Eagle Motivation in Hindi

Eagle Motivation- (Attitude) रवैया हो तो बाज़ जैसा। 

आपका रवैया ही है जो किसी को भी हमारे साथ रहने पर मजबूर कर देता है क्यूंकि पैसा और रूप सबके पास नहीं होते फिर भी कई लोग ऐसे इंसान को पसंद करते हैं जिसके पास ये सब नहीं होता। तो अपना attitude आपको ऐसा बनाना चाहिए कि लोग आपसे impress हो जाएँ। पॉजिटिव attitude और चेहरे पर smile जिंदिगी में लिए हुए फैसला और लोगो बिच खुद को प्रेजेंट करने का ढंग ही आपको दुसरो से अलग करता है और एक अलग पहचान देता है।

 Eagle MotivationEagle Motivation

Eagle Motivation- यूँ तो जिंदगी में बहुत सी चीजे हैं जो हमारा attitude को बढाती हैं पर मैं जिसके बारे में आपको बता रहा हूँ वो खुद में ही एक positive attitude लेकर उड़ता है। आपको अपना attitude एक बाज कि तरह रखना चाहिए ना कि तोते कि तरह क्यूंकि तोता बोलता तो बहुत है लेकिन ज्यादा ऊंचाई तक उड़ नहीं सकता और  बाज़ बोलता बहुत कम है लेकिन सबसे ऊंचाई पर उड़ता है तो 7 जीवन बदलने वाली चीजें जो आपको बाज़ से सीखनी चाहिए।

 Eagle Motivation- पूरी दुनिया में पक्षियों की दस हजार से भी ज्यादा प्रजातिया पायी जाती है। सभी के वही दो पंजे, दो पंख और एक गर्दन होती है। लेकिन इन्ही में से एक ऐसा पक्षी है जिसकी एक अलग ही पहचान है जो आसमान का सीना चीर के हजारो मीटर ऊपर 120km/H से 320km/H  की रफ़्तार से उड़ता है। 

और जो खुद के कई गुना अधिक वजन के शिकार को भी अपने पंजो पे दबोच कर उड़ जाता है और इसी लिए उसे पक्षियों का राजा कहाँ जाता है जिसे हम बाज़ के नाम से जानते है और एक बाज़ इतना ऊँचा मुकाम हांसिल करता है अपनी ट्रेनिंग और अपनी संघर्ष की वजह से।

1.बाज़ जोखिम से कभी नहीं डरता-  अगर आप भी इस दुनिया में एक मुकाम हांसिल करना चाहते है तो एक बाज़ की तरह जोखिम लेना और मेहनत करना बहुत जरुरी है क्योकिं 25 से 30 की उम्र तक आने के बाद भी लोगो को रिस्क लेने से डर लगता है।

लेकिन एक बाज़ की जीवन की शुरुआत ही Risk से होती है। जिस उम्र में बाकि पक्षियों के बच्चे सिर्फ ची-ची करना सीखते है उस उम्र में एक मादा बाज़ अपने बच्चो को पंजो में दबोज़ कर हज़रो मीटर आसमान की उंचाईओ में उड़ जाती है। उसे ये बताने के लिए की तेरा जन्म आसमान का सीना चीर के सबसे ऊपर उड़ने के लिए हुआ है।

ज़मीन से हज़रो मीटर ऊपर लेजाकर मादा बाज़ अपने पंजो से उसे छोड़ देती है और यही से शरू होती है उसकी ट्रेनिंग, जब वो चूज़ा ज़मीन की तरफ तेज़ी से गिरने लगता है तो उसके पंख खुलने लगते है निचे आते-आते वो अपने पंख फड़फड़ाने लगता है।लेकिन वो अभी तक उड़ना नहीं सीखा है वो ज़मीन से कुछ ही ऊपर होता है ऐसा लगता है की कुछ ही सेकंड में उसका जीवन समाप्त हो जायेगा। 

लेकिन अचानक बच्चा जैसे ही धरती पर गिरने वाला होता है उसकी मां उसे पकड़ लेती है और फिर ऊपर ले कर जाती है।   उसकी ये ट्रेनिंग तब तक चलती रहती है जब तक वो उड़ना नहीं सिख जाता है। इतनी हाई रिस्क ट्रेनिंग होने के बाद इस दुनिया को एक बाज़ मिलता है।

दोस्तों बाज़ की यह ट्रेनिंग हमे बहुत बड़ी सिख देती है की अगर रिस्क लेना पड़े तो लो की अपने फिल्ड में अपने आप को इतना ट्रेंड कर लो की उस फिल्ड में आपसे ऊपर उड़ने के बारे में सोच कर लोगो के पसीने छूट जाये तभी आप अपने फिल्ड के बादशाह कहलाओगे।

 2.बाज़ कभी हार नहीं मानता- एक बाज़ की उम्र लगभग 70 साल होती है जब वह 30-35 साल का होता है तब एक परेशानी उसकी ज़िंदगी में मौत बनकर आती है जो आपकी परेशानिओ की तुलना में बहुत बड़ी होती है क्योकि 35 साल की उम्र में बाज़ की चोंच इतनी मुड़ जाती है की उसे शिकार निगलने में बहुत परेशानी होती है, उसके पंख भारी हो जाते है, छाती से चिपकने लगते है जिससे उड़ना बहुत मुश्किल हो जाता है, उसके पंजे लम्बे और लचीले हो जाते है जिससे वो शिकार को सही से नहीं पकड़ पता।

