कैलीग्राफी की क्लासेस नहीं ली होती, तो MAC में कभी इतने अच्छे टाइप फेस और फौंट्स नहीं होते। इन फैक्ट सिर्फ मेक में ही नहीं क्योंकि विंडो ने mac को ही कॉपी करा, तो इसलिए दुनिया के किसी कंप्यूटर में यह सब नहीं होता। लेकिन उस टाइम फ्यूचर को देख पाना इंपॉसिबल था। Steve को नहीं पता था कि जो वह कर रहे हैं जो डिसीजंस वह ले रहे हैं वह कितने पॉजिटिव और कितने नेगेटिव या उनके लिए अच्छा होगा या बहुत बुरा।
लेकिन आज पीछे मुड़कर हम सारे डॉट को कनेक्ट होते हुए देख सकते हैं इसीलिए स्टीव कहते हैं कि आपको यह भरोसा करना होगा कि आज आप जो कर रहे हो वह आपको नहीं पता कैसे लेकिन किसी न किसी तरह आपके एक ग्रेटर फ्यूचर को सर्व करेगा। वह कहीं ना कहीं आपका फ्यूचर में कनेक्ट करेगा, सारे डॉट एक-एक करके आपस में कनेक्ट होते रहेंगे। अब चाहे आप इस लाइफ कहो अपनी फीलिंग समझ लो, डेस्टिनी, इनट्यूशन, कर्म कुछ भी।
क्योंकि जब आप यह बिलीव करने लग जाते हो कि जो भी आपके साथ हो रहा है वह आगे जाकर किसने किसी फ्यूचर में कनेक्ट जरूर होगा। यह माइंडसेट आपको कॉन्फिडेंस देता है अपने हार्ट को फॉलो करने का आपको रिलाइज होता है कि आपकी लाइफ में जो कुछ भी हो रहा है उन सब के पीछे एक डीपर मीनिंग है जो आपको तब समझ आएगा जब आगे जाकर यह सारे डॉट कनेक्ट होने लगेंगे।
LOVE & LAST और इसी के साथ मेरी सबसे बेस्ट और भयानक कहानी लव एंड लास्ट की शुरुआत होती है। स्टीव जॉब्स ने अपने दोस्त स्टीव बॉस ने के साथ मिलकर अपने पेरेंट्स के गेराज में एप्पल की शुरुआत करें उसे टाइम दोनों ही अपने अर्ली 20 में थे दो लोगों के साथ गरज में शुरू हुआ एक छोटा सा बिजनेस अगले 10 सालों में 4000 एम्पलाइज के साथ दो बिलीयन डॉलर्स की कंपनी बन गई।
स्टीव सिर्फ 30 साल के ही हुए थे उन्होंने अब तक अपना सबसे बेस्ट प्रोडक्ट मेकिंग टॉर्च रिलीज से करा था लेकिन उन्हें अपनी कंपनी जिस कंपनी को स्टीव ने अपनी पूरी दिन रात की मेहनत से खड़ा किया था उसी कंपनी से उन्हें निकाल दिया गया। स्टीव ने अपनी पूरी जवानी को अपने थॉट, जिस पर काम करा। अचानक उनसे वह सब कुछ छीन लिया गया उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था कि अब आगे क्या किया जाए वह एक पब्लिक फिगर बन चुके थे।
उस टाइम उन्हें यह अपनी लाइफ का सबसे worst और बुरा फेस लग रहा था लेकिन एप्पल से निकल जाना उनकी लाइफ का सबसे अच्छा और इंपॉर्टेंट मोमेंट्स साबित हुआ। स्टीव कहते हैं
और अगले 5 साल उनकी लाइफ के सबसे क्रिएटिव पीरियड में से एक बने इस टाइम उन्होंने नेक्स्ट नाम से अपनी अगली कंपनी शुरू करें और एक और कंपनी PIXAR को भी शुरू कर जिसने दुनिया की सबसे पहली एनिमेटेड फीचर फिल्म टॉय स्टोरी बनाई और आज पिक्सर्त दुनिया का सबसे सक्सेसफुल एनीमेशन स्टूडियो है।
इस टाइम स्टीव अपनी वाइफ से भी मिले इस टीम ने नेक्स्ट में जो टेक्नोलॉजी क्रिएट करी थी उसे देखते हुए एप्पल ने नेक्स्ट को एक्वायर कर लिया जिसे आगे जाकर एप्पल प्रोडक्ट्स में बहुत इंपॉर्टेंट रोल प्ले कर इस एक्विजिशन के साथ स्टीव को एप्पल में दोबारा वापस बुला लिया गया। उनकी वाइफ लॉरेंस के साथ उनके रिलेशनशिप भी बहुत अच्छी रही उनके साथ चार बच्चे भी हुए आप अगर स्टीव को एप्पल से नहीं निकल गया होता तो शायद वह अपनी लाइफ के सबसे हैपिएस्ट मोमेंट्स को कभी जी ही नहीं पाते।
स्टीव कहते हैं जब भी लाइफ में कुछ बुरा होता है हमें कभी अपना faith अपना विश्वास नहीं खोना चाहिए। आपको हमेशा उसे ही ढूंढना है जिसे आप प्यार करते हो चाहे वह कोई इंसान हो या आपका काम आपकी लाइफ का अच्छा खासा हिस्सा आपका काम लेकर जाने वाला है अपने काम से सेटिस्फाइड रहने का सिर्फ एक ही रास्ता है।
वह कम करो जिससे आप ग्रेट वर्क मानते हो और ग्रेट वर्क करने का एक ही तरीका है वह करो जिससे आपको प्यार है। अगर आपको अभी तक वह काम नहीं मिला है जिससे आपको प्यार हो तो उसे ढूंढते रहो बाकी किसी में सेटल मत हो और इसी के साथ मेरी तीसरी और आखिरी स्टोरी शुरू होती है।
मेरी डेथ की स्टोरी असल में 17 साल की उम्र में स्टीव ने एक कोर्ट पढ़ा था । “If you live each day as if it was your last, someday you’ll most certainly be right.”
