दोस्तों हम सभी यंग एज में academy सक्सेस को chese करते हैं क्लास में बेस्ट फॉर्म करने के लिए एक दूसरे से कंप्लीट करते हैं और कभी-कभी तो लोग दिन-रात एक करके पढ़ाई करते हैं पर फिर भी अच्छे रिजल्ट्स अचीव नहीं कर पाते और वहीं कुछ स्टूडेंट्स जो एग्जाम देने से पहले बोलते हैं कि मैं तो ढंग से पढ़ ही नहीं पाया अक्सर ऐसे लोगों के बाकियों से ज्यादा मार्क्स आते हैं तो इस लेख में मैं आपको Padhne Ka amazing Tarika बताने वाला हूँ। जिसे कि ऑथर Cal Newport अपनी बुक how to become a straight a student में डिफाइन करते हुए कहते हैं।
हमें स्टडी हार्ड पर नहीं स्टडी स्मार्ट पर फोकस करना चाहिए जो ए ग्रेड स्टूडेंट होते हैं वह बाकियों से बहुत ज्यादा मेहनत नहीं करते वह भी same नंबर ऑफ पार्ट्स के लिए पढ़ते हैं कई बार तो बहुत ही काम स्टडी करते हैं पर उनका सीक्रेट होता है कि वह उसे टाइम में बहुत इफेक्टिवली पढ़ते हैं वह कुछ ऐसी स्ट्रैटेजिक और टेक्निक्स use करते हैं जिससे कि वह कम से कम टाइम में ज्यादासे ज्यादा नॉलेज ले पाते हैं और cal न्यूपोर्ट इसके पीछे का रीजन सीक्रेट्स और स्ट्रैटेजिस इन पॉइंट्स में कर करते हैं।
Padhne Ka Tarika चालाकी से पढ़ना सीखो , पढने का सही तरीका
1 Quiz And Recall (प्रश्नोत्तरी और स्मरण)
कई सारे स्टूडेंट एक बहुत बड़ी मिस्टेक करते हैं अगर उन्हें कोई चीज पढ़नी होती है या कुछ उन्हें याद करना होता है तो वह पहले बुक पढ़ कर या क्लास अटेंड करके उसे चैप्टर या टॉपिक के नोट्स बनाते हैं और उन्हें याद करने के लिए बार-बार उन नोटिस को पढ़ते रहते हैं उन्हें रीड करते हैं जिससे कि उन्हें लगता है कि वह अच्छा कर रहे हैं वह एक लाइन पढ़ते हैं और इमीडियाटली आंखें बंद करके उसे रिपीट करते हैं।
और उन्हें लगता है कि उन्हें सब याद हो गया पर असल में वह इनफॉरमेशन उनकी शॉर्ट टर्म मेमोरी में स्टोर हुई होती है जो लॉन्ग टर्म में उन्हें याद नहीं रहती कई साइंटिस्ट तो कहते हैं कि ऐसा करना स्टूडेंट में एक इल्यूजन क्रिएट करता है जिससे उन्हें बार-बार एक ही चीज पढ़ कर लगता है कि उन्हें सब कुछ याद हैपर जब एग्जाम्स में उनसे वहीं से क्वेश्चन पूछा जाता है तो उन्हें कुछ याद नहीं आता क्योंकि वह अब तक पढ़कर याद कर रहे थे और एग्जाम हॉल में वह पढ़कर तो आंसर नहीं कर सकते।
आइंस्टीन का कहना था कि आईएफ यू कैन’टी एक्सप्लेन इट्स सिंपली यू डॉन’टी अंडरस्टैंड आईटी वेल इनफ इसीलिए ऑथर कहते हैं कि जब आप क्वीज एंड recall मेथड का use करते हो जहाँ आपने जो पढ़ा है उसे बार-बार पढ़कर याद करने के बजाय अगर आप उसे खुद को समझने लगते हो उसे ठीक से समझते हो जहां आप ही स्टूडेंट और आप भी टीचर होते हो बजाय रट्टा मारने के अगर आप उसे लिख लिख कर समझते हो खुद को एक्सप्लेन करते हो
और बार-बार लिखते हो तो अब जब भी आपसे वह से क्वेश्चन पूछा जाएगा तो आपकी राइटिंग और एक्सप्लेनिंग मेमोरी trigger हो जाएगी और आप एग्जाम में सही से लिख पाओगे क्योंकि आपने लिखने की प्रैक्टिस की थी और आपने सिर्फ पढ़ा नहीं थाबल्कि समझा था।
2. Peseudo Work VS Deep Work (छद्म कार्य बनाम गहन कार्य)
Peseudo work को ऑथर describe करते हुए कहते हैं यह वह काम होता है जहां आप अपनी बुक के साथ desk पर बैठते हो जहां साथ में आपका फोन आपके पास होता है उसमें कंटीन्यूअस नोटिफिकेशंस आ रही होती है या फिर साथ में टीवी ऑन होता है या बैकग्राउंड में आपके दोस्त मजे कर रहे होते हैं और उनके बातें आपको सुनाई दे रही होती हैं। यानी जहां आपका काम के आसपास कहीं ऐसी चीज होती है जो आपको डिस्टर्ब करती है और आपको फॉक्स और कंसंट्रेशन नहीं करने देती।
वहीँ Deep Work में आपका फॉक्स सिर्फ एक ही चीज पर होता है आपके ब्रेन के पास उसे कम पर फोकस करने के अलावा कोई दूसरा ऑप्शन नहीं होता ऑथर इसका एक इक्वेशन भी देते हैं इसके According to work accomplished is equal to time spent in intensity. जहां सुडो वर्क में हमारे इंटेंसिटी कम होती है और उसे काम को खत्म करने मेंज्यादा टाइम लगता है जो ज्यादा मेंटल एनर्जी drain करता है और उस काम की क्वालिटी बहुत घट जाती है
वहीं डीप वर्क में हम अपने इंटेंसिटी को हाय कर देते हैं जिससे कि हमें टाइम भी कम लगता है और हम ज्यादा इफेक्टिवली उसे काम को कंप्लीट कर पाते हैं। तो हम कैसे अपने इंटेंसिटी को इंक्रीज करके deep work को अचीव कर सकते हैं विल इसका सॉल्यूशन ऑथर नेक्स्ट पॉइंट पर बताते हैं।
