Real Life Motivational Story In Hindi | The Incredible Survival Story

दोस्तों ये कहानी है Real Life Motivational Story In Hindi – José Salvador Alvarenga की  तो 17 नवंबर 2012 मैक्सिको के छोटे से गांव में रह रहा एक फिशरमैन साल्वाडोर अल्वारेंगा जो अपने दोस्त  Ezequiel Cordoba  के साथ एक छोटी सी नाव में मछली पकड़ने के लिए मार्शल आइलैंड से निकलकर समंदर में जाता है समंदर भी वह जो दुनिया का सबसे बड़ा समंदर है पेसिफिक ओशन यानि प्रशांत महासागर यह पेसिफिक ओशन कितना बड़ा है इसका अंदाजा इस बात से लगाए जा सकता है कि अगर आप इस Earth की सारी जमीन, डेजर्ट, माउंटेंस, रिवर्स जितना भी कुछ उन सभी को अगर मिला भी दोगे तो भी यह सब स्पेसिफिक ओशन से छोटा ही रहेगा।  

Real Life Motivational Story In Hindi

 

 

The Incredible Survival Story of a Man Lost in the Pacific Ocean for 438 Days – Live every moment of Life to the Fullest.

उस दिन अल्वारेंगा का प्लान था कि वह दोनों boat से 120 किलोमीटर दूर स्पेसिफिक ओशन  में 30 घंटे बिताएंगे अच्छी मछलियां हाथ लगी तो ठीक वरना अपने घर को वापस लौट आएंगे और वह अपने साथ सिर्फ इतने समय का ही खाना लेकर गए थे अब अगर सब कुछ  अल्वारेंगा के इस प्लान के हिसाब से चला तो आज आप एक कहानी नहीं पढ़ रहे होते। 

क्योंकि अब आगे अल्वारेंगा और एज़ेकुइल कोर्डोबा के साथ जो हुआ वह उन्होंने कभी अपने सपने में भी नहीं सोचा था जिसे सुनकर आपका भी दिल दहल जाएगा और आपके लाइफ का एक ऐसा सबक सिखाने को मिलेगा जिसे आप अपनी लाइफ में कभी भुला नहीं पाओगे। 

अपने रास्ते पर आगे बढ़ते हुए अल्वारेंगा को पता चला कि धीरे-धीरे हवा का भाव तेज हो रहा है कुछ टाइम बाद हल्की-हल्की बारिश होने भी शुरू हो गई लेकिन अल्वारेंगा इसे इग्नोर करके आगे बढ़ता चला गया जैसे-जैसे वह आगे बढ़ता क्या हवा और बारिश तेज होती गई अल्वारेंगा को लगने लगा कि यह रिस्क उससे बहुत भारी पड़ सकता है पर वह फिर भी आगे बढ़ता गया एज़ेकुइल डरने लगा वह बार-बार अल्वारेंगा को वार्न करता रहा कि आगे जाने में और खतरा है

Real Life Motivational Story In Hindi

लेकिन अल्वारेंगा ने उसकी एक नहीं सुनी वह आगे बढ़ता रहा और फिर जमीन से करीब 80 किलोमीटर दूर पहुंच के अल्वारेंगा को रिलाइज होता है कि उसे बहुत बड़ी गलती हो गई हवा और बारिश इतनी तेज होते जा रही थी कि जैसे वह सीधा एक खतरनाक तूफान की ओर जा रहा हूं अल्वारेंगा और ऐसी केवल पैनिक कर जाते हैं और फौरन अपनी नाव को वापस मोड़ने की कोशिश कर ही रे होते हैं। 

पर अफसोस तब तक बहुत देर हो चुकी थी उनकी नाव इस तूफान की चपेट में आ चुकी थी करीब 100 गैलन जितना समंदर का पानी उनके नाव में आकर भर गया उनकी नाव बस डूबने से कुछ ही पल दूर थी पर दोनों ने बिना समय बर्बाद किया बाल्टी से पानी बाहर निकलना शुरू कर दिया 

जैसे तैसे तूफान में भटकने के बाद उन्होंने अपनी नाव को मोड़ के इस तूफान से बाहर निकाला और वापस मार्शल आइलैंड की ओर जाना शुरू कर दिया पूरी रात ठंडे पानी में गीले होने की वजह से दोनों की हालत बहुत खराब हो चुकी थी बुखार में रोते हुए उल्टी करते हुए जैसे तैसे वह समंदर के किनारे पहुंचने ही वाले थे। 

उन्हें दूर से माउंटेंस देखना शुरू हो गए थे तभी उनकी नाव की मोटर अटकने लगी और कुछ देर बाद एकदम से बंद हो गई, इस टाइम उन्हें पता चला कि उनकी नाव का तेल खत्म हो चुका है अल्वारेंगा ने फौरन अपना रेडियो निकाला और अपने बॉस को कॉल करा बिलि बिली हमारी मोटर खराब हो चुकी है बिलि ने रेस्पॉन्ड कर शांत हो जाओ कप्तान और अपने कोऑर्डिनेट्स बताओ हमारे पास GPS नहीं है अल्वारेंगा ने कहा तभी विली ने आर्डर दिया कोई बात नहीं अपना एंकर डाल दो और जहां हो वहीं रुक जाओ। 