यानी अगर आप हरदिन को ऐसे जीते हो जैसे कि यह आपका आखरी दिन है तो एक न एक दिन आप सही साबित हो ही जाओगे अपनी पूरी लाइफ स्टीव हर सुबह उठकर खुद से एक ही सवाल पूछते थे अगर आज मेरा आखिरी दिन होता तो क्या मैं यह सब करता जो चीज मैं आज करने वाला हूं अगर लगातार कुछ दिनों तक उन्हें इसका आंसर जो मिलता रहता तो वह समझ जाता है कि उन्हें अपनी लाइफ में कुछ चेंज करने की जरूरत है।
यह याद रखना की एक न एक दिन हम मर जाएंगे यह हमें अपनी लाइफ के बड़े से बड़े डिसीजंस लेने में बहुत मदद करता है क्योंकि मौत के सामने सारी एक्सपेक्टशंस फीयर आफ फैलियर इन सिक्योरिटी एगो प्राइड सब कुछ गायब हो जाता है फिर आप क्लीयरली देख पाते हो कि आपके लिए क्या इंपॉर्टेंट है इस स्पीच को देने से पहले इस चीज को पता चला कि उन्हें कैंसर है सुबह 7:30 बजे उनकी बॉडी का एक स्कैन हुआ जिसमें उनके पेनक्रियाज में साफ-साफ एक ट्यूमर दिख रहा था।
डॉक्टर ने उन्हें बताया किइस कैंसर को ठीक नहीं कर जा सकता उनके पास जीने के लिए सिर्फ तीन से 6 महीने हैं डॉक्टर ने उन्हें एडवाइस कर की घर जाओ अपनी फैमिली के साथ टाइम स्पेंड करो अपना अलविदा कहे और फाइनल मोमेंट के लिए तैयार रहो।
लेकिन इस शाम उन्होंने अपनी बायोप्सी कार्रवाई जहां डॉक्टर ने उनके मुंह से इंडोस को पास कराया जो उनके पेट से होते हुए उनके इंटेस्टाइन तक पहुंचा पेनक्रियाज में sui दाल के कुछ टयूमर सेल्स को बाहर निकाला वह बस बेहोश थे लेकिन उनकी वाइफ जो कि उनके साथ थी उन्होंने स्टीव को बाद में बताया कि जब उनके टयूमर सेल्स को एग्जामिन कर गया तो पता चला कि यह एक रेयर टाइप आफ पेनक्रिएटिक कैंसर है।
जिसे सर्जरी की मदद से ठीक कर जा सकता है उन्होंने अपनी सर्जरी कराई और कैंसर खत्म कराया यह वह इंसिडेंट था जब वह मौत के इतने करीब आए थे तब उन्हें एक बात पता चली की कोई भी मरना नहीं चाहता जो लोग मरने के बाद स्वर्ग जाना चाहते हैं वह भी स्वर्ग जाने के लिए करने के लिए तैयार नहीं है डेथ वह डेस्टिनेशन है जो हम सबके लिए same है और कोई चाहे कुछ भी कर ले कोई भी इसके लिए कभी रेडी नहीं हो सकता
आपका टाइम इस दुनिया में लिमिटेड है एक न एक दिन यह खत्म हो जाएगा इसलिए इस टाइम को किसी और की जिंदगी जीने में बर्बाद मत करो लोग क्या सोचते हैं यह सोचकर जीना छोड़ दो औरों के शोर से अपने अंदर की आवाज को मत दबने दो और सबसे इंपॉर्टेंट अपने हार्ट को फॉलो करने की हिम्मत रखो।