3. Where? When? How Long? ( कहाँ? कब? कितनी देर?)
ऑथर कहते हैं हमें खुद से तीन सवाल पूछने चाहिए When? How Long? में आपको आइसोलेशन प्लेस देखना चाहिए जहां कोई भी आपको डिस्टर्ब करने के लिए नहीं हो आप अकेले हो आसपास लोग ना हो आपका फोन साइलेंट होना चाहिए अपने डेस्क पर सिर्फ अपने काम की चीज रखो when यानि आपको जितना हो सके उतना जल्दी पढ़ना चाहिए क्योंकि ऑथर के अकॉर्डिंग जैसे-जैसे दिन गुजरता रहता है जैसे-जैसे दिन गुजरता रहता है हमारे मेंटल एनर्जी खर्च होती रहती है और आखिर में बहुत ही काम एनर्जी बचती है।
इसीलिए आपको सुबह जल्दी उठकर अपना मॉर्निंग रूटीन फॉलो करके जल्दी अपने काम पर लग जाना चाहिए जो आपका मोस्ट प्रोडक्टिव टाइम होता है हाउ लोंग के लिए ऑथर कहते हैं कि आपको अपने काम को 50 मिनट के मल्टीपल सेशंस में डिवाइड कर देना चाहिए इसमें हर 50 मिनट के बाद आपको 10 मिनट का ब्रेक लेना चाहिए पर आप शुरुआत में 30 मिनट का टारगेट पर सेट कर सकते हो जहां हर 30 मिनट के बाद आपको 5 मिनट का ब्रेक लेना चाहिए और धीरे-धीरे इस टाइम स्पेंड को इंक्रीज करते जाओ।
4 . Autopilot Schedule (ऑटो-पायलट अनुसूची)
ऑटो पायलट शेड्यूल अगर आप स्टडी करते हो तो आपका काम फिक्स्ड होता है आपको अपना सारा सिलेबस पता होता है आपके क्लासेस फिक्स्ड होती है आपके सारे टेस्ट और एग्जाम्स भी फिक्स होते हैं ऑथर कहते हैं हमारी स्टडी के टाइमलाइन ऑलरेडी इस्टैबलिश्ड होती है हमारे पास सभी असाइनमेंट और प्रोजेक्ट की डेडलाइन होती है।
जो जनरली आपकी इंस्टीट्यूशन स्कूल कॉलेज या टीचर्स डिसाइड करते हैं जहां यह सब कोई और फिक्स करता है तो आपका इस पर कोई कंट्रोल नहीं होता बट आपको एक चीज बहुत अच्छेसे कंट्रोल करनी पड़ती है वह आपका अपना स्टडी शेड्यूल यानी आप अपने सारे एकेडमिक स्कूल को कैसे अचीव करने वाले हो उसके लिए आपको हर दिन कितना पढ़ना है आपको इन सभी के प्लानिंग करनी चाहिए जिससे कि हम अपने शेड्यूल को ऑटो पायलट पर डाल सके।
फॉर एग्जांपल मान लो आपको फ्राइडे को पता चला कि आपका नेक्स्ट फ्राईडे मैच या फिर किसी भी एक सब्जेक्ट का टेस्ट है जिसमें आपको एक पार्टिकुलर चैप्टर की प्रिपरेशन करनी है अब जनरल स्टूडेंट स्टार्टिंग डेज में कुछ नहीं पढ़ते लास्ट के कुछ दिन बहुत ज्यादा पढ़ाई करते हैं कुछ तो एक रात पहले पढ़ने बैठते हैं जिससे आपका बाकी का शेड्यूल खराब हो जाता है साथ ही इतने कम टाइम में पढ़कर आप अच्छे रिजल्ट भी नहीं ला पाते।
जिसके लिए आपको यह करना चाहिए कि आप इस टेस्ट के लिए 7 देस के लिए यानी नेक्स्ट फ्राईडे तक एक फिक्स टाइम ब्लॉक कर दो थिस टाइम आप सिर्फ और सिर्फ उसे टेस्ट के लिए प्रिपेयर करोगे जहां आप हर दिन सिर्फ 1 घंटे के लिए पढ़ोगे जो की कंसिस्टेंट बेसिस पर करने से आपका ब्रायन उसे अच्छे से अब्जॉर्ब कर पाएगा और आपका पूरा दिन में बर्बाद नहीं होगा