इस मोमेंट अल्वारेंगा को याद आया कि वह निकलते समय एंकर लाना भूल गया था हमारे पास एंकर नहीं है प्लीज जल्दी आकर हमें बचाओ विली ने कहा ओके हम आ रहे हैं नाव का इंजन बंद हो चुका था और वह आप लहरों के साथ बहते हुए जा रहे थे कहां पता नहीं उनके हाथ में अब कुछ नहीं था बचने की अगर कोई उम्मीद उनके पास थी तो वह था उनका रेडियो पर बहते -बहते वो इतना दूर निकल आते हैं कि रेडियो से वह चाहे कितनी भी मदद मांग ले सामने से कोई रिस्पांस नहीं आता

और रिस्पांस का इंतजार करते-करते उनकी रेडियो की बैटरी भी खत्म हो जाती है और उसी के साथ जिंदा रहने की उनकी आखिरी उम्मीद भी खत्म हो जाती है उन्हें नहीं पता कि वह जमीन से 400 किलोमीटर दूर है और जाना भी है तो वह आखिर किस दिशा में जाना है और कैसे जाना है क्योंकि नव तो कम कर नहीं रही है

इतने बड़े समंदर में इतनी छोटी नाव को ढूंढना भी रेस्क्यू टीम के लिए इंपॉसिबल था और तो और तूफान के दौरान और तो और तूफान के दौरान नाव का वजन कम करने के लिए उन्होंने अपना सारा खाने पीने का सामान सारी मछलियां सब कुछ पानी में फेंक दिया था। 

ताकि वह हाई स्पीड में अपनी नाव को किनारे पर ले जा पाए अब ना ही इन दोनों के पास खाने को कुछ बचा था ना पीने को पानी जिंदा रहने के लिए उन्हें वह करना पड़ा जो उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था जो उन्होंने सोचा था कि वह कुछ घंटे में जमीन तक पहुंच जाएंगे वहीं अब उन्होंने इस बात की कल्पना भी नहीं की थी कि उन्हें 438 दिन लग जाएंगे

इसी के साथ दिन बीते रहे अब वह दोनों घंटा घंटा अपने हाथों को समंदर के पानी में डूबा के रखने लगे  और जैसे ही कोई मछली उनके हाथों के आसपास से गुजरती थी वह अपने नाखूनों के जोर से उसे पकड़ लेते थे फिर उससे कुछ देर धूप में सुख के कच्चा खा जाते थे इससे उनकी भूख मिट जाती थी और अपनी प्यास बुझाने के लिए वह मछलियों का खून पीते थे या कभी बारिश हो जाए तो उसका पानी पी लेते थे

पर हालात हमेशा इतने अच्छे नहीं रहते थे कभी-कभी पूरा दिन कोशिश करने के बाद भी कोई मछली उनके हाथ नहीं लगती थी और भूख मिटाने के लिए उन्होंने अपने नाखूनों को चबाकर खाना शुरू कर दिया था और अपने प्यास बुझाने के लिए उन्हें मजबूरन अपना ही पेशाब पीना पड़ा वह किस कदर मेंटल और फिजिकल टॉर्चर से गुजर रहे थे यह हम इमेजिन भी नहीं कर सकते

जैसे-तैसे 4 महीने गुजरने के बाद अल्वारेंगा को मछलियां खान की आदत से पड़ गई थी वह बारिश का पानी जमा करके बूंद बूंद पीते थे इतना की बस वो जिंदा रह पाए पर कोर्डोबा की हिम्मत अब टूट रही थी उसकी बॉडी अब और कच्चा मीट बर्दाश्त नहीं कर सकती थी उसने खाना बंद कर दिया वह कुछ भी खाता तो उसे उल्टा गाल देता उसकी तबीयत दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही थी

उसने अल्वारेंगा से कहा अगर मुझे कुछ हो जाए तो मेरी मां को मेरी तरफ से सॉरी बोलना मैं एक अच्छा बेटा नहीं बन पाया बस यह बोलकर खोलो बस सोया और फिर अगले सुबह नहीं उठा वह जा चुका था। 

अब अलवर आएगा के साथ बात करने के लिए और उसकी मदद करने के लिए कोई नहीं था हौसला देने के लिए भी अब कोई नहीं था वह अकेला हर एक दिन जिंदा रहने के लिए स्ट्रगल कर रहा था वह दिन भर कोर्डोबा की डेड बॉडी से बात करता रात को सोते हुए उसे बस यही डर सताता था कि कहीं यह रात उसकी आखिरी रात ना हो। 

