हम ज्यादातर खुद को या हमारी उम्र से बड़े लोगों को ही मेच्योर समझते हैं छोटो को नासमझ और बच्चा समझ के उन्हें हर बात पर समझने लगते हैं या फिर कभी कभार तो हम अपने बड़ों को ही maturely एडवाइस देने लगते हैं तो यह चीज एक्चुअली है क्या क्या हम सच में उतने मेच्योर हैं जितना हम खुद को समझते हैं या क्या हम भी ज्यादातर लोगों की तरह ही खुद को समझते तो मेच्योर हैं लेकिन हमारे एक्शंस सारे इमैच्योर होते हैं। तो आइये Mature Kaise Bane सब कुछ डिटेल में जानते हैं।
इस लेख में हम जानेंगे की रियल मैच्योरिटी क्या होती है और कितने टाइप की होती है इमैच्योर और मेच्योर लोगों की पर्सनैलिटी की कुछ साइंस और डिफरेंस उसके बाद हम आपको 5 तरीके बताएंगे जिन्हें आप आज ही से फॉलो करके लाइफ एक मैच्योर वे में जी सकते हो।
Mature Kaise Bane | How to become Mature Mentally and Confident |
What is MATURITY?
बेसिकली मैच्योरिटी का मतलब अपनी सोच अपने इमोशंस और अपने एक्शंस पर बैलेंस और कंट्रोल होना होता है और अगर हम क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट और यूनिवर्सिटी आफ टोरंटो के प्रोफेसर जॉर्डन पीटरसन के शब्दों में जाने तो उनका कहना है कि हम अपनी लाइफ में जितनी ज्यादा अलग-अलग तरीके की प्रॉब्लम्स और सिचुएशंस को एक्सपीरियंस करते हैं, यंग एज में जितनी ज्यादा रिस्पांसिबिलिटी लेकर खुद को और लाइफ को हैंडल करते हैं उतना ही ज्यादा हम मेच्योर होते हैं और एक परपजफुल लाइफ जीते हैं।
Types of Maturity
तो दोस्तों मैच्योरिटी के दो इंपॉर्टेंट एरियाज भी हैं पहले है मेंटल मैच्योरिटी जिसमें हमारी सोच और सिचुएशन को देखने का नजरिया शामिल होता है दूसरी है इमोशनल मेच्योरिटी जिसमें हम खुद के लिए और दूसरों के लिए इमोशनली कितने मेच्योर है मालूम होता है तो इन्हीं दोनों एरियाज को मिलाकर हमने आगे आने वाले पॉइंट्स तैयार किए हैं।
What are the SIGNS and Differences?
इमैच्योरिटी SIGNS वर्सेस मैच्योरिटी SIGNS, सबसे पहले जानते हैं कि इमैच्योरिटी के signs क्या-क्या है तो इमैच्योर लोग खुद को सबसे ज्यादा mature समझते हैं जो चीज या प्रोफेशन ट्रेंड में होता है उसे वो फॉलो करते हैं बजाए खुद के टैलेंट को पहचान के और सिर्फ एक लाइफ गोल को फॉलो करने के, बिना सोचे समझे कुछ भी बोल देना या सोचे बिना कि इससे किसी को बुरा लग सकता है।
या वह खुद बेवकूफ लग सकते हैं दूसरों के फिलिंग्स और दूसरों के बारे में न सोचना बस खुद के और खुद की फिलिंग्स के बारे में सोचना अपने मोशंस पर कंट्रोल न होना हर बात पर ओवररिएक्ट करना सबसे ज्यादा कूल दिखाने का शौक अपने आप को बहुत ज्यादा सीरियसली लेना लोगों की छोटी-छोटी बातों से बुरा मान जाना और दिल से लगा लेना सिर्फ अपनी ही बात करना बजाए दूसरे की बात सुनने के लोगों को फेक प्रोमिसेस करना और उन प्रोमिसेस को पूरा न करना।
अपने लाइफ को और खुद को दूसरों से कंपेयर करना और jealous फील करना किस्मत और लाइफ को कोसना, दूसरों के सामने खुद को परफेक्ट दिखाना लेकिन अकेले में खुद को पसंद ना करना अपनी मिस्टेक की रिस्पांसिबिलिटी खुद लेने की जगह दूसरों को ब्लेम करना ऐसे ही और भी काफी सारे signs है।
और वहीँ मैच्योरिटी के signs है लाइफ को एक पर्पस के साथ जीना मालूम होना कि उन्हें एक्जेक्टली लाइफ में क्या चाहिए और क्या करना है कुछ भी बोलने से पहले थोड़ा सोचना, दूसरों की फिलिंग्स और दूसरों के एक्शंस को समझना इमोशनल फूल न होना बल्कि अपने इमोशंस पर कंट्रोल रखना चाहे कोई भी सिचुएशन हो उसे शांत होकर हैंडल करना अपने आप को ज्यादा सीरियसली ना लेते हुए लोगों के मजाक में हंसना बिना रिस्पेक्ट गवाए।
खुद बोलने से ज्यादा दूसरों की बात ध्यान से सुना कोई वादा जल्दी से ना करना और जो कर दिया तो फिर उसे निभाना अपने मन हेल्थ रिलेशंस प्रोफेशन और नॉलेज को बेहतर बनाते रहना अपनी और अपनों के रिस्पांसिबिलिटी खुद लेना बाजए किसी और को ब्लेम करने के।
