जल्दी नींद लाने के 7 जादुई उपाय – Neend Na Aaye To Kya Kare

Neend Na Aaye To Kya Kare – (7 Magical Tricks to Help you Fall Asleep Faster)

दोस्तोंShawn Stevenson  का कहना है कि हमारे खाने और एक्सरसाइज करने से भी 10 गुना ज्यादा इंपोर्टेंट होता है हमारा अच्छे तरीके से सोना और एक quality नींद लेना, लेकिन सिर्फ कुछ ही लोग स्लीप स्मार्ट की वैल्यू जानते हैं और हम में से अधिकतर लोगों को इसके रियल पावर का अंदाजा तक नहीं होता है जबकि स्लिप फाउंडेशन द्वारा पब्लिश की गई एक स्टडी के अकॉर्डिंग असल में अगले दिन हमारा मूड कितना सही होगा और हेल्थ कैसी होगी हम कितने energized , focused  एंड प्रोडक्टिव होंगे यह सब हमारे सोने के तरीके और क्वालिटी ऑफ़ स्लीप पर depend करता है।  Frontiers in Neurology ke अकॉर्डिंग कम नींद लेने वाले लोग अच्छी नींद लेने वाले लोगों से कम productive  और कम ener रहते है  Neend Na Aaye To Kya Kare

क्या आपको ये पता है कि अगर आप  लगातार 10 दिन तक  6- 7 या  उससे भी कम घंटे के लिए लेते हो तो 10 दिन बाद आपको वैसा ही same फील होगा जैसा कि 24 घंटे तक बिना सोये होता है स्तलीप deprivation से हमारी ट्रेन पावर और मेमोरी week  होने लगती है हम एक चीज अच्छे से याद नहीं रहती और हम मेंटली week  और कमजोर होने लगते हैं। 

Sleep Position

हमारी स्लीप position भी इसमें बहुत बड़ा रोल प्ले करती हैं आप कैसे सोते हैं सीधा या पेट के बल या राईट साइड या लेफ्ट साइड यह हमारी बॉडी  पे असर डालता है जिसे हम आगे डिटेल में एक्सप्लेन किया है अब चाहे आप किसी भी age ग्रुप के हो और कुछ भी करते हो ये आर्टिकल आपके लिए पढना बहुत ही जरुरी है क्यूंकि इस आर्टिकल के अंत तक आप अपने स्लीप की वैल्यू समझ के इसे बहुत सीरियस लेने लगेंगे सोने का एक स्मार्ट तरीका अपनके एक proper स्लीप लेने लगोगे। 

 Neend Na Aaye To Kya Kare तो आइये सबसे पहले ये जानते हैं कि असल में स्लीप क्या होती है और स्लीप क्यूँ जरुरी होती है

                                 What Is Sleep And Why Is It Important 

अगर हमे नींद आती है और अगर हम  दीपली  बेहोश होकर सो जाते हैं जहां सीधा हमारी अगले दिन आंखें  सुबह खुलती है तो इस एक रात के नींद में हमारा दिमाग हर 90 मिनट्स में  स्लीप के इन 3 फेसेस में घूमता रहता है जो है a. Deep Sleep B. Light Sleep  C. Rem Sleep जिसे  Dream Sleep भी कहते हैं।   

A. Deep sleep (गहरी नींद ) को आप एक पोस्ट डिलीवरी सर्विस की तरह देख सकते हो जहां पूरे दिन में इस पोस्ट ऑफिस यानी आपके ब्रेन में कई सारे मेल्स यानि इनफॉरमेशन कलेक्ट होती है आपने आज क्या पढ़ा क्या खाया, अच्छे बुरे मोमेंट्स सब कुछ आपको hippocampus में स्टोर होता है  जो आपके ब्रेन का एक तरह का टेम्पररी स्टोरेज स्पेस है जिसमे कोंसी इनफार्मेशन को मेमोरी की तरह आपके दिमाग में परमानेंटली स्टोर कर जाएगा

