दोस्तों how to change life in hindi यह लेख है उन लोगों के लिए जो खुद को और अपनी लाइफ को बेहतर बनाना चाहते हैं इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे आप हंड्रेड परसेंट गारंटीड अपनी लाइफ चेंज कर सकते हो हमारे बताए जाने वाले प्रैक्टिकल और एक्शनेबल तरीकों को फॉलो करके अगर लेख पसंद ना आए तो बेशक डिसलाइक मार देना और अगर पसंद आए तो share करें, क्योंकि हम आपके साथ बेस्ट साइंटिफिक स्ट्रैटेजिक और एक्शन प्लान शेयर करने वाले हैं जिससे काफी लोगों ने अपनी जिंदगी बदली है
और अगर आप अभी यह लेख पढ़ रहे हो हो तो इसे एक बात तो क्लियर है कि आप अपनी लाइफ चेंज करने के लिए सीरियस हो क्योंकि आप भीड़ में शामिल नहीं होना चाहते इसीलिए इस बात की गारंटी हम लेते हैं कि यह लेख पढने के बाद आपको और कोई हाउ टू चेंज योर लाइफ पर लेख या वीडियो नहीं देखनी पड़ेगी बस शर्त है कि आप इस लेख को लास्ट तक पूरा पढ़ें बिना स्किप करें और बताए जाने वाली हर एक टिप और डिसिप्लिन के साथ फॉलो करें तो शुरुआत इस कोर्ट से करते हैं
“अगर आप अपनी जिंदगी बदलना चाहते हो तो सबसे पहले आपको खुद को बदलना पड़ेगा।
How To CHANGE YOUR LIFE Completely Better | Hindi
हम में से ज्यादातर लोग अपनी जिंदगी आसपास के लोग और एनवायरमेंट को चेंज करने की कोशिश तो करते हैं लेकिन कुछ भी चेंज इसलिए नहीं होता क्योंकि कई बार वह खुद को चेंज नहीं कर पाते और वह इसलिए क्योंकि काफी कोशिश करने के बाद भी कोई रिजल्ट ही नहीं दिखता और इसी वजह से वक्त के साथ उनके मेमोरी से मोटिवेशन और डिजायर दोनों काम होते रहते हैं।
ऐसा क्यों होता है इसे ऊपर ग्राफ से समझते हैं और इस प्रॉब्लम को सॉल्व करते हैं असल में होता यह है कि हमारे मन मेमोरी में हम आज जो सोचते हैं उसकी पावर वक्त के साथ काम होती रहती है आपने आज जो ब्रेकफास्ट में खाया है वह आपको याद होगा शायद से दे जो एक हफ्ते पहले ब्रेकफास्ट में खाया था वह भी याद हो सकता है लेकिन क्या आपको याद है कि अपने 1 साल पहले से इसी डेट पर क्या खाया था खैर अगर आप भी हमारी तरह एक नॉर्मल इंसान हो तो बेशक आपको याद नहीं होगा।
How To Change Life In Hindi
लेकिन ऐसा हमारे साथ इसलिए होता है क्योंकि हम जो थॉट वर्क या हैबिट आज स्टार्ट करते हैं उसका इंपैक्ट और इंटरेस्ट हमारे मन से वक्त के साथ काम होता जाता है तभी हम उसे चीज से कुछ समय बाद बोर होकर या परेशान होकर उसे छोड़ देते हैं वही देखा जाए तो रिजल्ट्स मेमोरी से बिल्कुल अलग काम करते हैं अगर हम आज कोई हैबिट डालते हैं तो उसका फायदा हमें दे वन से ही नहीं होने लग जाता उसका फायदा हमें आज से कुछ महीना या सालों बाद होता है।
एग्जांपल अगर आप आज कोई बुक पढ़ते हो तो उसका फायदा आपको कुछ दिनों में या हफ्तों में नहीं बल्कि महीनो या सालों बाद मिलता है जिम में बॉडी कुछ दिनों में नहीं बल्कि महीनो या साल में बनती है तो से अगर आप आज से अपनी लाइफ चेंज करना स्टार्ट करते हो तो आपको रिजल्ट कुछ दिनों या कुछ हफ्तों में नहीं बल्कि महीना या साल में मिलेंगे हमें प्रैक्टिकल सोचने की जरूरत है।
आपका गोल जितना बड़ा होगा उतना ही लंबा टाइम पीरियड भी होगा रिजल्ट्स स्टार्टिंग में कम होते हैं लेकिन कंपाउंडिंग के थ्रू यह एक दिन बहुत बड़े हो जाते हैं आप चाहो तो इसका एक स्क्रीनशॉट भी ले सकते हो यह बिल्कुल Gerry Caller के बताए गए डोमिनो इफेक्ट की तरह ही है same बंबू ट्री वाली स्टोरी की तरह और आइंस्टीन के कंपाउंडिंग को लेकर व्यू की तरह मेमोरी और रिजल्ट्स का फ्लो तो हमने जान लिया लेकिन इतना जानना काफी नहीं है