5 Ways to be Mature!
अब यह signs तो हमने जान लिए लेकिन सिर्फ इन्हें जान लेने से हम mature तो नहीं बन जाएंगे तो एक मैच्योर माइंड डेवलप करने के लिए कुछ तरीके अपनाने पड़ेंगे और वह तरीके हैं-
1 Don’t Think You Are Mature
जो ज्यादातर उम्र में बड़े लोग और यंग लोग गलती करते हैं वह है कि सभी अपने आप को मेच्योर समझते हैं कि मुझे सामने वाले से ज्यादा समझ है खैर यही कारण है रिलेशंस के बीच लड़ाइयां और अरगुमेंट्स का लेकिन जब हम अपने आप को बाकी लोगों की तरह ही एक नॉर्मल इंसान समझते हैं तो हम हमारे आसपास के लोगों से रिलेट कर पाते हैं बजाए यह सोचने के कोई मुझे नहीं समझ सकता क्योंकि मैं और मेरी सोच लोगों की सोच के परे हैं हम खुद को मेच्योर समझने से हम मेच्योर नहीं होते बल्कि हमारे एक्शन शो करते हैं कि हम कितने में चोर हैं
2 Be Proactive Not Reactive
हर सिचुएशन को हैंडल करने के हमारे पास दो ऑप्शंस होते हैं या तो हम प्रोएक्टिवली आराम से सोच समझकर सिचुएशन हैंडल कर सकते हैं जैसे MS धोनी मैच के दौरान करते हैं यह रिएक्टिवेली बिना सोचे समझे अपने आप से कंट्रोल खोकर रिएक्ट कर सकते हैं जैसे की बहुत ज्यादा एक्साइटेड हो जाना या बहुत ज्यादा गुस्सा हो जाना लेकिन प्रोएक्टिव रहना ही आपको एक बेहतर जिंदगी की ओर लेकर जाएगा क्योंकि हम कभी भी रिएक्टिव वे में मेच्योर नहीं हो सकते।
3. Understand Emotions And Control Them
चाहे इमोशंस खुद के हो या दूसरों के हमें सभी के इमोशंस समझना चाहिए और उन्हें सही तरह से हैंडल करना चाहिए हम सभी अपने इमोशंस तो अच्छी तरह से समझते हैं लेकिन अब से आप स्टार्ट करो कि जो बातें लोग आपसे नहीं कह पाते या जो इमोशंस वह आपको शो नहीं कर पातें वह आप खुद ही समझ सको दूसरे के नजरिए से दूसरे की सिचुएशन भी देखो कोई आपका करीबी है जिसने आपको गुस्से में कभी कुछ गलत बोल दिया फिर वह जब आपसे आकर माफी मांगे तो सामने वाले को माफ करना भी सीखो अगर आपसे कुछ गलत हो गया है तो आप भी सॉरी कहने में शर्माना मत यही मैच्योरिटी है
4 Stay Away From Drama
हम उन पांच लोगों की तरह ही बनते हैं जिनके साथ हम सबसे ज्यादा रहते हैं तभी तो कहते हैं कि हमें अपने दोस्त और अपनी संगत सोच समझ कर चुन्नी चाहिए तो जितना हो सके उतना नेगेटिव लोगों से और ड्रामा से दूर रहो जहां सब एक दूसरे से लड़ते हैं या नेगेटिव बातें करते हैं उन लोगों से दूरी बनाकर रखो
5 Take Responsibility, Don’t Blame
बहुत आसान होता है भगवान को लाइफ को फ्रेंड्स को सिचुएशन को या पेरेंट्स को ब्लेम करना कि मेरे पास यह नहीं है वो नहीं है इनकी वजह से मैं जो चाहता हूं वह नहीं कर पा रहा जब कुछ अच्छा कर दिया तो सारा क्रेडिट खुद का लेकिन अगर हमसे नहीं हो पाया तो बाकियों पर ब्लेम डाल दिया बेस्ट है कि हम अपनी और अपने आसपास के लोगों की रिस्पांसिबिलिटी खुद ले बजाय उन पर डिपेंड रहने के या उनसे बहुत सारे एक्सपेक्टशंस लगाने के। डॉन’टी बी ए फॉलोअर बी ए लीडर तो यह थे कुछ स्टेप्स एक मैच्योर और समझदार इंसान बनने के।
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