और कौन से इनफॉरमेशन यूजलेस है और यह डिसाइड होता है जहां दीप स्लीप में आप सभी  इनफॉरमेशन को मेरे ट्रक में डाल के इसके परमानेंट एड्रेस पर पहुंचते हो यानी   अपनी टेम्पररी मेमोरी को  परमानेंट बना दे और अगर आप सोने में  देर  जहां आप दोनों से पहले अपना फोन उसे करने में  करने में या कुछ काम करने में अपने स्कलीप के शरू के घंटो को waste कर दो तो आप अपनी दीप स्लीप को मिस कर दोगे क्यूंकि डीप स्लीपके बाद ही आती  है। 

B. Light Sleep में आप अपने पोस्ट ऑफिस को साफ़ कर रहे होते हो लाइट स्लीप का मैं रोले होता है आपके hippocampus को साफ करना जहाँ आपने जो कुछ भी सिख कोई भी मेमोरी बनाए कुछ भी याद कर वह अगर डीप स्लीप के प्रक्रिया में परमानेंटली स्टोर नहीं हुआ होगा तो लाइक स्लीप में सब कुछ साफ हो जाएगा और अगर आप 16 घंटे  से ज्तयादा देर तक जागे हुए हो तो आपके दिमाग के लिए किसी भी इनफार्मेशन को होल्ड करना और मुश्किल हो जाता है  जहाँ आपका hippocampus फुल हो जाता है और ज्यादा इनफॉरमेशन होल्ड  नहीं कर पता

आपने भी नोटिस करा होगा कि जब आप अपने आपको फाॅर्स करके बिना सोये लेट नाईट तक पढ़ने की कोशिश कर रहे होते हो तो आप एक लाइन को बार-बार पढ़ते रहते हो  ज्तादातर लाइट स्लीप हमारे स्लीप के schdule एंड में होती है जहां कई बार सुबह जल्दी उठना आपकी लाइट स्लीप के मेमोरी process को डिस्टर्ब कर सकता है  और अगर आप इसे भी ज्यादा जल्दी उठ जाओ तो आप अपनी rem स्लीप को भी डिस्टर्ब कर दोगे 

C. Rem Sleep   का मतलब होता है Rapid eye movement अगर आप किसी को सोते हुए नोटिस करो जो अपने rem sleep के फेस में है तो आप देखोगे कि की उसके बंद  आँखों की पुतलियाँ हलकी हलकी हिल रही होती हैं और बाकि सारी सारे बॉडी पैरालाइज हो गए होगी जहाँ वो चाहकर भी अपनी बॉडी को मूव नहीं कर सकता है rem स्आलीप के टाइम आपके ब्पब्केरें ब्रेन में क्या हो रहा होता है इसे समझने के लिए हमें एक एग्जांपल लेते हैं अगर दीप स्ऐलीप एक ऐसा  प्रोग्राम है जो आपके लिखे हुए सारे हैं मेल्स यानी इनफॉरमेशन को एक परमानेंट जगह स्टोर करता है तो वाही rem स्लीप  एक ऐसा प्रोग्राम है जो इन सभी नोट को स्टडी करता है एडिट करता है कोई भीsence बनाकर एक दूसरे से लिंग करता है और एक स्टोरी बनता है जिसे सोते हुए आप ड्रीम्स के रूप  में इंजॉय कर पाते

rem स्लीप में आपका ब्रेन आज की सारी इनफार्मेशन को आपके past से  किसी भी तरीके से कनेक्ट करने की कोशिश करता है जो आपके क्रिएटर साइट को अनलॉक करता है और अगर आप अपनी आर्यन स्लिप को मिस करने लगेंगे तो आपकी क्रिएटिविटी भी कम होती जाएगी और आप अपनी लाइफ की नार्मल प्रॉब्लम का भी कोई क्रिएटिव सॉल्यूशन नहीं निकाल पाएंगे और अगर हम एक अच्छे 7 से 9 घंटे के नींद नहीं लेंगे तो हमें इन तीनों स्लीप फेसेस में किसी  न किसी को जरुर मिस  कर देंगे जो तीनो ही हमारी हेल्थ ब्रेन प्रोडक्टिविटी  मूड और लाइफ से अलग-अलग तरह से इम्पैक्ट करती है।  