हमारा यह भी जानना जरूरी है कि हमें कहां सेस्टार्ट करना है और हमें कहां जाना है तो यह जानने के लिए आपको थोड़ी सी मेहनत करनी पड़ेगी और हमें यकीन है कि आप करोगे आप एक डायरी, नोट बुक या पेपर शीट्स ले सकते हो जिसमें आपको लिखना है कि आपकी बेस्ट लाइफ कैसी होनी चाहिए
आप क्या वर्क कर रहे होंगे आपका लाइफ स्टाइल कैसा होगा आपको किन-किन चीजों की जरूरत है और किन चीजों की नहीं आपका एनवायरमेंट और आसपास के लोग कैसे होंगे आपकी अर्निंग कितनी होगी और आप कौन सी डेट और ईयर में यह सब अचीव कर लोगे ओवरऑल आपकी लाइफ कैसी होनी चाहिए
और दूसरे पेज में लिखना है कि अभी आपकी लाइफ कैसी है आप अपनी लाइफ को क्यों चेंज करना चाहते हो लाइफ को चेंज करने के लिए आपको क्या-क्या स्टेप्स लेने पड़ेंगे रिसर्च शो करती है कि goals लिखने से हमारे उन्हें अचीव करने के 80% चांसेस बढ़ जाते हैं लेकिन गोल और अचीवमेंट के बीच जो ब्रिज होता है वह है डिसिप्लिन और डिसिप्लिन आता है हमारी हैबिट्स से
हमारी अच्छी आदतें हमें काफी फायदे पहुंचती है और वही हमारी बेड हैबिट्स हमें जिंदगी में आगे बढ़ने नहीं देती हमेशा रुकती है तो एक पेपर पर आपने अपनी main बेड हैबिट्स और गुड हैबिट्स लिखनी है और यह जानने के बाद हमारे अंदर जो भी बात हमारे अंदर जो भी बुरी आदतें हैं उन्हें चेंज करना है क्योंकि जब तक हम उन्हें चेंज नहीं करेंगे हमारी लाइफ भी चेंज नहीं होगी।
लेकिन आपको ज्यादातर लोगों की तरह एक ही टाइम में बहुत सारी हैबिट्स को चेंज करने की गलती नहीं करनी है स्टार्टिंग में एक या दो हैबिट्स में ही कम करो उन्हें ठीक करने के बाद बाकियों पर आपको गोल पर फोकस करने से ज्यादा डेली हैबिट्स पर फोकस करना है अगर कंफ्यूजन है कि कितने दिन में हम हैबिट डाल सकते हैं तो हम आपके कन्फ्यूजन सॉल्व कर रहे हैं आपको 90 डेज चैलेंज देकर।
आपने जो भी हैबिट चुन्नी है उन्हें 90 डेज तक फॉलो करना है और इसे फॉलो करने के लिए आप प्रोडक्टिविटी ट्रैक्टर टूल्स जैसे कि टू डू लिस्ट हैबिट्स बोल गूगल कैलेंडर जर्नल एक्स्ट्रा उसे कर सकते हो अगर आप यह चैलेंज करने वाले हो तो कमेंट बॉक्स में 90 डेज चैलेंज लेकर हमें बताओ
देखो दोस्त लाइफ में आपको वह नहीं मिलता जो आप चाहते हो आपको वह मिलता है जो आप डिजर्व करते हो काफी स्टडीज के बाद पता चलता है कि आजकल के मॉडर्न वर्ल्ड की लाइफस्टाइल में हम ह्यूमंस की लाइफ के 5 मोस्ट इंर्पोटेंट में एरियाज यह है
- फिजिकल जिसमें हमारी हेल्थ और फिजिकल कंडीशन आती है
- फाइनेंशियल में हमारे इनकम, प्रोफेशन, स्किल, वेल्थ एक्स्ट्रा
- रिलेशन में हमारे लोगों से कनेक्शन, नेटवर्किंग और हमारे रिलेशनशिप
- मेंटल में हमारी मेंटल कंडीशन, मेंटल हेल्थ, नॉलेज, विजडम एक्स्ट्रा
- इमोशनल में हमारा इमोशंस पर कंट्रोल, प्रोएक्टिव होना, मैच्योरिटी, एंपैथी और फैमिली एंड फ्रेंड्स या पार्टनर से इमोशनल सपोर्ट
अब आपने इनमें से यह देखना है कि अभी आप अपनी लाइफ के इस एरिया में ठीक हो और किस में नहीं जिम ठीक नहीं हो आपको सिर्फ उनमें काम करना है एग्जांपल शायद आप अभी अपनी लाइफ के बाकी एरिया में ठीक होंगे सिर्फ अपने फाइनेंशियल और इमोशनल एरिया को छोड़कर तो आपको सिर्फ अन्य एरियाज में काम करना है बाकियों में अभी नहीं
क्योंकि हमें एक साथ सभी चीजों को ठीक करने की कोशिश में नहीं लग जाना है आराम से स्टेप बाय स्टेप चलना है आजकल ज्यादातर लोग इमोशनली बहुत ज्यादा स्ट्रगल कर रहे हैं या इमोशनली कमजोर है तो आप डेनियल Goleman की बुक इमोशनल इंटेलिजेंस भी पढ़ सकते हो।
और हां आपको हर किसी को नहीं बताना कि आप अपनी लाइफ चेंज करने वाले हो।
Work Hard In Silence, Let Your Success Make the Noise