5 Take Care Of Your Physical Health (अपने शारीरिक स्वास्थ्य का ख्याल रखें)
कई सारे स्टूडेंट की ऑथर से यही कंप्लेंट होती है कि वह फोकस नहीं कर पाते उन्हें बहुत नींद आती है उनमें एनर्जी नहीं है वह मोटिवेटेड नहीं रहते और बहुत जल्दी बीमार पड़ जाते हैं बट आप ही सोचिए कि ऐसी बेड फिजिक्स से कोई भी एक ए ग्रेड स्टूडेंट बन सकता है आंसर है ना क्योंकि आपकी फिजिकल हेल्थ आपके एकेडमिक एक्सीलेंस की फाउंडेशन होती है।
एक ए ग्रेड स्टूडेंट होने के लिए आपको ओलंपिक एथलीट की बॉडी बनाने की जरूरत नहीं है बट आपको अपनी बॉडी के सभी फंक्शंस को बटर कंडीशन में रखना बहुत जरूरी है फॉर एग्जांपल मान लो आप रास्ते में कहीं जा रहे थे और आपकाएक्सीडेंट हो गया और आपके पैर में काफी ज्यादा चोट लग गई अब अगर आप उसे रात पढ़ते बैठोगे तो आपका ध्यान पढ़ाई से ज्यादा आपके उसे पर के दर्द पर जाएगा और आप अच्छे से पढ़ नहीं पाओगे
अगर आपकी बॉडी अच्छी कंडीशन में नहीं है तो आपकी बॉडी खुद आपके लिए डिस्ट्रक्शन बन जाएगी जहां आपकी ब्रेन का फोकस आपकी बॉडी में चल रहा है छोटे-मोटे इश्यूज में ही इतना उलझा रहेगा की पढ़ाई पर फोकस ही नहीं कर पाएगा इसीलिए एक ए ग्रेट स्टूडेंट बनने के लिए आपके मन के साथ-साथ आप अपनी बॉडी का भी बहुत ज्यादा ख्याल रखना चाहिए।
6. Clarify Your Doubts Immediately (अपनी शंकाओं का तुरंत समाधान करें)
क्लेरिफाई और डाउट्स इम्मीडिएटली कई स्टूडेंट्स पढ़ते टाइम अपने डाउट्स को बचा के रख लेते हैं जिन्हें एग्जाम से कुछ हफ्ते पहले क्लियर करना शुरू करते हैं जिससे वह एग्जाम्स को लेकर और एंजियस और पैनिक होने लगते हैं इसका ऑथर कहते हैं कि एक ही सॉल्यूशन है आस्क क्वेश्चंस ए लोट ऑफ़ them जितने भी एक ग्रेट स्टूडेंट होते हैं उन सभी में एक चीज कॉमन होती है उन्हें चीजों की बहुत डीप नॉलेज होती है।
ऐसा नहीं होता है कि वह कुछ इंपॉर्टेंट पड़ता है और अगर उन्हें समझ नहीं आता तो वह उसे छोड़ देते हैं बल्कि वह उसे डाउट को इम्मीडिएटली क्लियर करते हैं क्योंकि ए ग्रेट स्टूडेंट कभी हाफ नॉलेज में रिलायं नहीं करते इसीलिए अपने मार्क्स को इंक्रीस करने के लिए आपको इस हैबिट को डेवलप करना बहुत जरूरी है जिसके लिए आपको रेगुलर क्लासेस अटेंड करनी चाहिए।
ऑथर क्लास ज्वाइन करने को बहुत इंपॉर्टेंट देते हैं कई स्टूडेंट्स को लगता है कि वह टीचर के बिना भी पढ़ सकते हैं और सेल्फ स्टडी से अच्छा स्कोर कर सकते हैं बल्कि यह बिल्कुल भी सच नहीं है आपका टीचर चाहे कितना भी बोरिंग को उनकी क्लास ज्वाइन करने से उनसे क्वेश्चंस पूछने से अपने डाउट क्लियर करने से आप अपना प्रेशियस टाइम save करते हो और ज्यादा तेजी से कांसेप्ट को समझ सकते हो उन्हें सकते हो उन्हें याद कर पाते हो जो कि सेल्फ स्टडी से करना बहुत ज्यादा मुश्किल होता है।