                          बेहतर नींद के लिए टिप्स (Tips To Better Sleep) 

1 सोने की स्थिति (Sleeping Position) 

आप किस तरह सोते हो ये भी आपकी  हेल्थ पे बहुत ज्यादा इम्पैक्ट करता है क्योंकि हमारे पेट में बहुत ही स्ट्रांग एसिड होता है और हमारे पेट की बनावट कुछ ऐसी होती है जिससे अगर हम राइट साइड में  लेट जायेंगे तो यह एसिड हमारी बॉडी के कोई और ऑर्गन्स तक  पहुंचकर  उन्हें डैमेज कर सकता है राईट साइड पे सोने से हमे एसिडिटी या heartburn जैसी कंडीशन हो जाती है जो इसी एसिड के गलत position की वजह से होती है डॉक्टर कहते हैं बार बार एसिड बनने  से कैंसर  जैसे बीमारी भी हो  सकती है 

Neend Na Aaye To Kya Kare

वैसे यह कुछ कॉमन स्लीपिंग position होती हैं beck यानि जहाँ आप बिलकुल सीधे लेट जाते हो  और दूसरा है stumach यानि आप उल्टा  पेट के बल होकर सोते हो और इनमे सबसे worst है  राईट साइड position वहीँ सबसे बेस्ट है लेफ्ट साइड मेडिकल delhi की एक रिपोर्ट के अनुसार लेफ्ट साइड सोने से  बॉडी आपकी बॉडी की alighment बिलकुल नेचुरल रहती है जहाँ आपकी स्पाइन कहीं  से भी curve नहीं होती और आपका पेट बिलकुल सही जगह पर होता है जिससे एसिड reflux और heartburn जैसी कंडीशन में  बहुत आराम मिलता है। 

दोस्तों सही  पोजीशन में हमारे लिए इसलिए सोना जरूरी है ताकि हम हर अगले दिन बिना किसी फिजिकल हेल्थ प्रॉब्लम को उठे और अगले दिन बिनाकोई हेल्थ प्रॉब्लम के सो सकें जिससे हम लिफेलोंग  एक  बेहतर और productive  जिंदगी जी सकें। 

2.एक नींद अभयारण्य बनाएं (Create A Sleep Sanctury) 

हमारा ब्रायन कुछ इस तरह से डिजाइन है कि यह हमारे इसको behavior को automate  ऑटोमेटिक करने के लिए हर जगह पैटर्न ढूंढ रहा है जैसे ही आप किचन में जाते हो तो आपका ब्रेन खाना खाने या बनाने का आटोमेटिक मोड on कर देता हैं 

  वैसे ही जब आप बाथरूम जाते हो तो सोचना नहीं पड़ता कि आप क्या करने आये हो आपके ब्रेन में हर जगह का एक fixed रोलर बन गया है जहां जाते ही आप बिना सोचे समझे  एक काम को करने लगते हो  कुछ इस तरह ही अगर आप अपने बेड को सिर्फ सोने के लिए use करोगे तो आपका ब्रेन एक पैटर्न को पकड़ लेना इसे लगने लगेगा बेड मतलब नींद अगर आप अपने बेड  को और बाकी काम के लिए use  करोगे तो इससे आप मेंटली सोने के लिए prepare नहीं कर पाओगे।  

जैसे अगर  बेड पड़े हुए अपना फोन use करते रहते हो या बेड पे खाना खाते हो और इसी बेड पर सोते भी हो तो जब भी आप अपने बेड पे आते हो तो आपका ब्रेन इतने सारी एक्टिविटी में कंफ्यूज   हो जाता है और नींद ना आने में प्रॉब्लम होती है । 