 अब उस बाज़ के पास सिर्फ 2 रास्ते होते है।

   1.वो अपने शरीर त्याग सकता है।
   2. सबसे कठिन और पीड़ा दायक रास्ता अपने आपको पुनः स्थापित कर फिर से आसमान का सीना चीर कर उड़ने का         और वो इसी दुसरे रास्ते को चुनता है।

बाज़ अपने पास की सबसे ऊँची छोटी पे पहुंच जाता है और वहां पर अपना घोसला बनाता है और फिर शरू होता है परेशानियो को जड़ से उखाड़ कर आसमान में उड़ने का सफर। वह अपनी चोंच को एक चट्टान पर मार-मार कर तोड़ देता है लहू लुहान हो जाता है और इंतजार करता है नई चोंच के आने का। उसके बाद अपनी नई चोंच से अपने पंजो को काट देता है और फिर इन्तजार करता है नए पंजो के उग आने का। 

और उसके बाद वह अपने एक-एक पंख को अपने शरीर से अलग करता है और फिर इन्तजार करता है नए पंख उग आने का और इस प्रक्रिया में लगभग 150 दिन का समय लगता है। इन 5 महीनो के कड़ी मेहनत से एक बाज़ का पुनः जन्म होता है वो फिर से तैयार हो जाता है आसमान का सीना चीर कर उड़ने के लिए।

दोस्तों बाज़ की यह ट्रेनिंग हमे बहुत बड़ी सिख देती है कि हमें कभी भी हार नहीं माननी चाहिए और खुद पर विश्वास करना चाहिए क्यूंकि हमें तब तक कोई नहीं हरा सकता जब तक हम खुद से ना हर जाएँ। 

3. बाज़ ऊंचाई पर अकेले उड़ता है-   बाज़ अकेले उड़ता है और बाकी पंछियों के मुकाबले सबसे ऊंचाई पर उड़ता है बाज़ कभी भी छोटे पंछियों के साथ नही उड़ता बाज़ हमेशा या तो बाज़ के साथ उड़ता है या फिर अकेला उड़ता है और इससे हें ये सिख मिलती है कि छोटी सोच वाले लोगो से हमेशा दूर रहें और अकेले रहें क्यूंकि येही टाइम जब खुद को जान्ने का असली मौका मिलता है। 

4. बाज़ का फोकस और नजरें स्ट्रोंग होती है- बाज़ का focus और नज़र बहुत ज्यादा क्लियर और बहुत ज्यादा स्ट्रोंग होता है बाज़ अपने शिकार को 3-4 km दूर से ही देख लेता है और जब एक बार उसे से अपना लक्ष्य दिख जाता है उसके बाद चाहे रस्ते में कितनी भी मुश्किल आयें वो अपने लक्ष्य को अनसिल करके ही दम लेता है। 

इससे हमे यह सिख मिलती है कि अपना विज़न क्लियर रखो और उसे हांसिल करने में चाहे कितनी भी मुश्किल आयें पीछे मत हटो। 

5. बाज़ मरे हुए जानवर को नहीं खता-  बाज़ कभी भी मरे हुए जानवर को नही खाता वो हमेशा जिन्दा शिकार करता है और इससे हमे ये सिख मिली है कि जो हमारा Past भूतकाल है वो मर चूका है तो अपने बीते हुए past पर ध्यान मत दो और अपनी आने वालीं जिंदिगी पर ध्यान लगाओ

और अपने past की यादें जो तुम्हे distract करती है उन्हें वहीँ रहने दो जहाँ उनकी जगह है और अपने past को अपने वर्तमान में जगह मत दो क्यूँकि past में तुम्हारे साथ कितना भी बुरा क्यूँ न हुआ हो वो सब बातें वो सब थॉट मर चुकें है और अब आप अपनी लाइफ में move on करो।  

6. बाज़ मुसीबतों से नहीं घबराता-   जब आंधी तूफान आते है तो बाज़ बहुत ज्यादा जोश में हो जाता है क्यूंकि जब बारिश होती है तो सरे पंछी छिपकर बैठ जाते है लेकिन बाज़ को बड़ा मजा आता है जब तेज हवाएं चलती है तो बाज़ उन हवाओं के सहारे तेजी से ऊपर की और उड़ता है और ऊपर उड़ते- उड़ते इतना ऊपर उड़ जाता हा कि बादलों से भी ऊपर पहुँच जाता है। 

 और इससे हमें यह सिख मिलती है कि मुसीबत में मजा ढूडऔ क्यूंकि हर बड़ी चुनोती अपने साथ में एक बहुत बड़ा अवसर लेकराती तो उस्बाज़ कि तरह तुम भी अपने अपने अवसर को पहचानो और जिस दिन आपने उन मुश्लिलों को पहचान लिया तो सारी मुश्किलें आपके नीचे होंगी और तुम उन मुश्किलों के ऊपर होगे।

7. बाज़ की life में comfort zone नहीं होता-  बाज़ अपने घोसले में से नरम घास को हमेश निकल देता है ताकि बाज का जो बच्चा होता है वो आरामदायक न हो सके क्यूंकि वो घोसले में comfortable हो गया तो वहीँ रहना पसंद करेगा लेकिन बाज़ कभी ऐसा होने नही देता बाज़ एक पक्षी है और उसे भी ये बात पता है कि आराम क्षेत्र में कोई वृद्धि नहीं है।

लेकिन हम तो इंसान है न और इंसान होने के बावजूद भी कई सारे लोग इस बात ओ को समझ ते ही नहीं आप जितना ज्यादा comfortzone में रहोगे आपकी लाइफ एक टाइम में उतनी ही ज्यादा uncomfortable हो जाएगी।

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