6 महीने गुजर चुके थे अलवर का पेसिफिक ओशन के बीचों बीच आ गया था उसे नहीं पता था कि वह कहां है और कहां जा रहा हैइस टाइम तक उसकी भी जीने की उम्मीद खो चुकी थी तभी उसे दूर कहीं पानी पर बहता हुआ कुछ दिखाई दिया एक ship पर वह सिर्फ इतनी दूर था कि इतनी बड़ी शिप भी उसे एक चींटी के बराबर दिख रही थी। 

और उसकी खुद की नाव इतनी छोटी थी कि उसे अगर कोई उसके तरफ देख भी तब भी कोई उसे देख नहीं पाएगा उसने बहुत कोशिश करी कि काश उस कोई देख ले उसके पास नहीं कोई faregun न हीं कोई सिग्नल उसके आस पास से करीब 20 ship गुजरी और कई प्लेन भी ऊपर से उड़े वह बहुत चीखा चिल्लाया पर कोई असर नहीं हुआ। 

वह अपने घर से 10000 किलोमीटर दूर आ चुका था हाल ऐसा था कि वह बस मर ही चुका था इतने एक्सट्रीम मेंटल और फिजिकल प्रेशर झेलने के बाद उसे मौत भी अच्छे लगने लगी थी पर उसे अपनी मां की एक बात याद थी जो कहती थी कि खुद की जान लेने वाले कभी स्वर्ग में नहीं जाते बस इसी एक रीजन की वजह से उसने सुसाइड नहीं किया वरना वह 99% तो मर चुका था बस एक परसेंट जिंदा था। 

उसकी की जीने की चाहत ने हीं उसे 400 दिनों तक जिंदा रखा और अनजाने में उसने एक ऐसा वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया जिसे तोड़ने का कोई सपने में भी नहीं सोचेगा बिना खाना पानी के 438 दिन तक समंदर में जिंदा रहने का रिकॉर्ड क्योंकि 439 पर दिन पर उसे पास ही में एक छोटा सा आइलैंड देखा जिसे देखते ही यह मान लो जैसे एक मुर्दे में वापस जान आ गई हो वह आयरलैंड उसे करीब 15 किलोमीटर दूर था। 

और बोर्ड इस दिशा में जा रही थी उसे करीब एक घंटा लगा और वह उसे आयरलैंड के करीब पहुंच गया वह पानी में खुदा और लहरों के भाव से तैरता हुआ आइलैंड तक पहुंचा वह रेंगते हुए रेत की तरफ आया हराकर लेट गया उसे इतनी खुशी हुई जैसे उस मिट्टी नहीं सोने का खजाना मिल गया। 

हालत ये थे कि वह खुद सेकंड से ज्यादा खड़ा भी नहीं हो पा रहा था उसके अंदर इतनी जान भी नहीं बची थी कि वह अपने हाथ पैर दिला पाए वह उसी रेत में पड़ा रहा और बेहोश हो गया। वो Eban Atoll के रीजन में  के रीजन में एक छोटे से आइलैंड ट्रायल अलर्ट में आ पहुंचा था जब उसे होश आए तो उसने अपने आसपास उसे आयरलैंड के लोकल गार्ड को पाया जिसे तुरंत टीम से कांटेक्ट करके अल्वारेंगा की जान बचाई। 

Lesson From The Story (Real Life Motivational Story In Hindi)

अल्वारेंगा को ठीक होते ही उसके देश वापस भेज दिया गया जब वह वापस अपने फैमिली के पास पहुंचा तो सबको एक बहुत बड़ा झटका लगाक्योंकि सब यह मान चुके थे कि अल्वारेंगा अब इस दुनिया में नहीं रहा पर उसे जिंदा देखकर सब की आंखें खुली रह गई उसकी मां और बेटी फातिमा खुशी से रोने लगे आसपास के लोग उसकी कहानी सुनाने लगे। 

और इस कहानी ने उन सभी को यह सिखाया कि अगर हमारे अंदर कुछ करने की इच्छा हो कोई goal या कोई ड्रीम इतना जरूरी हो जितना एल्बम के लिए जिंदा रहना जरूरी थाजो बिना खाना बिना पानी और इतनी मुश्किल समय में भी जिंदा रह गया। तो हालात चाहे कितने भी खराब हो जाए कभी भी कोई परेशानी कोई रुकावट हमें अपने गोल तक पहुंचने से नहीं रोक सकती। 

अल्वारेंगा के साथ जितना बुरे से बड़ा हो सकता था तब हुआ पर एक ऐसी चीज थी जो उसके साथ अच्छी हुई कि वह मरा नहीं उसने हर दिन खुद को जिंदा रखा अगर आप जिंदा हो तो इससे बड़ी आपके पास कोई ब्लेसिंग नहीं है। 

आपकी जो भी प्रॉब्लम है जो भी सिचुएशन है बस यह याद रखो कि अगर आप जिंदा हो और आपके हाथ पर चल रहे हैं तो आप उसे लड़ सकते हो और जीत सकते हो जो हो गया सो बीत गया अब एक नई शुरुआत आपके हाथों में है। 

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