3. सूरज की रोशनी और सिकाडियन लय (Sunlight And Cicadian Rhythm)

आपकी आज रात की quality कैसी होगी इसक शुरुआत आपकी सुबह सही हो जाती है हम सब की बॉडी में एक circadian rhythm जहाँ हमारी बॉडी 24 घंटो में रात या दिन के हिसाब  से  कई  फिजिकल मेंटल और बिहेवियर चंगेस करती रहती है  आती हैजिंदगी से आप    जहाँ सनलाइट की हेल्प हमारी बॉडी अपनी circadian rhythm को मेन्टेन रक्ख्ती है।   

Take Sunlight – सूरज की रौशनी लेने से आपकी बॉडी में अपने आप आप हार्मोन्स रिलीज़ होने लगते हैं जिनकी दिन भर में जरुरत होती है जो आपके बायोलॉजिकल क्लॉक को मेन्टेन रखता है जिससे आपके ब्रेन को पता रहता है कि कब दिन है जब आपको जागे रहना है काम करना है और कब  रात है जब आपको रेस्ट करना है हर दिन सिर्फ 30 मिनट्स के लिए डायरेक्ट सनलाइट लेना से आपकी स्लीप quality बहुत हद तक बेहतर हो जाती  है  बहुत कम सनलाइट लेने से और और बहुत ज्यादा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक्स्पोज़र से हमारे ब्रायन को पता ही नहीं चलेगा कि कब सोना चाहिए और कब जागना है। 

4. सोने से पहले स्क्रीन से बचें (Avoid Screen Before Bedtime)

आजकल बच्चे हो बड़े हो या जवान अधिकतर लोग सोने से पहले रात को घंटो बेड पर लेते लेते फ़ोन use करते हैं जब तक उनकी आंखे थक न जाये और उन्हें नींद ना आ जाए जबकि किसी भी डिजिटल स्क्रीन पर निकलने वाले ब्लू लाइट हमारे बायोलॉजिकल क्लॉक को डिस्टर्ब करती है एक स्क्रीन से निकलने वाली लाइट पे फोकस करने से हमारे ब्रेन को ये लगता हैं की  अभी भी दिन हो रहा है जिससे हमे नींद आने में बहुत प्रॉब्लम होतीहै  और हमारी दीप स्लीप delay होती जाती है इसीलिए सोने से एक 1 घंटे पहले सभी तरह की स्कीम को  अपने फ़ोन टीवी लैपटॉप आदि  को अपने आप को दूर कर दो  है जो शुरुआत में  आपके  लिए टफ होगा लेकिन समय से साथ आप बोर होकर सोने लगोगे ये एक एसी आदत है जिसे आप जितनी जल्दी अपनी लाइफ    ईएसआई  नेता होगा लेकिन वक्त के साथ-साथआने की प्रॉब्लम को सॉल्व कर देगा 

5.योग और प्राणायाम (Yoga and Meditation)

रोजाना योग और प्राणायाम करना हमारी सेहत के लिए फायदेमंद होता हैं।  नींद ना आना या देरी से आना इसका मुख्य कारण हमारी मासिक  चिंता और तनाव है। हमारी  पिछला दिन कैसा बीता, कल कैसे बीतेगा, यही सब सोच-सोच के हम खुद अपनी नींद के दुश्मन बन जाते है। हर पल भूत और भविष्य के बारे में सोच-सोच के अपना आज (वर्तमान) न खराब करें। जो होना है, वो तो होकर ही रहेगा, आपके या किसी के भी कुछ भी सोचने से कुछ नहीं बदलने वाला। हाँ, एक चीज जरुर बदल सकती है, आपकी तबियत खराब हो सकती है। सोते समय तनाव में होने से आपके सोने के समय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। ध्यान और प्राणायाम का अभ्यास करने से आप चिंता से मुक्त रहेंगे और बाकी जरुरी चीजों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।

योग, मेडिटेशन आपकी सभी मानसिक चिंता, तनाव को दूर करने और आपके मन को शांत करने में मदद कर सकता है। यदि आप नियमित रुप से रोजाना अनुलोम-विलोम प्राणायाम करने का अभ्यास करें, जो कि हमारी की सभी तकलीफों का एक बेहद कारगर इलाज है। अनुलोम विलोम करते समय आप अपने दाहिने नाक को अपने दाहिने अंगूठे से हल्के दबाव के साथ ढंकते हुए अपने बाएं नाक से गहरी सांस अन्दर लें और फिर आप अपनी दायीं तर्जनी के साथ अपनी बाईं नाक को ढक लें और कुछ देर सांस को रोककर , फिर दाएं नाक से श्वास को धीरे-धीरे बाहर छोड़ें। यही प्रक्रिया को बारी-बारी से दोनों नाकों से दोहरायें। इस चक्र को 2-3 मिनट तक जारी रखें। यह तनाव और चिंता को कम करने के लिए सबसे अच्छा प्राणायाम माना जाता है।

6.संगीत आपको नींद लाने में मदद कर सकता है (Music Can Help You Sleep)

आपने देखा होगा कि कुछ लोग शोर में भी सो लेते हैं और कुछ लोग शांत वातावरण में भी नहीं सो पाते। जैसे सभी जीव-जन्तु अलग होते है, उसी प्रकार उनकी आदतें और क्रिया-कलाप भी अलग होता है। हर इंसान की अपनी एक आदत होती है इसी  तरह हर एक व्यक्ति की नींद की आदत भी अलग होती है। जहां एक ओर बहुत ज्यादा शोर से बेचैनी, झुंझलाहट होती है, वहीं बहुत ज्यादा शांति से हमारा मन उदास हो जाता है।

Neend Na Aaye To Kya Kare

आपने नोटिस किया होगा कि जब भी हम कोई मधुर संगीत या आरामदायक प्राकृतिक आवाजें सुनते हैं हो हमारा मूड एकदम अच्छा हो जाता है और जिससे हमें सोने में मदद मिलती हैं और जल्दी नींद भी आ जाती है, पर ऐसा सबके साथ नहीं होता है। संगीत को स्ट्रेस-बर्नर कहा जाता है। मुझे जब नींद नहीं आती है, तो मैं एकदम धीमें आवाज में गाने सुनने लगता हूँ, इससे मुझे कुछ ही देर में नींद आ जाती है। यह सच में बहुत कमाल का तरीका है और आपको भी इसे  एक बार जरुर ट्राई करना चाहिए।

7. पुस्तकें हमारी सच्ची दोस्त होती हैं (Books Are Our True Friend)

 सभी लोग यही कहते हैं की पुस्तकें हमारी सच्ची दोस्त होती हैं चाहे हम कितने भी बड़े क्यूँ न हो जाएँ। तो इस बात पर समय बर्बाद करने के बजाय कि आपको नींद क्आयूँ नहीं आ रही है इसकेलिए आपको अपने अध्ययन कक्ष या अपने घर के किसी भी शांत कोने में चले जाना चाहिए और कुछ समय किताब को  पढ़ने में बिताना चाहिए। कुछ ऐसा पढ़ें जो आपके लिए बौरिंग हो और जब आप कुछ ऐसा पढोगे तो आपको कुछ समय बाद जम्भाई आने लगेंगी और अब इससे आप भी सहमत होंगे कि कुछ उबाऊ पढ़ने से हमें तुरंत नींद आने शुरु हो जाती है।

निष्कर्ष

 दोस्तों ये सभी तकनीकें वो हैं, जो आपको अच्छी और स्वस्थ नींद प्राप्त करने के लिए चाहिए। लेकिन अगर आप तीन महीने या उससे अधिक समय से रातें सोने में परेशानी का सामना कर रहे हैं तो आप पूरी तरह से अनिद्रा से पीड़ित हो सकते हैं, इसके लिए आप अपने डॉक्टर या नींद विशेषज्ञ के साथ संपर्क करें। 

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